Jodhpur: एमडीएम अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए शुरू हुई बेड टू बेड सेवा, अब पहुंचने लगी फ्री दवाइयां

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Published : May 20, 2022, 8:12 AM IST

Updated : May 20, 2022, 8:52 AM IST

bed To Bed Service at Jodhpur MDM Hospital

एमडीएम अस्पताल में नवाचार पायलट प्रोजेक्ट के तहत मरीजों की सुविधा के लिए सहायक (Bed To Bed Service at Jodhpur MDM Hospital) लगाए गए हैं. जिनके जिम्मे मरीजों की दवाई, जांच रिपोर्ट और सैंपल ले जाने का काम रहेगा. दावा किया जा रहा है कि इससे जो मरीज भर्ती हैं उनके परिजनों को भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

जोधपुर. एमडीएम अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों को अब लम्बी लाइनों में खड़ा नहीं रहना होगा. उनकी मदद के लिए अब सहायक उपलब्ध होंगे. जो परिजनों को दवाइयां, जांच सैंपल और रिपोर्ट सहित अन्य कार्यों में सहायता करेंगे. जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में बेड टू बेड सर्विस योजना के (bed To Bed Service at Jodhpur MDM Hospital) तहत मरीज सहायक लगाए गए हैं. ये प्रयोग प्रदेश में पहली बार ही किया गया है.

इस योजना के तहत 120 रोगी सहायक सुबह से दोपहर तक वार्डों के मरीजों की दवाइयां, जांच रिपोर्ट और सैंपल कलेक्शन का काम कर रहे हैं. इसके साथ ही रात के समय में प्रत्येक दो वार्ड में एक-एक सहायक लगाया गया है. अस्पताल (Jodhpur MDM Hospital) के अधीक्षक डॉ विकास राजपुरोहित का कहना है हमने इन सहायकों के लिए अलग से ड्रेस कोड दिया है.जो वार्ड में अलग नजर आते हैं.अस्पताल की इस व्यवस्था से परिजन भी काफी खुश हैं. अस्पताल के अधीक्षक डॉ राजपुरोहित खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं जिससे इस सुविधा को मजबूत किया जा सके. पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसे अन्य अस्पतालों में भी लागू किया जाएगा. अस्पताल प्रबंधन ने मरीज सहायक के रूप में ज्यादातर उन लोगों को ही नियुक्त किया है जो पहले किसी न किसी रूप से अस्पताल से जुड़े हुए थे और इन व्यवस्थाओं से परिचित हैं.

MDMH में बेड टू बेड सर्विस

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मुख्यमंत्री की इच्छा का सम्मान: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गत दिनों जयपुर में परिजनों से हुई मुलाकात और परेशानियों को ध्यान में रखते हुए ऐसी व्यवस्था लागू करने की इच्छा जताई थी. इस बीच जोधपुर में भर्ती मरीजों के लिए दवाइयां लाने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने नर्सेज को जिम्मेदारी देने के ओदश जारी किए. जिसका भारी विरोध हुआ. अधीक्षक डॉ एमके आसेरी ने इस्तीफा दे दिया था. नए अधीक्षक डॉ विकास राजपुरोहित ने इस परेशानी का रास्ता निकालने के लिए मरीज सहायक लगाने की रूपरेखा तैयार कर इसे लागू किया है. मरीजों को इस सुविधा का लाभ दिला रहे सहायक भी खुश हैं. उनका कहना है कि मरीज की सहायता के बाद परिजनों से मिला आर्शीवाद उनके लिए अहमियत रखता है.

होना पड़ता था परेशान: सबके लिए ये व्यवस्था नई है. मरीजों के परिजन भी उत्साहित हैं. अमूमन जिस तरह का अस्पतालों में ट्रेंड होता है उससे इतर ये व्यवस्था काफी भा रही है. इससे पहले तक वार्ड में भर्ती मरीज के परिजन को निशुल्क दवा केंद्र से दवाइयां लाने के लिए सर्वाधिक परेशान होना पड़ता था. अलग अलग दवा केंद्र की जानकारी नहीं होने पर वे भटकते रहते थे. इसके अलावा खून जांच के लिए मरीज के सैंपल लेकर जाने और बाद में रिपोर्ट के लिए भी उन्हें भटकना पड़ता था. इसे लेकर ही कई बार हंगामा भी हुआ. अब मरीज सहायक लगाने से परिजनों की इस परेशानी का अंत हुआ है. आगाज बेहतरीन है उम्मीद की जा रही है कि सफर इतना ही दमदार होगा और लोगों को रोज की दुश्वारियों से निजात मिलेगी.

Last Updated :May 20, 2022, 8:52 AM IST
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