Ragging in Punjab: रैगिंग से परेशान होकर नेशनल प्लेयर ने छोड़ा हॉस्टल, ट्रेन से पहुंची कोटा...RPF ने बाल कल्याण समिति को सौंपा

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Published : Jun 1, 2022, 1:28 PM IST

Updated : Jun 1, 2022, 3:03 PM IST

Ragging With National Hand Ball Player

हैंडबाल की नेशनल प्लेयर के हॉस्टल में रैगिंग से परेशान होकर हॉस्टल छोड़कर जाने का मामला सामने (Ragging With National Hand Ball Player) आया है. यह किशोरी ट्रेन में बैठकर मुंबई की तरफ जा रही थी. ऐसे में रामगंजमंडी में आरपीएफ ने किशोरी को ट्रेन से दस्तयाब किया और बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया है.

कोटा. पंजाब की हैंडबाल नेशनल प्लेयर ने रैगिंग से परेशान होकर हॉस्टल छोड़ (Ragging With National Hand Ball Player) दिया. अपने भविष्य की चिंता न करते हुए किशोरी ट्रेन में बैठकर मुंबई की तरफ रवाना हो गई. लेकिन आरपीएफ ने उसे रामगंजमंडी में ट्रेन से दस्तयाब कर लिया और बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश (RPF catches National Player In Kota) किया. जिसके बाद उसे अस्थाई आश्रय, कोटा के नांता किशोरी गृह में दिलाया है. इसके साथ ही इस किशोर खिलाड़ी के पिता और उसके हैंडबॉल कोच को सूचना दी है, वो भी कोटा आ रहे हैं.

अमृतसर विमेन कॉलेज की छात्रा: बाल कल्याण समिति के सदस्य अरुण भार्गव ने बताया कि 16 वर्षीय किशोरी जालंधर जिले के कामाख्या कोटली गांव निवासी है. वो अमृतसर के विमेन खालसा कॉलेज के हॉस्टल में रहकर (Kota RPF saves Junior National Player) पढ़ाई कर रही है. किशोरी से बातचीत में पता चला है कि वो सीनियर्स की रैगिंग से इतनी तंग थी कि उसने कॉलेज छोड़ने का फैसला ले लिया. वो अमृतसर से मुंबई जाने वाली गोल्डन टेंपल मेल में 30 मई को बैठ गई.

पंजाब की हैंडबॉल खिलाड़ी को RPF कोटा ने किया दस्तयाब

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एक यात्री ने किया सूचित: मंगलवार को इस प्लेयर पर रामगंजमंडी रेलवे स्टेशन पर एक यात्री की नजर पड़ी. उसे मामला संदिग्ध लगा और उसने आरपीएफ से सम्पर्क (Teenager National Player Found In Kota) किया. इसके बाद आरपीएफ की टीम ने प्लेयर को चाइल्डलाइन के कोऑर्डिनेटर यज्ञदत्त हाड़ा और रेखा शाक्य को सौंपा. किशोरी को उनके समक्ष पेश किया गया. काउंसलिंग के दौरान ही उसने बताया कि कॉलेज की सीनियर्स उसकी रैगिंग करती हैं और कई तरह से परेशान भी करती हैं. इस हैंडबॉल खिलाड़ी का आरोप है कि सीनियर्स ने उसकी झूठी शिकायत हॉस्टल वार्डन और प्रिंसिपल से की. जिससे उसे डर लगा कि वो हॉस्टल से निकाल दी जाएगी. इस अंदेशे के चलते वो हॉस्टल छोड़कर खुद ही बाहर चली आई.

किसान पिता कोटा रवाना: किशोरी ने बताया कि उसके पिता किसान हैं और वो पांच भाई बहन है. चूंकि उसका मोबाइल हॉस्टल वार्डन ने अपने पास रख लिया था इसलिए वो उन्हें ठीक से कुछ बता नहीं पाई. आरपीएफ की सूचना पर उसके पिता संग हैंडबॉल कोच भी कोटा (Punjab National Handball Player in Kota) आ रहे हैं. पिता के आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated :Jun 1, 2022, 3:03 PM IST
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