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अंधविश्वास ने ली जान, सियार ने युवक को काटा...इलाज के बजाय परिजन 15 दिनों तक झाड़-फूंक कराते रहे

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Published : Jun 25, 2021, 5:04 PM IST

कोटा के MBS अस्पताल में सियार काटने पर भर्ती एक युवक की मौत हो गई. 15 दिन पहले युवक को सियार ने काट लिया था लेकिन परिजन इलाज कराने के बजाय झाड़-फूंक कराते रहे.

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सियार काटने पर भर्ती युवक की मौत

कोटा. अंधविश्वास के चलते झालावाड़ के एक 31 साल के युवक की जान चली गई. युवक को 15 दिन पहले सियार ने काट लिया था. परिजन घायल युवक का इलाज कराने के बजाय झाड़-फूंक करवाने के लिए ले गए. घायल युवक को अधिक तबीयत बिगड़ने पर एमबीएस अस्पताल (MBS hospital Kota) में भर्ती करवाया, जहां उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.

झालावाड़ के हनोतिया गांव निवासी बंकट भील को 15 दिन सियार ने काट लिया था. उसके परिजन इलाज कराने की जगह बंकट को अकलेरा के नजदीक महुआखेड़ा गांव ले गए, जहां पर उसे परहेज रखने को बोला गया. इसके साथ ही किसी भी व्यक्ति के यहां शोक में शामिल नहीं होने का हवाला दिया गया. इसी बीच बंकट की तबियत और बिगड़ती चली गई लेकिन परिजनों ने इस पर ध्यान नहीं दिया.

सियार काटने पर भर्ती युवक की मौत

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उसके जीजा कमल का कहना है कि परिजनों ने अंधविश्वास के चलते ही बंकट का इलाज नहीं करवाया है. इसी के चलते उसकी मौत हो गई. डॉक्टरों ने उसे अस्पताल में भर्ती करने की बात भी कही थी. साथ ही कहा था कि इसके इंजेक्शन लगेंगे लेकिन बात नहीं मानी. आज जब उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, तब तक देर हो चुकी थी. अस्पताल में भर्ती करने के कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई.

भांजा बोला-इलाज करवाने के लिए कहा, परिजन नहीं माने

मृतक के भांजे मेघराज ने कहा कि मैंने घरवालों को इलाज करवाने के लिए कहा था लेकिन वे नहीं माने. उसे झाड़-फूंक के लिए जिस जगह पर लेकर गए थे, वहां पर तेल खटाई नहीं खाने के लिए मना किया. इसके अलावा किसी तरह की कोई दवाई नहीं दी गई. बंकट की मौत के बाद उसकी पत्नी सुनीता और दो बच्चे का रो-रोककर बुरा हाला है.

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