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जयपुर: इस गांव में शिक्षकों को मिला ग्रामीणों का साथ, सरकारी स्कूल में नामांकन के लिए बढ़ाया हाथ...Social Media पर चलाई मुहिम

कोरोना काल (Corona) में लंबे समय तक बंद रहने के बाद अब स्कूल खुल चुके हैं. सरकार ने शिक्षकों को सरकारी स्कूलों में नामांकन (Enrollment) बढ़ाने का लक्ष्य दिया है. अब इसमें ग्रामीण भी सक्रियता (Villagers Participation) से हिस्सा ले रहे हैं. Mouth Publicity के साथ ही सोशल मीडिया कैम्पेनिंग (Campaign On Social Media) के जरिए भी मुहिम को धार दे रहे हैं.

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इस गांव में शिक्षकों को मिला ग्रामीणों का साथ
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Published : Oct 7, 2021, 12:33 PM IST

Updated : Oct 7, 2021, 2:18 PM IST

जयपुर: राजस्थान में सरकारी स्कूलों (Enrollment In Government School) में दाखिले के लिए बच्चों और उनके परिजनों को राजी करना एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जाता रहा है. लेकिन कोरोना काल के बाद (After Corona) हालात में बदलाव आया है. यह कठिन दौर बीतने के बाद लोग अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूल (Admission In Government School) में करवाने के लिए आगे आ रहे हैं.

इस गांव में शिक्षकों को मिला ग्रामीणों का साथ

ये भी पढ़ें-उदयपुर के लिए खुश खबर! ऐतिहासिक फतहसागर झील गेट को जिला कलेक्टर ने खोला, पहली बार अक्टूबर में हुआ ऐसा

सुविधाओं में इजाफा एक बड़ा कारण

कई सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं (Basic Amenities In Government School) का विकास और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (Quality Education In Government School) इसका एक बड़ा कारण माना जा रहा है. साथ ही इस दौर में निजी स्कूल संचालकों के मनमाने रवैये और फीस वसूली के लिए अभिभावकों पर दबाव बनाने के कई मामले सामने आए हैं.

इसके साथ ही कई परिवारों की आय में भी कमी आई है. यह भी एक बड़ा कारण बताया जा रहा है. जिसके कारण लोगों का रुझान एक बार फिर सरकारी स्कूलों की तरफ दिखाई देने लगा है.

शिक्षकों को मिला गांव वालों का साथ

सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए (Enrollment In Government School) बाकायदा शिक्षकों को टारगेट (Target Given To Teachers) भी दिए जा रहे हैं. जबकि ग्रामीण भी इस मुहिम में जुड़कर (Villagers Join Hands) अपने आसपास के लोगों को अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूल में करवाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.

आसलपुर स्थित सरकारी स्कूल में बढ़ा आंकड़ा

ऐसा ही एक उदाहरण है जयपुर जिले के आसलपुर गांव की राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल (Government Higher Secondary School Asalpur) का. जहां कोरोना काल (Corona) के बाद नामांकन में बढ़ोतरी दर्ज (Rise In Enrollment After Corona) की गई है. इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि ग्रामीण सक्रियता के साथ सरकारी स्कूल में नामांकन बढ़ाने की इस मुहिम से जुड़ रहे हैं.

ये भी पढ़ें- पीएम केयर्स PSA ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन, जयपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में कार्यक्रम का आयोजन

Whatsapp ग्रुप का लिया सहारा

खास बात यह है कि इसके लिए एक वाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है. इसमें गांव के लोगों को जोड़ा गया है. इस ग्रुप में सरकारी स्कूलों में बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं (Basic Amenities In Government School) की जानकारी देकर अभिभावकों को अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूल में करवाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

ग्रामीणों की राय- हुआ है सुधार

ग्रामीण रामस्वरूप लांबा बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में आसलपुर की राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल (Government Higher Secondary School Asalpur) के परिणाम में काफी सुधार आया है. इसके चलते यहां नामांकन में भी बढ़ोतरी (Enrollment In Government School) हुई है. इसमें गांव के युवाओं का अहम योगदान है. जिन्होंने स्कूल में नामांकन बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. अब इसका असर भी दिखने लगा है.

250 से पहुंचा सीधे 300 पर

बता दें कि आसलपुर की राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल (Government Higher Secondary School Asalpur) में कोरोना काल से पहले नामांकन 250 के आसपास था. लेकिन अब यहां 300 से ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं.

हालांकि, कक्षा 11 में इस स्कूल में केवल कला संकाय है. विज्ञान और वाणिज्य संकाय में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को मजबूरी में दूसरी स्कूलों में जाना पड़ रहा है. अब ग्रामीणों की मांग है कि इस स्कूल में विज्ञान और वाणिज्य संकाय शुरू किया जाए.

जयपुर: राजस्थान में सरकारी स्कूलों (Enrollment In Government School) में दाखिले के लिए बच्चों और उनके परिजनों को राजी करना एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जाता रहा है. लेकिन कोरोना काल के बाद (After Corona) हालात में बदलाव आया है. यह कठिन दौर बीतने के बाद लोग अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूल (Admission In Government School) में करवाने के लिए आगे आ रहे हैं.

इस गांव में शिक्षकों को मिला ग्रामीणों का साथ

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सुविधाओं में इजाफा एक बड़ा कारण

कई सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं (Basic Amenities In Government School) का विकास और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (Quality Education In Government School) इसका एक बड़ा कारण माना जा रहा है. साथ ही इस दौर में निजी स्कूल संचालकों के मनमाने रवैये और फीस वसूली के लिए अभिभावकों पर दबाव बनाने के कई मामले सामने आए हैं.

इसके साथ ही कई परिवारों की आय में भी कमी आई है. यह भी एक बड़ा कारण बताया जा रहा है. जिसके कारण लोगों का रुझान एक बार फिर सरकारी स्कूलों की तरफ दिखाई देने लगा है.

शिक्षकों को मिला गांव वालों का साथ

सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए (Enrollment In Government School) बाकायदा शिक्षकों को टारगेट (Target Given To Teachers) भी दिए जा रहे हैं. जबकि ग्रामीण भी इस मुहिम में जुड़कर (Villagers Join Hands) अपने आसपास के लोगों को अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूल में करवाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.

आसलपुर स्थित सरकारी स्कूल में बढ़ा आंकड़ा

ऐसा ही एक उदाहरण है जयपुर जिले के आसलपुर गांव की राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल (Government Higher Secondary School Asalpur) का. जहां कोरोना काल (Corona) के बाद नामांकन में बढ़ोतरी दर्ज (Rise In Enrollment After Corona) की गई है. इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि ग्रामीण सक्रियता के साथ सरकारी स्कूल में नामांकन बढ़ाने की इस मुहिम से जुड़ रहे हैं.

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Whatsapp ग्रुप का लिया सहारा

खास बात यह है कि इसके लिए एक वाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है. इसमें गांव के लोगों को जोड़ा गया है. इस ग्रुप में सरकारी स्कूलों में बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं (Basic Amenities In Government School) की जानकारी देकर अभिभावकों को अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूल में करवाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

ग्रामीणों की राय- हुआ है सुधार

ग्रामीण रामस्वरूप लांबा बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में आसलपुर की राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल (Government Higher Secondary School Asalpur) के परिणाम में काफी सुधार आया है. इसके चलते यहां नामांकन में भी बढ़ोतरी (Enrollment In Government School) हुई है. इसमें गांव के युवाओं का अहम योगदान है. जिन्होंने स्कूल में नामांकन बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. अब इसका असर भी दिखने लगा है.

250 से पहुंचा सीधे 300 पर

बता दें कि आसलपुर की राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल (Government Higher Secondary School Asalpur) में कोरोना काल से पहले नामांकन 250 के आसपास था. लेकिन अब यहां 300 से ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं.

हालांकि, कक्षा 11 में इस स्कूल में केवल कला संकाय है. विज्ञान और वाणिज्य संकाय में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को मजबूरी में दूसरी स्कूलों में जाना पड़ रहा है. अब ग्रामीणों की मांग है कि इस स्कूल में विज्ञान और वाणिज्य संकाय शुरू किया जाए.

Last Updated : Oct 7, 2021, 2:18 PM IST
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