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स्पेशल: राजधानी में बढ़ रहा Crime ग्राफ, पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कुल अपराधों में 29 फीसदी बढ़ोतरी...आखिर वजह क्या?

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Published : Oct 17, 2021, 1:43 PM IST

कोरोना (Corona) की तमाम पाबंदियां हटने या कम होने के बाद एक बार फिर से राजधानी जयपुर (Jaipur) में अपराधों के आंकड़ों (Crime Statistics) में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. ताज्जुब की बात है कि बदमाशों पर नकेल कसने के लिए और अपराधिक वारदातों पर लगाम लगाने के लिए जयपुर पुलिस (Jaipur Police) लगातार विशेष अभियान चला रही है. इसके बावजूद भी वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में अपराध का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है.

unprecedented spike in crime
राजधानी में बढ़ रहा Crime ग्राफ

जयपुर: राजधानी में वर्ष 2020 में सितंबर माह तक दर्ज हुए अपराधिक आंकड़ों और वर्ष 2021 में सितंबर माह तक दर्ज हुए अपराधिक आंकड़ों में 29% की वृद्धि देखी जा रही है. हालांकि वर्ष 2020 में कोरोना के प्रकोप के चलते अपराध के आंकड़ों में काफी कमी दर्ज की गई और अब जब स्थिति सामान्य होने लगी है तो अपराध के आंकड़े एक बार फिर बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं.

राजधानी में बढ़ रहा Crime ग्राफ

पुलिस का दावा और हकीकत

आंकड़े कुछ कहते हैं और दावे कुछ और ही किए जाते हैं. पुलिस कहती है कि गिरावट आई है लेकिन जिस गति से रोज वारदातें हो रही हैं, जो आंकड़ें दर्शा रहे हैं उससे स्पष्ट हो रहा है कि हकीकत तो कुछ और ही है. राजधानी में अपराध के आंकड़ों (Crime In Jaipur) को लेकर एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अजय पाल लांबा (ACP Ajay Pal Lamba) का कहना है कि राजधानी (Jaipur) में प्रॉपर्टी संबंधित जो भी अपराध है चाहे वह लूट,चोरी, नकबजनी या वाहन चोरी हो उन में गिरावट दर्ज की गई है.

लांबा का कहना है कि बदमाशों की धरपकड़ के लिए सीएसटी और चारों जिलों की डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम जो विशेष अभियान चला रही है उसके तहत अनेक वारदातों में शामिल बदमाशों को पकड़ा गया है. जिसके चलते वारदातों में कमी देखने को मिली है. इसके साथ ही मानते हैं कि अन्य आईपीसी (IPC) के अपराध जिन में जमीनी विवाद (Land Dispute), आपसी विवाद और रुपयों के लेनदेन के विवाद शामिल हैं- जैसे अपराधों में वृद्धि दर्ज (Rise) की गई है.

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अब आकंड़ों की जुबानी जानते हैं सच्चाई

आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में सितंबर माह तक हत्या के प्रकरणों में 22%, हत्या का प्रयास के प्रकरणों में 8%, डकैती के प्रकरणों में 300%, लूट के प्रकरणों में 65%, अपहरण के प्रकरणों में 21%, बलात्कार के प्रकरणों में 24%, बलवा के प्रकरणों में 57%, नकबजनी के प्रकरणों में 27%, दुपहिया वाहन चोरी के प्रकरणों में 19%, चौपाहिया वाहन चोरी के प्रकरणों में 12% और अन्य आईपीसी के प्रकरणों में 32% की वृद्धि दर्ज की गई है.


अपराध के आंकड़ों का वर्ष वार तुलनात्मक अध्ययन

अपराध 20202021
हत्या6984
हत्या का प्रयास 62 67
डकैती 0104
लूट 62 102
अपहरण 387 469
बलात्कार 303 375
बलवा 14 22
नकबजनी 470598
चोरी 4604 5788
दुपहिया वाहन चोरी 3168 3774
चौपहिया वाहन चोरी 330369

पुलिस चला रही विशेष अभियान

जयपुर में लगातार बढ़ते अपराध के आंकड़ों पर लगाम लगाने के लिए जयपुर पुलिस लगातार विशेष अभियान (Special Operation) चला रही है. हाल ही में जयपुर पुलिस ने बदमाशों के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाते हुए 341 अलग-अलग जगहों पर दबिश की कार्रवाई को अंजाम दिया. इस ऑपरेशन में कुल 145 बदमाशों को गिरफ्तार किया. इनसे भारी मात्रा में हथियार, नकदी, अवैध मादक पदार्थ व अन्य प्रतिबंधित वस्तुएं बरामद की गई.

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पुलिस की कार्रवाई में 2 फीसदी इजाफा

हालांकि वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 सितंबर माह तक जयपुर पुलिस ने आबकारी एक्ट के तहत 2% अधिक कार्रवाई करते हुए कुल 1118 प्रकरण दर्ज किए. इसी प्रकार से जुआ ऑर्डिनेंस के तहत 6% अधिक कार्रवाई करते हुए कुल 1428 प्रकरण दर्ज किए. अवैध मादक पदार्थों के खिलाफ 48% अधिक कार्रवाई करते हुए एनडीपीएस एक्ट (NDPS Act) के तहत 351 प्रकरण दर्ज किए.

आर्म्स एक्ट में कमी क्या बड़ी वजह?

सवाल यही उठता है कि जब पुलिस स्पेशल ऑपरेशन चला रही है. अन्य विभागों के साथ मिलकर प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई कर रही है तो फिर बदमाश सीना तान कर कैसे अपराध करने की हिम्मत दिखा पा रहे हैं. तो इसकी एक अहम वजह आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई में ढिलाई समझ में आ रही है. वो भी आंकड़े ही बता रहे हैं. पता चला कि इस एक्ट के तहत पुलिस कार्रवाई में 14% की कमी आई है. आर्म्स एक्ट में पुलिस ने 180 प्रकरण दर्ज किए. सो कार्रवाई में कमी एक बड़ा कारण हो सकता है राजधानी जयपुर में हथियारों के दम पर आतंक फैलाने वाले बदमाशों की सीनाजोरी का .

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