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SPECIAL : कचरे से नगर निगम बना रहा जैविक खाद्य, बेचने के लिए खोली दुकान

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Published : Jul 18, 2021, 1:02 PM IST

कोटा नगर निगम (Kota Municipal Corporation) ने आम जनता के लिए जैविक और ऑर्गेनिक खाद्य (Organic food) बनाने का काम शुरू कर दिया है. नगर निगम ने इसके लिए चंबल गार्डन (Chambal Garden) के नजदीक पूरा प्लांट डाल दिया है. जहां पर तीन तरह की केचुआ, जैविक और गौबर की खाद्य का उत्पादन हो रहा है.

कोटा निगम ने खाद्य बिक्री के लिए शुरू की दुकान,Kota Corporation started shop for sale of food
कोटा निगम ने खाद्य बिक्री के लिए शुरू की दुकान

कोटा. नगर निगम (Kota Municipal Corporation) का प्रमुख कार्य शहर की साफ-सफाई और विकास करवाने का है. इसके साथ ही आम जनता की जन सुविधाओं के लिए भी नगर निगम काम करती है, लेकिन कोटा में नगर निगम लोगों के बगीचों और गार्डन की चिंता भी करने लगी है. नगर निगम कोटा ने आम जनता के लिए जैविक और ऑर्गेनिक खाद्य (Organic food) बनाने का काम शुरू कर दिया है.

नगर निगम ने इसके लिए चंबल गार्डन के नजदीक पूरा प्लांट डाल दिया है. जहां पर तीन तरह की केचुआ, जैविक और गौबर की खाद्य का उत्पादन हो रहा है. साथ ही इसे बेचने के लिए निगम ने एक दुकान खोल दी है. जिसके बाद कोटा प्रदेश की ऐसी पहली नगर निगम है, जिसने इस तरह से खाद्य बनाकर बेचना शुरू किया है.

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कोटा दक्षिण नगर निगम के जिम्मे करीब 300 से ज्यादा पार्क हैं. जिनकी सार संभाल नगर निगम दक्षिणी कर रहा है. इन सभी पार्कों में जो पेड़ लगे हुए हैं या घास उगी है, उनकी पत्तियों के सूख जाने पर पहले पिक आ जा रहा था, लेकिन अब इसे एकत्रित किया जाता है. साथ ही नगर निगम के साधनों के जरिए उन्हें चंबल गार्डन स्थित खाद्य उत्पादन प्लांट पर लाया जाता है.

कोटा निगम ने खाद्य बिक्री के लिए शुरू की दुकान

यहां हर साल करीब हजारों किलो सुखी पत्तियों का कचरा होता है, जिसे छांट लिया जाता है. इनमें से पॉलिथीन और अन्य अनुपयोगी कचरा बाहर निकालकर खाद्य बनाने में उपयोग लिया जाता है. जिस तरह से नर्सरी पेड़-पौधे बेचने के साथ खाद्य भी बेचती है, वैसे ही नगर निगम कोटा दक्षिण ने खाद्य बेचने का काम शुरू किया है. नगर निगम के आयुक्त कीर्ति राठौड़ के निर्देश पर कार्मिकों ने खाद्य बनाने का प्लांट तैयार किया है. जहां पर ही ये खाद्य बनाई जा रही है. जिसमें पत्ती की खाद्य (वर्मी कंपोस्ट लीफ मोल्ड कंपोस्ट) बनाने के लिए 5 फीट गहरा कंपोस्ट पिट बनाया गया है. जिसमें कंपोस्ट खाद्य बनाई जाती है.

यह गोबर, मिट्टी, पानी और सूखे पेड़-पत्तियों से मिलाकर बनाई जाती है, जो कि करीब 6 महीने में तैयार होती है. नगर निगम में यह खाद्य 60 से 80 हजार किलो हर 6 महीने में तैयार हो रही है. कंपोस्ट खाद्य के लिए भी अब स्थाई पिट तैयार किए जा रहे हैं. इसी तरह से केंचुआ खाद्य के लिए पहले से ही नगर निगम में 11 फीट बनाए हुए हैं. जिनमें हर महीने करीब 500 किलो केंचुआ खाद्य तैयार की जा रही है. जिसको नगर निगम के गार्डन नहीं अभी तो उपयोग किया जा रहा था, लेकिन अब बेचना भी शुरू कर दिया गया है. साथ ही नगर निगम की गौशाला से जो पुराना गोबर है, उसे एकत्रित कर छानकर खाद्य तैयार की जाती है, अभी तक करीब 30000 क्विंटल तैयार की गई है.

कोटा दक्षिण के महापौर राजीव अग्रवाल का कहना है कि नगर निगम ने अब यह खाद्य आम लोगों को बेचना भी शुरू किया है, जो कि 8 से 10 रुपए किलो में बेची जा रही है. पहले अधिकांश खाद्य का उपयोग नगर निगम की जो 300 पार्क हैं. उनमें भी इनका उपयोग किया जाएगा, लेकिन अब आम लोगों के लिए गार्डन और बगीचे सही रहे. इसके लिए जैविक और ऑर्गेनिक खाद्य उन्हें उपलब्ध करा रहे हैं. इससे पेड़-पौधों पर कीड़े भी नहीं लगेंगे, बीमारियों से भी दूर रहेंगे. साथ ही नेचुरल तरह की खाद्य का उपयोग करने से पेड़ पौधों की ग्रोथ ज्यादा होगी.

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अधिशासी अभियंता एक्यू कुरैशी ने बताया कि चंबल गार्डन के स्टोर से भी हम खाद्य को बेचने का काम कर रहे हैं. इसके अलावा नगर निगम की सीएडी सर्किल के पास स्थित दुकान भी खोली गई है. हम लोगों में जागरूकता लाना चाहते हैं कि पेस्टिसाइड रसायनिक खाद्यों से जो नुकसान है, उससे इस जैविक खाद्य के जरिए बचाया जा सकता है. इसके लिए तैयार की गई खाद्य को कट्टों में भरकर दुकान तक पहुंचा दिया गया है. साथ ही कार्मिकों की ड्यूटी भी वहां पर लगा दी है. खाद्य बेचने के साथ हिसाब किताब रखना है.

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