Gehlot Rape remark: शेखावत बोले- विफलता छुपा रही सरकार

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Published : Aug 7, 2022, 12:22 PM IST

Updated : Aug 7, 2022, 3:36 PM IST

Gehlot Rape remark

केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने रेप को लेकर दिए अशोक गहलोत के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है (Gehlot Rape remark). उन्होंने कहा अपनी विफलता छुपाने के लिए सीएम कानून को दोष दे रहे हैं. वहीं, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत में बुढ़ापा आ गया है और अब झलकने भी लग गया है.

जोधपुर. रविवार को जोधपुर में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह ने कहा कि अपनी अकर्मण्यता छुपाने के लिए वे इस तरह का बयान दे रहे हैं (Gehlot Rape remark). शेखावत ने कहा कि मीडिया में जो बयान सामने आया है वो दुर्भाग्य पूर्ण है. शेखावत बोले- देश की संसद ने जो कठोर कानून बनाया है वो छोटी बच्चियों या युवतियों के साथ हो रहे दुराचार को रोकने के लिए है.

कानून व्यवस्था बदहाल: केन्द्रीय मंत्री ने इस बयान को कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान का नतीजा करार दिया. कहा- मुख्यमंत्री की सरकार की अकर्मण्यता, आपसी खींचातानी के चलते उनकी सरकार का कानून व्यवस्था को लेकर ध्यान हट चुका है (Controversy Over Gehlot Rape Remark). जिससे राजस्थान महिलाओं और अबोध बालिकाओं के प्रति होने वाले अपराध की राजधानी बन गया. अपनी विफलता छुपाने के लिए वे संसद के बनाए कानून को दोष दे रहे हैं. इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और कुछ नहीं हो सकता.

विफलता छुपा रही सरकार

पढ़ें-रेप के बाद महिलाओं की हत्या के मामले में हो रहा इजाफा- सीएम अशोक गहलोत

क्या कहा था सीएम ने?: गौरतलब है कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली में बयान दिया था कि निर्भया कांड के बाद रेपिस्ट को फांसी की सजा दी जाने लगी. लेकिन उसके बाद रेपिस्ट द्वारा रेप के बाद बच्चियों की हत्याओं के मामले बढ़े हैं. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बलात्कारी ये सोचता है कि पीड़िता उसके खिलाफ गवाह बनेगी तो उसे सजा हो जाएगी इसलिए वे लड़की की हत्या कर देते हैं. गहलोत के इस बयान के बाद से ही वो भाजपा के निशाने पर आ गए हैं. राजस्थान में बलात्कार के मामलों को लेकर लगातार हमले किए जा रहे हैं.

रेप बाद हत्या के भयावह आंकड़े: राजस्थान में जनवरी 2020 से 2022 तक 4091 पॉक्सो के मामले दर्ज हुए हैं. यानी की हर साल दो हजार बच्चियों के साथ ज्यादती के मामले. जबकि दो सालों में महिलाओं के साथ बलात्कार के 11हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए. जबकि 25 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए जिसमें बलात्कार के बाद पीड़िता की हत्या कर दी गई थी.

मुख्यमंत्री के बयान पर बरसे राजेंद्र राठौड़ : फांसी की सजा के प्रावधान से रेप के बाद हत्या की घटनाओं के बढ़ने को लेकर आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान को प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक करार दिया है. राठौड़ ने कहा है कि सीएम गृह विभाग के मुख्य भी हैं. ऐसे में वे बेतुके बयानों से राज्य में बढ़ते रेप के मामलों में अपनी सरकार की नाकामी से बच नहीं सकते.

रविवार को राजेंद्र राठौड़ ने इस मामले में ट्वीट कर मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधा. राठौड़ ने कहा कि एनसीआरबी और पुलिस प्रतिवेदन के आंकड़े चीख-चीख कर कह रहे हैं कि राजस्थान दुष्कर्म के मामलों में देश में पहले पायदान पर है. राजस्थान में हर साल 2000 के करीब बच्चियों से रेप के मामले सामने आते हैं. जनवरी 2020 से जनवरी 2022 तक 4091 केस पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज हुए हैं. राठौड़ ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में नाबालिग से रेप के आरोपियों को फांसी की सजा के प्रावधान का कानून बना था. दुर्भाग्य है कि मासूम बच्चियों से रेप की घटनाओं पर अंकुश लगाने में विफल मुखिया जी अब फांसी की सजा के प्रावधान की ही खिलाफत कर रहे हैं.

चौधरी ने कहा- बयान से बुढ़ापा झलक रहा

हिम्मत है तो इस कानून के विरोध में विधानसभा में प्रस्ताव लेकर आयें तब हम उन्हें माकूल जवाब देंगे. राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में प्रतिदिन दुष्कर्म की 16 घटनाएं हो रही है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी दुष्कर्म के 48 फीसदी मामलों को झूठा बता चुके हैं. सीएम का इस प्रकार की बयानबाजी करके बार-बार दुर्गांत बलात्कारियों के मनोबल को तोड़ने की बजाय बढ़ाने का कुकृत्य कर रहे हैं. यक्ष प्रश्न यह है कि जब गृहमंत्री ही रेप के मामलों को झूठा बताकर अपराधियों के लिए रेड कार्पेट बिछाएंगे तो फिर पुलिस की जांच का रूप क्या होगा ?

चौधरी ने कहा- बयान से बुढ़ापा झलक रहा: केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा (Kailash Choudhary target ashok Gehlot) कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में बुढ़ापा आ गया है और अब झलकने भी लग गया है. अब बुद्धि और विवेक पर उन्हें सोचना चाहिए. राजस्थान सरकार ने रेप मामले में कभी गंभीरता से नहीं लिया है और राजस्थान में होने वाले रेप पर एक्शन लिया होता या फांसी की सजा होती तो जरूर इन केसों पर अंकुश लगाया जा सकता था. अशोक गहलोत क्या चाहते हैं क्या रेप मामलों में फांसी की सजा खत्म कर देनी चाहिए..? राजस्थान में वैसे भी क्राइम बढ़ रहा है. राजस्थान में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगड़ी हुई है. राजस्थान में इन लोगों पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं इसलिए यह स्थिति बनी हुई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिस तरीके का स्टेटमेंट दिया है पूरे देश मे चिंता का विषय है इस तरह का स्टेटमेंट देकर जनता को क्या संदेश देना चाहते हैं.

Last Updated :Aug 7, 2022, 3:36 PM IST
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