Flood Like Situation in Kota : मानसून की झमाझम से हाड़ौती के 38 डैम हुए लबालब, बड़े बांधों से गेट खोलकर हो रही पानी की निकासी...

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Published : Jul 26, 2022, 10:07 PM IST

Flood Like Situation in Kota

मानसून की बारिश से हाड़ौती के करीब 38 बांध (Heavy Rain in Kota) लबालब हो गए हैं. इनमें 26 बड़े और 12 डैम छोटे हैं बड़े बांधों से लगातार गेट खोल कर पानी की निकासी की जा रही है. जिसके चलते निचले हिस्सों में पानी भरने का भी खतरा बना हुआ है.

कोटा. जिले में बीते 24 घंटे में करीब 3 इंच बारिश हुई है. इसके चलते हालात बिगड़ गए. ऐसे ही हालात बूंदी, बारां व झालावाड़ में भी लगातार बारिश से बने हुए. दूसरी तरफ मानसून की बारिश से हाड़ौती के करीब 38 डैम (Kota Division Saw Heavy Rainfall) लबालब हो गए हैं. इनमें 26 बड़े और 12 डैम छोटे हैं. बड़े बांधों से लगातार गेट खोल कर पानी की निकासी की जा रही है, जिसके चलते निचले हिस्सों में पानी भरने का भी खतरा बना हुआ है. दूसरी तरफ छोटे डैम में कई फिट की चादर चल रही है.

बूंदी जिले के बरधा बांध में तो करीब 15 दिन से ही ऐसे हालात है. वहां पर कई फीट की चादर चल रही है. इसके अलावा बारिश से आमजन को नुकसान भी हुआ है. कई कच्चे व पक्के मकान धराशायी हो गए. यहां तक कि कोटा में प्रेम नगर इलाके में नाले की पुलिया भी टूट गई. जिसके चलते अब लोगों को 1 से 2 किलोमीटर घूम कर जाना पड़ रहा है. हालांकि, आज कोटा में राहत की सांस लोगों ने ली है. सुबह से महज शाम तक महज 4.7 मिलीमीटर बारिश ही दर्ज की गई है.

हाड़ौती में बाढ़ जैसे हालात...

हाड़ौती के 38 डैम पर चल रही पानी की चादरः कोटा संभाग में बड़े और छोटे मिलाकर 38 डैम फुल हो गए हैं. इनमें 5 बांधों के गेट खोल कर पानी की निकासी भी की गई. इसके अलावा अगर छोटे-बड़े बांधों को अलग-अलग किया जाए तो बड़े 46 डैम में 21 फूल हो गए हैं. जिनमें पानी की चादर चल रही है. जबकि 5 डैम के गेट खोल कर पानी की निकासी की गई है. 15 डैम के अगली आने वाली बारिश में फुल होने की संभावना है. वहीं शेष पांच डैम में अभी 25 से 70 फीसदी तक पानी की जरूरत है. छोटे बांधों की बात की जाए तो 37 छोटे बड़े डैम में से 12 डैम पूरी तरह फूल हो गए हैं. जबकि 15 डैम में 10 से 25 प्रतिशत पानी शेष है. बचे हुए 10 डैम में 25 से 75 फीसदी पानी की जरूरत है.

यह डैम पूरी तरह लबालब, कुछ को और बारिश का इंतजारः चंबल नदी पर बने कोटा बैराज और जवाहर सागर बांध से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. इनके केचमेंट एरिया में पानी आ रहा है. चंबल नदी कोटा बैराज 261 और जवाहर सागर 301 मीटर भरा हुआ है. वहीं राणा प्रताप सागर बांध में भी 352.81 मीटर गेज की अपेक्षा 351.70 तक पानी आ गया है. जबकि कोटा संभाग के पूरी तरह से भर चुके बांधों में बारां जिले का गोपालपुरा, उम्मेद सागर, हिंगलोट, इकलेरा सागर, रटलाई, बूंदी जिले का गुढ़ा, बरधा, पैबालपुरा, चाकन, भीमलत, अभयपुरा, बड़ा नयागांव व रुणीजा डैम शामिल है. झालावाड़ जिले का छापी, भीमसागर, कालीसिंध, गागरिन, कालीखार, गुलेण्डी, भिमानी, रेवा, कनवारा व सारणखेड़ी फुल हो गया है. जबकि कोटा जिले के आलनिया और सावन भादो डैम पूरी तरह से लबालब हो गए हैं.

पूरी रात रहे डर के साए में, मकानों में हो गए कैदः कोटा शहर के प्रेम नगर व अनंतपुरा इलाके की निचली बस्तियों में पानी सोमवार रात को प्रवेश कर गया था. काफी तेज बहाव के साथ बह रहा था. यह पानी नालों से होता हुआ सड़कों में आ गया. वहां की सड़कें भी दरिया की तरह बहने लगी थी. सड़कों पर खड़े हुए वाहन भी बह निकले थे. इन लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू टीम भी पहुंची थी, लेकिन लोगों ने निकलने से मना कर दिया और पूरी रात यह डर के साए में ही रहे. पानी का बहाव ज्यादा तेज था. ऐसे नहीं यह लोग घरों के बाहर भी नहीं निकल पाए और पूरी रात कैद रहे. हालांकि गनीमत रही कि कल शाम से ही बारिश कम हो गई थी, जिसके चलते नाले का उफान सुबह तक कम हो गया और लोगों ने राहत की सांस ली.

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रिवर फ्रंट पर लाखों की मशीनरी में घुसा पानीः कोटा में 1000 करोड़ से ज्यादा की लागत से हेरिटेज रिवर फंड का निर्माण करवाया जा रहा है. जिसको लेकर भारी मशीनरी भी संवेदकों ने मंगाई हुई है. सोमवार को कोटा बैराज से करीब डेढ़ लाख क्यूसेक पानी की निकासी की. लेकिन अचानक हुई इस निकासी के चलते भारी मशीनरी चंबल में ही डूब गई. इन भारी मशीनों और क्रेनों को नदी के किनारों से नहीं निकाला गया था. ऐसे में यह मशीनरी उसमें ही डूब गई, हालांकि जंजीरों से ही बांधा हुआ था. ऐसे में यह पानी के बहाव के साथ आगे नहीं गई, लेकिन यह पूरी तरह से डूब गई थी. अब इस मशीनरी को सुधारने के लिए मैकेनिक को को बुलाया गया है और मौके पर ही इन्हें दुरुस्त करवाया जाएगा.

कहीं अंडरपास में फंस गई कार, तो तेज बहाव में जीप बह गईः कोटा के गोविंद नगर अंडरपास में सोमवार को एक कार फंस गई थी. जिसे काफी मशक्कत कर निकाला गया. इसमें चार युवक सवार थे, और वह शराब के नशे में बिना कुछ सोचे समझे कार को पानी से लबालब भरे अंडरपास में ले गए. बाद में कार को क्रेन की मदद से निकाला गया. ऐसा ही वाकिया मंडाना इलाके में भी हुआ. जहां पर मंडाना से रावठा जा रही जीप को गलती से तेज बहाव के नाले में उतार दिया. जिसके चलते उसमें सवार पालक चंद्रप्रकाश और उसके तीन बेटियों की जान आफत में आ गई. हालांकि स्थानीय लोगों ने उन्हें बाहर निकाल लिया, लेकिन बोलेरो पूरी तरह से डूब गई. जिसे बाद में क्रेन की मदद से बाहर निकाला गया.

बीमार को खाट से तैराते हुए ले जाना पड़ाः भारी बारिश के बाद नदी नाले खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं. इसके चलते कई मार्ग अवरुद्ध हैं. बारां के छबड़ा क्षेत्र के मुंडला पंचायत के कछावन गांव का संपर्क पार्वती नदी आ जाने के चलते उपखंड मुख्यालय से कट गया है. नदी पर बनी रपट पर कई फीट तक पानी की चादर चल रही है. ऐसे 70 वर्षीय बुजुर्ग बीमार महिला गुलाब बाई को छबड़ा अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रामीणों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. ग्रामीणों ने अपनी जान की बाजी लगाकर बुजुर्ग महिला को नदी पार कराई. जिसमें बड़े ट्यूब पर खाट रख बुजुर्ग महिला को उस पर लेटाया गया है. फिर गांव के नौजवान युवक ट्यूब के सहारे खाट पर लेटी बुजुर्ग महिला को नदी पार कराया है.

करीब दो दर्जन गांव बने हुए हैं टापूः कोटा संभाग की बात की जाए तो करीब दो दर्जन गांव टापू बने हुए हैं. इनमें कोटा शहर से सटे ग्राम पंचायत कोलाना के धिंगदा में तीन- चार रास्ते हैं. लेकिन चारों ही कच्चे रास्ते हैं और बारिश के मौसम में चारों ही रास्ते ब्लॉक हो जाते हैं. ऐसे ही हालात पीपल्दा एरिया का है. कालीसिंध नदी के किनारे पर बसे इटावा इलाके के नोनेरा पंचायत का नारायणपुरा गांव पिछले 4 दिनों से टापू बना हुआ है. नारायणपुरा के एनीकट पर करीब 2 फिट पानी की चादर चल रही है. जिसके कारण नारायणपुरा गांव का इटावा सहित सभी स्थानों से संपर्क कटा हुआ है. करवाड़ ग्राम पंचायत क्षेत्र में लगातार बारिश के चलते कई परिवारों के सामने अब यह बारिश आफत बनने लगी है. करवाड़ में बारिश के चलते 2 परिवारों के कच्चे मकान ढह गए. हालांकि कोई जनहानि नही हुई.

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मध्यप्रदेश और सवाई माधोपुर से सीधा संपर्क कटाः नदियों में पानी आने के चलते कई छोटे-मोटे मार्ग पहले से ही बंद हैं. इसके अलावा स्टेट हाईवे भी बाधित हो रहे हैं. कोटा संभाग की उजाड़, आहू, कालीसिंध, परवन, पार्वती, और चंबल नदी उफान पर है. कालीसिंध और पार्वती नदी में मध्यप्रदेश से काफी पानी की आवक हो रही है. नदियों में पानी आ जाने के चलते कई छोटे-मोटे मार्ग पहले से ही बंद है. इसके अलावा स्टेट हाईवे भी बाधित हो रहे हैं.

कोटा जिले के इटावा उपखंड क्षेत्र के खातोली के पास से निकल रही पार्वती नदी की पुलिया पर (Flood Like Situation in Kota) करीब 6 फिट पानी की चादर चलने के साथ ही राजस्थान और मध्य प्रदेश का संपर्क कट गया. जिससे स्टेट हाईवे 70 कोटा श्योपुर राजमार्ग भी अवरुद्ध हो गया. वहीं, कैथूदा के पास से निकल रही चम्बल नदी की झरेर पुलिया पर लगातार पानी की आवक बनी हुई है. नदी की पुलिया पर करीब 12 फिट पानी की चादर चल रही है. जिसके कारण पिछले 24 दिनों से इटावा-खातोली-सवाईमाधोपुर मार्ग अवरुद्ध है. वहीं स्टेट हाइवे 37A बारां दूदू राजमार्ग पर स्थित रोटेदा-मंडावरा मार्ग चंबल नदी की पुलिया पर करीब 3 फिट की चादर चलने के कारण यह मार्ग भी अवरुद्ध हो रहा है.

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