टोक्यो पैरालंपिक में राजस्थान के लिए शानदार दिन, अवनि के बाद देवेंद्र और सुंदर ने देश के लिए जीते मेडल

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Published : Aug 30, 2021, 10:16 AM IST

Updated : Aug 30, 2021, 11:47 AM IST

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टोक्यो पैरालंपिक में आज राजस्थान की ओर से आज कुल 3 मेडल देश के लिए जीते गए हैं. अवनि के बाद देवेंद्र और सुंदर गुर्जर ने भी देश के लिए मेडल जीते हैं.

जयपुर. टोक्यो पैरालंपिक में आज देश के लिए शानदार दिन रहा. अवनि के बाद देवेंद्र और सुंदर गुर्जर ने भी देश के लिए मेडल जीते हैं. जेवेलियन में देवेंद्र झाझड़िया ने सिल्वर और सुंदर गुर्जर ने कांस्य पदक जीता है. ऐसे में राजस्थान की ओर से आज कुल 3 मेडल देश के लिए जीते गए हैं. वहीं अवनि ने शूटिंग में देश को गोल्ड मेडल दिलाया है.

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टोक्यो पैरालंपिक में आज राजस्थान के खिलाड़ियों ने इतिहास रच दिया. राजस्थान के इन खिलाड़ियों ने तीन मेडल देश को दिलाए हैं. मेडल जीतने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के माध्यम से सभी खिलाड़ियों को बधाई दी. देवेंद्र ने जेवेलियन थ्रो f46 इवेंट में सिल्वर मेडल जीता, जबकि इस इवेंट में सुंदर गुर्जर ने कांस्य पदक अपने नाम किया.

देवेंद्र की पत्नी

देवेंद्र झाझड़िया

राजस्थान के पैरा एथलीट देवेंद्र ने टोक्यो पैरालंपिक का टिकट अपने ही पुराने रिकॉर्ड को तोड़कर हासिल किया है. इसके अलावा देवेंद्र इससे पहले भी देश के लिए पैरालंपिक में दो बार गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. देवेंद्र ने वर्ष 2004 पैरालंपिक एथेंस में पहला स्वर्ण पदक जीता था जबकि वर्ष 2016 रियो डी जेनेरियो में आयोजित ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक में दूसरा स्वर्ण पदक अपने नाम किया. इसके अलावा उन्हें खेल रत्न पद्मश्री और अर्जुन अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है.

सुंदर गुर्जर

राजस्थान के पैरालंपिक खिलाड़ी (एथलीट) सुंदर गुर्जर ने वर्ष 2016 में एक हादसे के दौरान अपना एक हाथ गंवा दिया था, लेकिन अपनी इसी कमजोरी को उन्होंने ताकत बनाया और टोक्यो पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई किया. सुंदर ने लंदन में आयोजित हुए ऑफ वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था और एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया था. इसके अलावा वर्ष 2018 में एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल और ब्रॉन्ज मेडल भी अपने नाम कर चुके हैं और उन्हें अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है.

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अवनि लेखरा

जयपुर की उभरती हुई शूटर अवनि ने वर्ष 2012 में हुए एक एक्सीडेंट के बाद अवनी व्हील चेयर पर आ गई लेकिन अवनि ने शूटिंग को अपने जीवन का हिस्सा बनाया. अवनि ने अपनी इसी कमजोरी को ताकत बनाया और अगस्त 2015 में राइफल उधार लेकर पहली बार स्टेट लेवल पर गोल्ड मेडल जीता. शौकिया तौर पर निशानेबाजी करने वाली अवनि ने राइफल शाम से ही पदकों की झड़ी लगा दी. अपनी गुजरी जिंदगी को पीछे छोड़ते हुए अवनि ने आज एक नया मुकाम हासिल किया है.

कोविड-19 संक्रमण के चलते बीते कुछ समय से अवनी अपने घर पर ही अभ्यास कर रही थी और उनका सपना था कि पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर वे देश का नाम रोशन करें. इससे पहले विश्व पैरा खेल निशानेबाजी विश्व कप में अवनी ने रजत पदक जीतकर इतिहास रचा था.

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बीए एलएलबी की हैं छात्रा

बता दें, अवनि राजस्थान विश्वविद्यालय में पंचवर्षीय विधि महाविद्यालय के बीए एलएलबी की चौथे सेमेस्टर की छात्रा हैं. राजस्थान विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि अवनि को एयर राइफल स्टेंडिंग वुमेन (R-2) में चौथी वरीयता हासिल है. इसके अतिरिक्त 50 मीटर 3 पोजीशन वूमेन (R-8) में भी विश्व में चौथी रैंक हासिल है.

अवनि लखेरा ने WSPS वर्ल्ड कप 2017 में रजत पदक हासिल किया था. उन्होंने 2019 में भी विश्व कप के दौरान 50 मीटर राइफल शूटिंग में ओलंपिक कोटा हासिल किया था. आज अवनी ने टोक्यो ओलंपिक में 10 मीटर एयर राइफल के स्टैंडिंग एसएच वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर एक और उपलब्धि अपने नाम की है और देश-प्रदेश के साथ ही राजस्थान विश्वविद्यालय का नाम भी रोशन किया है.

Last Updated :Aug 30, 2021, 11:47 AM IST
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