जोधपुर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर चर्चा तेज...निगाहें गहलोत के कदम पर

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Published : Sep 24, 2022, 6:47 PM IST

appointment of JDA chairman
appointment of JDA chairman ()

कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए सीएम अशोक गहलोत का नाम रेस में सबसे आगे बना हुआ है. साथ ही राजस्थान के नए सीएम चेहरे को लेकर भी चर्चा तेज है. इस बीच एक चर्चा यह भी चल पड़ी है कि क्या सीएम पद छोड़ने से पहले गहलोत बाकी बची राजनीतिक नियुक्तियों को (Cm Gehlot on political apponitments) पूरा करेंगे.

जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे रहने के साथ ही उनका सीएम पद छोड़ना भी लगभग तय है. राजस्थान में नए सीएम फेस की चर्चा के बीच ये कयास भी लगाए जा रहे हैं कि क्या सीएम गहलोत जाते-जाते बाकी रही राजनीतिक नियुक्तियां करके जाएंगे. इसमें खास तौर पर जोधपुर को लेकर सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक नियुक्ति बाकी है. वह है जोधपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (Jodhpur Development Authority chairman) की.

अब शहर में एक बार फिर इस बात के कयास शुरू हो गए हैं कि जेडीए का अध्यक्ष कौन होगा. क्योंकि इससे पहले सीएम गहलोत ने कांग्रेस के नेताओं को इस पद के लिए ना कह दी थी. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि बीते कुछ दिनों से इस पर जयपुर में भी विचार चल रहा है. क्योंकि यह माना जा रहा है कि अगर सीएम बदला तो और पायलट बने तो नियुक्ति उनके गुट को जाएगी. जो गहलोत कम से कम अपने शहर में तो नहीं होना देना चाहेंगे. यही करण है कि दावेदार फिर सक्रिय नजर आ रहे हैं.

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जेडीए अध्यक्ष पद, ब्राह्मण मुस्लिम व जैन दावेदारः जोधपुर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष पद को लेकर (appointment of JDA chairman) चर्चा शुरू हो गई है. इनमें बड़े नामों में लगभग दो दशक तक जोधपुर कांग्रेस के अध्यक्ष रहे सईद अंसारी, पीसीसी के पूर्व सचिव अनिल टाटिया, पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच प्रमुख दावेदार हैं. अंसारी मुस्लिम, टाटिया जैन व दाधीच ब्राह्मण हैं. इन तीनों वर्गों से कोई जिले में विधायक नहीं है. हालांकि बतौर मुस्लिम सलीम खान को कांग्रेस उत्तर का जिलाध्यक्ष बनाया गया है. साथ ही जिला बीसूका उपाध्यक्ष भी बनाया है.

इसके अलावा नरेश जोशी को भी दक्षिण कांग्रेस का जिलाध्यक्ष बनाया है. जैन या महाजन वर्ग से बड़ी नियुक्ति नहीं हुई है. पूर्व में जोधपुर शहर सीट जिससे महाजन जैन को टिकट मिलता था, उस पर गत बार मनीषा पंवार को टिकट दिया गया. जिससे उनकी दावेदारी खत्म हो गई. ऐसे में अब महाजन जैन वर्ग के खाते में ही जेडीए अध्यक्ष का पद जाने की पूरी संभावना है. इसके अलावा जाट, राजपूत व विश्नोई वर्ग से भी दावेदार हैं, लेकिन जिले में उनके विधायक है, जिसके चलते शहर में नियुक्ति नहीं होगी.

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हर बड़े वर्ग को दी नियुक्तिः अशोक गहलोत की ओर से पिछले समय की गई राजनीतिक नियुक्तियों में जोधपुर के हर बड़े वर्ग व जाति को उपकृत किया है. राजेंद्र सिंह सोलंकी माली हैं, गहलोत के करीबी हैं. ऐसे में राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया. सुनील परिहार को रिको में अध्यक्ष बनाया. रमेश बोराणा को मेला प्राधिकरण का उपाध्यक्ष, जस्टिस भंवरू खां को पिछड़ा आयोग का अध्यक्ष, जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास को राज्य मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष, जस्टिस पीके लोहरा को लोकपाल बनाया गया. इस प्रकार बिनाका मालू को संगीत नाटक अकादमी अध्यक्ष, कीर्तिसिंह भील को मारवाड़ क्षेत्रीय जनजाति विकास बोर्ड उपाध्यक्ष, सचिन सर्वटे को राज्य अनुसूचित आयोग उपाध्यक्ष बनाकर लगभग हर जाति वर्ग को शामिल किया.

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इसलिए इस बार नियुक्ति को हुई थी नाः गत बार जेडीए अध्यक्ष बनाए गए राजेंद्र सिंह सोलंकी को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते भाजपा सरकार आने पर एसीबी में मामला दर्ज हुआ. जिसके चलते जेल जाना पड़ा था. सीएम गहलोत को भी घसीटने की कोशिश हुई थी. लेकिन भाजपा राज में एजेंसियों को कामयाबी नहीं मिली. इस बार जब सरकार बनी तो सोलंकी को एसीबी ने ही उन्हें क्लिन चिट दे दी थी. ऐसे में इस बार भी वे पद के दावेदार थे. लेकिन जेडीए की जगह उन्हें पशु पालन विकास बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया. क्योंकि गहलोत नहीं चाहते थे कि आगे इस पद पर नियुक्ति उनके सिपाह सालार को ऐसे दौर से गुजरना पडे़.

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