श्रीगंगानगर. नोटबंदी से पहले नकली नोटों का गोरखधंधा ना केवल सीमा पार से हो रहा था बल्कि देश के भीतर भी नकली नोट का कारोबार करने वाले तस्कर बड़े स्तर पर इसको अंजाम दे रहे थे. लेकिन अचानक नोटबंदी लागू होने से मानों नकली नोटों के करोबार से जुड़े मफियओं की कमर टूट गई हो.
नोटबंदी के 4 साल बाद फिर से जाली करेंसी बनाने वाले अब सक्रिय होते नजर आने लगे है. मंगलवार को घड़साना सीमा क्षेत्र मे तीन युवकों से पकड़े गए 1 लाख 35 हजार नकली नोट यही इशारा कर रहा है. ये सीमा पार की साजिश है या देश विरोधी ताकते है जो नकली नोटों का करोबार करके देश की अर्थव्यवस्था को खराब करना चाहते है. नकली नोटों के साथ पकड़े गये तीनों युवकों से पुलिस और सीमा सुरक्षा बल अब यह जानने में जुटी है की इनका नेटवर्क कहां और कैसे फैला हुआ है. सीमा सुरक्षा बल को पिछले कुछ दिनों से सूचनाएं मिल रही थी कि बॉर्डर एरिया में नकली नोटों का कारोबार शुरू हो चुका है.
गौरतलब है कि मंगलवार को सीमा सुरक्षा बल ने कार्रवाई करते हुए भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित घड़सान थाना क्षेत्र में नकली नोटों के साथ गिरोह चला रहे एक गिरोह को काबू कर सफलता हासिल की है. बीएसएफ और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर घड़सान थाना क्षेत्र में गिरोह के तीन सदस्यों को 1 लाख 35 हजार नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार आरोपियों की पहचान सतपाल सिंह, प्रगट सिंह और रणजीत सिंह के रूप में हुई. पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर तीन दिन के रिमांड पर लिया है.