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भरत सिंह का आरोप: कांग्रेस-भाजपा की मिलीभगत, विवाद की फाइल जयपुर मंगवाने का मतलब जांच को रोकना

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Published : Nov 23, 2021, 6:44 PM IST

सांगोद के कनवास थाने में दर्ज एक एफआईआर के मामले में सांगोद विधायक भरत सिंह ने आरोप लगाया है कि इस मामले में भाजपा और कांग्रेस की मिलीभगत है. उन्होंने इसकी जांच कोटा प्रशासन से ही करवाने की मांग का एक पत्र सीएम अशोक गहलोत को लिखा है.

Sangod MLA Bharat Singh
Sangod MLA Bharat Singh

कोटा. सांगोद के कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. वह बारां जिले के सोरसन अभ्यारण के मुद्दे पर लगातार मंत्री के खिलाफ बोलते आए हैं. अब उन्होंने सांगोद के कनवास थाने में दर्ज एक एफआईआर के मामले में मुद्दा उठाते हुए उसकी जांच कोटा प्रशासन से करवाने की मांग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की है. साथ ही उन्होंने इस मामले में राजनीतिक दखल का आरोप लगाते हुए कार्रवाई को रोकने की बात लिखी है.

सीएम गहलोत को लिखे पत्र में यह भी बताया है कि इस पूरे प्रकरण में भाजपा और कांग्रेस की जुगलबंदी उच्च स्तर पर है. सिंह के लिखे पत्र के अनुसार कनवास थाने में 28 अक्टूबर, 2021 को एक एफआईआर अमित कंस्ट्रक्शन कंपनी ने दर्ज करवाई थी. यह पीतामपुरा में क्रेशर व बिजली के 45 लाख रुपए के बकाया बिल के विवाद के संबंध में है. इस पत्रावली को पुलिस मुख्यालय मंगवा लिया गया है. सिंह का कहना है कि मुकदमे में जांच शुरू होने के पहले ही फाइल को जयपुर मुख्यालय क्यों मंगवाया गया है? यह जांच का विषय है, इस मामले में कौनसे नेता रुचि ले रहे हैं.

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सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि किसी भी फाइल को मुख्यालय मंगाने का मतलब जांच को रोकना ही होता है. मैंने इस संबंध में 26 अक्टूबर को एसीबी के डीजी बीएल सोनी (ACB DG BL Soni) को जांच के लिए पत्र लिखा था. उनसे बात भी की थी. इस फाइल को ही जयपुर क्यों मंगवाया, यह जांच का विषय है.

भ्रष्टाचार का यह शानदार प्रकरण है, जहां पर कांग्रेस और भाजपा की जुगलबंदी उच्च स्तर पर तालमेल का भव्य प्रदर्शन कर रही है. सिंह ने मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की जांच कोटा जिला प्रशासन (Kota District Administration) से ही करवाई जाए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके. साथ ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) से भी इस पूरे प्रकरण की जांच करवाई जाए.

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