कोटा. हाड़ौती जनसंघ का गढ़ रहा है, बीजेपी यहां हमेशा मजबूत रही है. राजस्थान में सरकार बने या नहीं, लेकिन हाड़ौती में दबदबा जरूर बीजेपी का रहा है. लेकिन अब यह दबदबा खत्म हो रहा है. इसके लिए बीजेपी में हाशिए पर चल रही सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के निकटतम विधायक और नेताओं ने आलाकमान को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है.
![Vasundhara Raje supporters kota news BJP defeat in Hadoti कोटा न्यूज हाड़ौती न्यूज वसुंधरा राजे के समर्थनक पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी Former Minister Pratap Singh Singhvi](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-kta-05b-bjp-05-08-feb-pkg-7201654_08022021215701_0802f_1612801621_739.jpg)
बारां जिले के छबड़ा विधानसभा सीट से विधायक और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी ने मीडिया के जरिए एक बयान जारी किया है. उन्होंने पूर्व मंत्री बाबूलाल वर्मा, जन अभाव अभियोग निराकरण समिति के पूर्व अध्यक्ष श्रीकृष्ण पाटीदार, पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत, पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल और विद्याशंकर नंदवाना का हवाला दिया है. उन्होंने कहा कि आलाकमान को आगाह करते हैं कि बीजेपी के अवैध गढ़ को धरातल से रसातल तक पहुंचाने का काम आलाकमान ने एक व्यक्ति के इशारे पर किया है. यही हालात बने रहे तो आने वाले समय में पार्टी की नाव डूबने से कोई भी ताकत बचा नहीं पाएगी.
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नेताओं ने कहा कि कोटा-दक्षिण और उत्तर दोनों नगर निगम में बीजेपी को ध्वस्त करते हुए कांग्रेस ने विजय परचम लहराया है. वहीं बूंदी में हम जिला प्रमुख नहीं बना पाए. कोटा और बारां जिले की रामगंजमंडी, कैथून, सांगोद, बारां, मांगरोल और अंता नगरीय निकायों में भी यही हाल हुए हैं. इसके अलावा बूंदी में अभी भी एक भी नगरीय निकाय में बीजेपी अपना चेयरमैन नहीं बना पाई है. बूंदी के केशवरायपाटन, कापरेन, लाखेरी, नैनवां और इन्द्रगढ़ में भी पार्टी का पूरी तरह सूपड़ा साफ हो गया.
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इन नेताओं ने आरोप लगाया है कि व्यक्ति विशेष के इशारे पर प्रदेश संगठन ने जन आधारहीन लोगों को चुनाव का प्रभारी बनाया. उनके कहने पर ही टिकटों का आवंटन किया गया. तभी जाकर यह हालात बने हैं, नहीं तो पूरे राजस्थान में मिसाल थी कि कोटा बीजेपी का अभेद गढ़ है, जिसको कांग्रेस कभी नहीं भेद सकी है. लेकिन दुर्भाग्य है कि उस किले में कांग्रेस में सेंध लगा ली, जिसका खून-पसीने से खड़ी करने वाली पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के मजबूत पकड़ के कारण ही झालावाड़ में बीजेपी की विजय पताका फहराई गई है. नहीं तो कोटा-बूंदी लोकसभा में पार्टी का पूरी तरह से सफाया हो जाता.
बीजेपी नेताओं ने चेतावनी दी है कि प्रदेश संगठन की अभी भी आंखें नहीं खोलता है, तो आने वाले पंचायत चुनाव और फिर होने वाली विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में भी पार्टी की ऐसी ही फजीहत होने से कोई इनकार नहीं कर सकता. इसलिए प्रदेश संगठन को आग्रह किया जाता है, व्यक्ति विशेष की गोदी में बैठने की जगह सबको साथ लेकर संतुलन बनाकर चलें तब ही पार्टी का भविष्य उज्जवल होगा.