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NEET UG 2021: पिछली बार से पेपर आसान, लेकिन असंतुलित...सेक्शन-बी निर्धारित करेगा सफलता की परफॉर्मेंस

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Published : Sep 12, 2021, 7:52 PM IST

Updated : Sep 12, 2021, 10:37 PM IST

कोटा के 56 केंद्रों पर भी पुलिस की सख्ती के साथ परीक्षा (NEET UG 2021) हुई, जिनमें 20140 विद्यार्थी रजिस्टर्ड थे. इनमें से 19739 विद्यार्थी ही परीक्षा देने के लिए पहुंचे, यानी कि कोटा के सेंटरों पर विद्यार्थियों की उपस्थिति करीब 98 फीसदी रही है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के कोटा सिटी को-ऑर्डिनेटर प्रदीप सिंह गौड़ ने बताया कि किसी भी तरह की कोई अप्रत्याशित घटना नहीं हुई है. सभी विद्यार्थियों ने नॉर्मल तरीके से ही परीक्षा दी है. जानिये परीक्षा पेपर का पूरा लेखाजोखा...

NEET UG 2021
नीट 2021 एग्जाम एनालिसिस

कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2021 (NEET UG 2021) को आज रविवार को आयोजित किया गया था. देशभर के सैकड़ों सेंटरों के साथ कोटा के 56 केंद्रों पर भी पुलिस की सख्ती के साथ परीक्षा हुई.

कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट्स के अनुसार नीट यूजी 2021 का प्रश्न पत्र (Examination Paper) इस बार आसान था, लेकिन पूरा पेपर असंतुलित था. एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि इस बार पेपर A व B दो सेक्शन के अनुसार हुआ था. ऐसे में सभी विषयों जूलॉजी, बॉटनी, फिजिक्स व केमिस्ट्री में सेक्शन B ही विद्यार्थियों की सफलता की परफॉर्मेंस को निर्धारित करेगी. इसके साथ ही फिजिक्स व केमिस्ट्री में कुछ प्रश्न जेईई मेन 2021 के प्रश्न पत्रों से पूछें गए है.

पिछले साल की तुलना में लंबा था पेपर

कोटा की निजी कोचिंग संस्थान के निदेशक बृजेश माहेश्वरी ने बताया कि हर विषय में सवाल अच्छे और लेंदी थे, जिससे समय अधिक लगा. डिफिकल्टी लेवल गत वर्ष की तुलना में ज्यादा था. पूरा पेपर एनसीईआरटी (NCERT) बेस्ड रहा. बॉयलोजी में कुछ टॉपिक्स जैसे जेनेटिक्स व इकोलॉजी ऐसे रहे, जिनके सवाल बॉटनी में भी आए और जूलॉजी में भी आए.

ओवरऑल पेपर गत वर्ष की तुलना

एक्सपर्ट ने बताया कि नीट यूजी 2021 की कटऑफ बढ़ेगी या घटेगी यह कहना जल्दबाजी होगी. क्वेश्चन पेपर के सोल्यूशन्स के आधार पर आंसर-की बनेगी. इसके बाद ही विद्यार्थियों को मार्क्स-कैलकुलेट करने के लिए कहा जाएगा. विद्यार्थी के अर्जित अंकों के डाटा-एनालिसिस के पश्चात ही कटऑफ मार्क्स के बढ़ने या घटने पर कुछ कहा जा सकेगा.

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देव शर्मा ने बताया कि ने बताया कि एनटीए की काउंसलिंग-एलिजिबिलिटी की कटऑफ जनरल कैटेगरी के लिए 50 परसेंटाइल निर्धारित है. ओबीसी, एससी व एसटी आरक्षित वर्ग के लिए यह कटऑफ 40 परसेंटाइल है. क्योंकि कटऑफ परसेंटाइल में है, ऐसे में फर्स्ट रैंकर के अर्जित मार्क्स के आधार पर यह हर साल बदलती है. बीते साल 2021 में जनरल कैटेगरी के लिए कट ऑफ मार्क्स 147, ओबीसी एससी व एसटी कैटेगरी के लिए 113 घोषित किए गए थे जबकि पूर्णांक 720 थे. इस वर्ष भी पूर्णांक 720 ही हैं, लेकिन कटऑफ मार्क्स क्या रहेंगे, इसके बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता.

सब्जेक्ट के अनुसार पेपर का एनालिसिस

फिजिक्स: 12वीं के सिलेबस से पूछे गए ज्यादा सवाल : कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट मानना है कि यदि कैपेसिटर, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक-वेव व रेडियोएक्टिविटी के कुछ प्रश्नों को छोड़ दिया जाए तो फिजिक्स के प्रश्न-पत्र का पार्ट-ए अत्यंत साधारण एवं फार्मूला बेस्ड रहा. पार्ट-बी सापेक्ष तौर पर थोड़ा डिफिकल्ट रहा. कैपेसिटर, अल्टरनेटिंग-करंट, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक-वेव, फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट, डुएल नेचर ऑफ मैटर तथा लॉजिक-गेट,जेनर-डायोड से कुछ स्तरीय प्रश्न पूछे गए. मेटल-सर्फेस से उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉन की डीब्रोग्ली-वेवलेंथ से संबंधित एक स्तरीय प्रश्न विद्यार्थियों के मध्य चर्चा का विषय बना रहा.

मैकेनिक्स, प्रॉपर्टीज ऑफ मैटर, ग्रेविटेशन, तथा हीट एंड थर्मोडायनेमिक्स साधारण प्रश्न पूछें गए. फिजिक्स के पेपर में कुल 50 प्रश्न पूछे गए थे. सबसे ज्यादा 20 प्रश्न इलेक्ट्रोडायनेमिक्स टॉपिक से पूछे गए. इसी प्रकार मैकेनिक्स से 15, हीट से 2, एसएचएम वेव्ज से 2, ऑप्टिक्स से 4 एवं मॉडर्न फिजिक्स एंड इलेक्ट्रोनिक्स से कुल 7 प्रश्न आए. सेक्शन ए में 35 व सेक्शन बी में 15 प्रश्न पूछे। सेक्शन ए में 11वीं कक्षा के सिलेबस से 11 व 12वीं कक्षा के सिलेबस से 14 प्रश्न आए.

सेक्शन ए में 12 प्रश्न आसान, 20 प्रश्नों का स्तर मध्यम एवं तीन प्रश्नों का स्तर कठिन रहा. इसी प्रकार सेक्शन बी में 11वीं कक्षा के सिलेबस से 6 एवं 12वीं से 9 प्रश्न आए. सेक्शन बी में 3 प्रश्नों का स्तर आसान, 6 मध्यम एवं 6 का स्तर कठिन रहा.

केमिस्ट्री: एस्परीन, मोरफीन व हेरोइन जैसे एनल्जेसिक्स से पूछे सवाल : देव शर्मा ने बताया कि केमिस्ट्री के प्रश्न पत्र में इनऑर्गेनिक-केमिस्ट्री का पलड़ा भारी रहा. पीरियोडिक-प्रॉपर्टीज, केमिकल-बॉन्डिंग, एक्सट्रैक्शन ऑफ़ मेटल्स, सरफेस केमिस्ट्री तथा केमेस्ट्री इन एवरीडे लाइफ के फैक्ट-बेस्ड क्वेश्चन पूछें गए. केमेस्ट्री इन एवरीडे लाइफ से एनाल्जेसिक-ड्रग्स एस्पिरिन, मार्फिन तथा हीरोइन पर प्रश्न पूछा गया. नोवोलेक-पालीमर पर जेईई-मेन-2021 जैसा ही प्रश्न पूछा गया. फिजिकल केमिस्ट्री से सॉलिड स्टेट, केमिकल-थर्मोडायनेमिक्स तथा इलेक्ट्रोकेमेस्ट्री पर प्रश्न पूछे गए.

केमिकल-काइनेटिक्स से प्रश्न नहीं पूछा जाना आश्चर्यजनक रहा. ऑर्गेनिक केमिस्ट्री के प्रश्न आईयूपीएसी नेमिंग, नेम-रिएक्शंस तथा रिएजेंट-आईडेंटिफिकेशन पर आधारित रहे. केमिस्ट्री के इस प्रश्न पत्र को अत्यंत साधारण कहा जा सकता है. कैमिस्ट्री का लेवल 2020 की तुलना में थोड़ा ज्यादा कठिन रहा.

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फिजीकल कैमिस्ट्री से 16, इनऑर्गेनिक कैमिस्ट्री से 17 एवं ऑर्गेनिक कैमिस्ट्री से 17 प्रश्न पूछे गए. सेक्शन ए में 35 प्रश्न आए, जिसमें 11वीं कक्षा के सिलेबस से 15 व 12वीं कक्षा से 20 प्रश्न आए. सेक्शन में 14 प्रश्नों का स्तर आसान, 17 मध्यम एवं 4 कठिन स्तरीय रहे. इसी प्रकार सेक्शन बी में कुल 15 प्रश्न आए, जिसमें 11वीं कक्षा के सिलेबस से 5 व 12वीं से 10 प्रश्न आए. कुल 5 प्रश्नों का स्तर आसान, 7 का स्तर मध्यम एवं तीन आसान स्तरीय रहे.

बायोलॉजी: एनसीईआरटी के सिलेबस से बाहर से पूछा जूलॉजी में रिप्रोडक्शन से संबंधित प्रश्न, कुछ में प्रिंटिंग मिस्टेक : निजी कोचिंग के निदेशक नितिन विजय का कहना है कि बायोलॉजी के पेपर का कठिनाई स्तर आसान था. इस वर्ष पेपर दो सेक्शन में विभाजित था. इसके अलावा बॉटनी का सेक्शन जूलॉजी की तुलना में कठिन था. ओवरऑल बायोलॉजी बहुत आसान और स्कोरिंग थी.

अगर पिछले 5 वर्षो केजूलॉजी के पेपर से तुलना की जाए तो उसके मुकाबले इस वर्ष जूलॉजी का सेक्शन थोड़ा कठिन था. देव शर्मा ने बताया कि वर्ष-2021 के नए पेपर-पैटर्न के अनुसार बाटनी व जूलॉजी विषयों को अलग अलग कर दिया गया था. दोनों विषयों पर 50-50 प्रश्न पूछे गए. जूलॉजी में रिप्रोडक्शन से संबंधित एक प्रश्न एनसीईआरटी सिलेबस से बाहर पूछा गया जो विद्यार्थीयों में चर्चा का विषय बना रहा.

बॉयलोजी के पेपर का कवरेज लगभग 90 प्रतिशत एनसीईआरटी बेस्ड रहा. पेपर में इस बार सबसे ज्यादा प्रश्न सेल बॉयलोजी, बॉयोमोलीक्यूल्स एवं जेनेटिक्स से पूछे गए. इसके अलावा तीनों टॉपिक के प्रश्न बोटनी व जूलॉजी दोनों में पूछे गए. इकोलॉजी के प्रश्न भी बोटनी व जूलॉजी दोनों में पूछे गए. कुछ प्रश्नों के मुद्रण में त्रुटि थी. प्लांट किंग्डम में प्रश्न के मुद्रण में गलती से अर्थ गलत हो रहा था. फ्लोरल फार्मूला के प्रश्न में प्रश्न की संख्या गलत दी हुई थी व एक प्रश्न में हिन्दी अनुवाद की गलती भी रही.

Last Updated : Sep 12, 2021, 10:37 PM IST
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