कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम (Anti Corruption Bureau Kota) ने बूंदी में कार्रवाई करते हुए भ्रष्ट आबकारी निरीक्षक विनोद शर्मा को गिरफ्तार किया था. मामले में रिश्वत की राशि को लेकर निजी ड्राइवर फराजुद्दीन फरार हो गया था. जिसे भी एसीबी की टीम ने घटना के दो दिन बाद गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही रिश्वत की राशि 18 हजार रुपए बरामद किए है.
जानकारी के अनुसार भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा को दादाबाड़ी निवासी आशीष मयंक ने परिवाद दिया था. जिसके अनुसार हिंडोली ठीकरदा गांव में आशीष शराब की दुकान है. जिसमें उसके पार्टनर भरत कोठारी हैं. जांच के लिए आबकारी निरीक्षक विनोद कुमार शर्मा दुकान पर आए थे. जहां सेल्समैन हंसराज गुर्जर को धमकाकर 8 पेटियां शराब ले गए और उसका आधार कार्ड भी ले गए. इसके बाद जब पार्टनर भरत कोठारी निरीक्षक शर्मा से मिलने उनके ऑफिस गया. तो केस को रफा-दफा करने की एवज में 25,000 रुपए की रिश्वत मांगी और हंसराज को फ्री करने की बात कही. साथ ही हर महिने मंथली के तौर पर 6 हजार रुपए की रिश्वत की भी मांग की गई.
मामले में परिवादी आशीष मयंक बूंदी कृषि उपज मंडी के नजदीक जब रिश्वत की राशि लेकर गया. तब हाथ जोड़ने पर आरोपी निरीक्षक विनोद शर्मा ने 5 हजार रुपए वापस लौटा दिए और 20 हजार रुपए ले लिए. लेकिन शक होने पर उन्होंने यह रिश्वत की राशि अपने ड्राइवर को फराजुद्दीन को दे दी. फराजुद्दीन राशी लेकर रवाना हो गया.
एसीबी ने निरीक्षक विनोद शर्मा को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन फराजुद्दीन गाड़ी को खड़ा कर कहीं फरार हो गया था. जिसको बूंदी स्थित उसके घर के नजदीक से (ACB Action on Excise Inspector in Kota) गिरफ्तार किया गया है. हालांकि उसने रिश्वत की राशि में से 18000 रुपए एसीबी को सौंप दी है और जबकि पांच सौ के चार नोट यानी 2000 रुपए के बारे में कहा कि जब भागते समय कहीं गिर गए थे, जो नहीं मिल पा रहे हैं.