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Union Budget 2022 reactions: सीए व एक्सपर्ट बोले-इंडियन इकोनामी को मजबूत करने वाला, उद्यमियों ने बताया निराशाजनक

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Published : Feb 1, 2022, 7:16 PM IST

Updated : Feb 1, 2022, 11:46 PM IST

उद्यमियों और व्यापारियों ने केंद्रीय बजट 2022 को निराशाजनक बताया है. उनका कहना है कि कोविड-19 के चलते उद्यमियों को राहत पैकेज की उम्मीद थी. वहीं, अर्थशास्त्री से लेकर टैक्स कंसलटेंट और चार्टर्ड अकाउंटेंट (CAs reaction on Budget 2022) ने इस बजट को सामान्य करार दिया है.

Budget reactions from CA and experts
केंद्रीय बजट 2022 पर सीए व एक्सपर्ट के रिएक्शन

कोटा. अर्थशास्त्री से लेकर टैक्स कंसलटेंट, व्यापारी, उद्यमी और चार्टर्ड अकाउंटेंट ने साफ तौर पर केंद्रीय बजट 2022 को सामान्य करार दिया है. हालांकि उनका कहना (Experts reaction on Budget 2022) है कि डिजिटल करेंसी से लेकर इंडियन इकोनामी को मजबूत करने के लिए प्रयास नजर आए हैं. उद्यमियों और व्यापारियों ने इस बजट को निराशाजनक बताया है. उनका कहना है कि कोविड-19 के चलते राहत पैकेज उद्यमियों को मिलना चाहिए था, जो इस बजट में नहीं घोषित किया गया.

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया की कोटा ब्रांच ने आज बजट सेशन पर चर्चा की. इसमें अर्थशास्त्री से लेकर टैक्स कंसलटेंट, व्यापारी, उद्यमी और चार्टर्ड अकाउंटेंट भी मौजूद थे. ईटीवी भारत ने सेशन में मौजूद पैनलिस्ट से बात की, जिसमें उन्होंने साफ तौर पर इस बजट को सामान्य करार दिया. सीए आशीष व्यास ने बताया कि करदाताओं को इस बजट में बहुत ज्यादा राहत नहीं दी गई. उनकी उम्मीद पूरी नहीं हुई है. सीए दिनेश जैन बताया कि बजट में कुछ नेगेटिव नहीं है, लेकिन पॉजिटिविटी की उम्मीद भी पूरी नहीं हुई है. आम जनता को हाउसिंग सेक्टर में राहत की उम्मीद थी. इसमें टैक्सेशन में रिबेट और ब्याज में छूट की मांग थी, लेकिन बजट में फ्यूचर ग्रोथ पर फोकस किया है.

सीए व एक्सपर्ट बोले-इंडियन इकोनामी को मजबूत करने वाला, उद्यमियों ने बताया निराशाजनक

अर्थशास्त्री डॉ. गोपाल सिंह का कहना है कि सामान्य बजट है. कुछ चीजें बजट में अच्छी हुई हैं. खासकर पर्यावरण और डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ाने को लेकर प्रयास किए हैं. निराशा की बात यह रही है कि तीन बड़ी समस्याओं को लेकर कोई कदम नहीं उठाए गए हैं. इनमें रोजगार, ग्रामीण क्षेत्रों में मांग बढ़ाना और महंगाई को अंकुश में रखना शामिल है. हालांकि एजुकेशन का इंडस्ट्री के साथ टाइअप हुआ है और ग्रीन और क्लीन इकॉनमी के बात की गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग को प्रोत्साहन देने, ग्रामीण फॉरेस्ट्री और प्राइवेट फॉरेस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए कदम बढ़ाए गए हैं.

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टैक्स कंसलटेंट एमएल पाटोदी ने बजट को सिंपल बताया है. टैक्स सरलीकरण के किए बदलाव अच्छे हैं. इंपोर्ट्स कम करने के लिए 7.5 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगाई है. इससे कैपिटल गुड्स पर देश का प्रोडक्शन बढ़ेगा, यहां की इंडस्ट्री विकसित होगी. इस पॉइंट ऑफ व्यू से इंडस्ट्री के लिए बजट ठीक है. एजुकेशन सेस डिस्प्यूटेबल में चल रहा था और यह मामला सुप्रीम कोर्ट में था. ऐसे में बजट में इसे साफ किया गया है. सरकार का इरादा था कि उस पर टैक्स मिले, इसीलिए उसको क्लियर करने के लिए सरकार ने इनकम टैक्स एक्ट में अमेंडमेंट किया है. सरकार ने क्रिप्टोकरंसी पर भी 30 फीसदी टैक्स लगा दिया है. काले धन को रोकने के लिए टैक्सेशन सिस्टम अडॉप्ट किया है.

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सीए योगेश चांडक का कहना है कि बजट विकास की तरफ ले जाने वाला है. इस बजट में शहरीकरण के लिए कॉमन पॉलिसी बनाने की बात की गई. देश की शहरी जनसंख्या बढ़ रही है और 2025 तक आधी आबादी शहरों में रहेगी. ऐसे में उसे किस तरह से सुविधाएं पहुंचाई जा सकती हैं. इसके अलावा विश्व के स्टैंडर्ड के हिसाब से भी हमारी सरकार ने बहुत बड़ा काम इंडियन करेंसी को डिजिटलाइज करने का किया है. इस साल से रुपया डिजिटल हो जाएगा और क्रिप्टोकरंसी के रूप में भी मिलेगा.

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प्रीतम गोस्वामी का कहना है कि बजट को टैक्स से ऊपर ही सोचना चाहिए. यह सरकार की कार्यशैली को दर्शाता है. अपने रिसोर्स का उपयोग किस तरह से करेगी और पैसा कहां पर खर्च सरकार करेगी. इसीलिए साफ तौर पर कह सकते हैं कि यह बजट दूर दृष्टि से तैयार किया है. इसमें एक सबसे अच्छी चीज है कि जितने भी रक्षा सौदे भारत करेगा, उनका 65 फीसदी आर्डर स्थानीय भारतीय कंपनियों को दिया जाएगा. यह आत्मनिर्भर भारत की तरफ बढ़ाने के लिए एक अच्छा कदम है.

कोटा व्यापार संघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी का कहना है कि आत्मनिर्भर भारत व प्रधानमंत्री योजना उद्योग प्रोत्साहन की योजनाएं चल रही हैं. उन योजनाओं को जमीनी स्तर पर उतारने के लिए पूरी टीम बनानी होगी, तभी जाकर विकास होगा. इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 25000 किलोमीटर सड़कें बनाना तय किया गया है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और धंधे बढ़ेंगे, वहां साधन सुविधाएं भी होगी. शहरों से भीड़-भाड़ भी कम हो जाएगी. हालांकि कोविड-19 के बाद व्यापारी और उद्यमी उम्मीद लगाए बैठे थे कि उन्हें कोई राहत पैकेज मिलेगा.

Last Updated :Feb 1, 2022, 11:46 PM IST
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