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कोटाः ताकती रह गई ACB और जेईएन ने कर दिया काम...

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Published : Dec 17, 2019, 4:50 PM IST

कोटा जिले में एसीबी की ओर से बिजली विभाग के जेईएन की ट्रैपिंग के दौरान एक नाटकीय घटनाक्रम हुआ. जिसमें जेईएन की ट्रैपिंग के दौरान एसीबी की टीम परिवादी का इशारा मिलने के इंतजार में घात लगाकर बैठी हुई थी कि आरोपी जेईएन को शक हो गया. आरोपी जेईएन ने परिवादी की जेब से रिकॉर्डर निकालकर उसे जला दिया. साथ ही परिवादी को बंधक भी बना लिया.

कोटा एसीबी न्यूज, Kota ACB News
एसीबी ट्रैपिंग की शक में आरोपी ने परिवादी को बना लिया बंधक

कोटा. एसीबी की ओर से बिजली विभाग के जेईएन की ट्रैपिंग के दौरान परिवादी को बंधक बनाकर उसका टेप रिकॉर्डर जला देने का मामला सामने आया है. जेईएन की ट्रैपिंग के दौरान एसीबी की टीम परिवादी के इशारा मिलने के इंतजार में घात लगाकर बैठी हुई थी कि आरोपी जेईएन को शक हो गया. वहीं, बाहर इंतजार कर रही एसीबी को जब परिवादी का कोई इशारा नहीं मिला, तो उन्होंने मौके पर जाकर देखा. मौके पर आरोपी ने परिवादी को जबरन बैठा कर रखा हुआ था. यह नाटकीय घटनाक्रम कोटा ग्रामीण के चेचट थाना इलाके में हुआ.

एसीबी ट्रैपिंग की शक में आरोपी ने परिवादी को बना लिया बंधक

परिवादी ने एसीबी से शिकायत की थी कि उसकी आटा चक्की लगी हुई है. उसमें वीसीआर बनाने की धमकी देकर बिजली विभाग के जेईएन अजय बसवाल लाइनमैन शोभागमल के जरिए उससे 20 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं. जिसके बाद एसीबी ने जेवीवीएनएल के जेईएन अजय बसवाल को ट्रैप करने के लिए योजना बनाई और इसका सत्यापन कराया, जिसमें रिश्वत मांगने की बात सामने आई.

पढ़ें- कोटा जिला परिषद रिश्वत प्रकरण : जिला प्रमुख सुरेंद्र गुर्जर के खिलाफ FIR दर्ज, जल्द हो सकती है गिरफ्तारी

जेवीवीएनएल के जेईएन अजय बसवाल ट्रैप करने के लिए एसीबी ने परिवादी को भेजा. इस दौरान जेईएन बसवाल को परिवादी से बातचीत के दौरान शक हो गया. ऐसे में उसने परिवादी की जेब से रिकॉर्डर निकाल लिया और उसे तोड़ दिया. साथ ही रतिराम को बंधक बना लिया. जिस पर कोटा एसीबी की टीम सीआई दलवीर सिंह फौजदार ने आरोपी अजय बसवाल और अन्य के खिलाफ थाने में बंधक बनाने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मुकदमा दर्ज करवाया.

एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि रिकॉर्डर के डाटा की करवाई गई है. घटना के दौरान एसीबी में शिकायत करने के लिए रिकॉर्डिंग मिली है, उसके आधार पर एसीबी के मुख्यालय में रिश्वतखोरी के प्रकरण दर्ज कराने के लिए भेजा गया है.

Intro:बिजली विभाग के जेईएन की ट्रैपिंग के दौरान एसीबी की टीम परिवादी के इशारा मिलने का इंतजार में घात लगाकर बैठी हुई थी कि आरोपी जेईएन को शक हो गया. आरोपी जेईएन परिवादी की जेब से रिकॉर्डर निकालकर उसे जला दिया. साथ ही परिवादी को भी बंधक बना लिया.


Body:कोटा.
पूरे राजस्थान में ताबड़तोड़ कार्रवाई करने वाली कोटा एसीबी की टीम के सामने आज अजीबोगरीब घटनाक्रम हुआ. बिजली विभाग के जेईएन की ट्रैपिंग के दौरान एसीबी की टीम परिवादी के इशारा मिलने का इंतजार में घात लगाकर बैठी हुई थी कि आरोपी जेईएन को शक हो गया. आरोपी जेईएन परिवादी की जेब से रिकॉर्डर निकालकर उसे जला दिया. साथ ही परिवादी को भी बंधक बना लिया. बाहर इंतजार कर रही एसीबी को जब परिवादी का कोई इशारा नहीं मिला, तो उन्होंने मौके पर जाकर देखा, तो आरोपियों ने परिवादी को जबरन बैठा कर रखा हुआ था.
यह नाटकीय घटनाक्रम कोटा ग्रामीण के चेचट थाना इलाके में हुआ. जहां एक परिवादी रतिराम बैरवा ने एसीबी को परिवाद देते हुए कहा था कि उसकी आटा चक्की लगी हुई है. उसमें वीसीआर बनने की धमकी देकर बिजली विभाग के जेईएन अजय बसवाल लाइनमैन शोभागमल के जरिए उससे 20 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं. जब काफी परेशान हो चुका था तो, उसने कोटा एसीबी को इसकी शिकायत दी. जिसके बाद एसीबी ने जेवीवीएनएल के जेईएन अजय बसवाल को ट्रैप करने के लिए योजना बनाई और इसका सत्यापन एसीबी ने कराया, जिसमें रिश्वत मांगने की बात सामने आई. जेवीवीएनएल के जेईएन अजय बसवाल ट्रैप करने के लिए एसीबी ने परिवादी को भेजा और जेईएन बसवाल को बातचीत के दौरान शक हो गया. ऐसे में उसने परिवादी रतीराम की जेब से रिकॉर्डर निकाल लिया और उसे तोड़ दिया. साथ ही रतिराम को बंधक बना लिया. जिस पर कोटा एसीबी की टीम सीआई दलवीर सिंह फौजदार ने आरोपी अजय बसवाल व अन्य के खिलाफ थाने में बंधक बनाने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मुकदमा दर्ज करवाया.


Conclusion:पत्रकारों से बातचीत करते हुए एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि रिकॉर्डर के डाटा की करवाई गई है. घटना के दौरान एसीबी में शिकायत करने के लिए रिकॉर्डिंग मिली है, उसके आधार पर एसीबी के मुख्यालय रिश्वतखोरी के प्रकार दर्ज कराने के लिए भेजा गया है.

बाइट का क्रम

बाइट-- ठाकुर चंद्रशील कुमार, एएसपी, एसीबी
बाइट-- रतिराम बैरवा, परिवादी
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