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SPECIAL: अज्ञानता के कारण डोनर्स में भय का माहौल, ऐसे में कैसे होगा प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना मरीजों का इलाज?

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Published : Aug 5, 2020, 6:30 PM IST

देश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. जिसको लेकर गहलोत सरकार लगातार प्रयासरत है. जिससे कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोका जा सके. प्रदेश में स्थित SMS अस्पताल में भी लोगों को प्लाज्मा डोनेट करने की अपील की जा रही है. जिससे कोरोना संक्रमण से लड़ रहे लोगों की जान बचाई जा सके. देखिए जयपुर से ये स्पेशल रिपोर्ट...

जयपुर न्यूज, rajasthan news
लोग नहीं कर रहे कोरोना संक्रमितों को अपना प्लाजमा

जयपुर. एक कहावत लंबे समय से प्रचलित है "रक्तदान महादान" ताकि रक्तदान करके जरूरतमंद मरीजों की जान बचाई जा सके. हाल ही में कोरोना महामारी के बीच लगातार मरीजों की जान जा रही है. ऐसे में प्लाज्मा थेरेपी काफी कारगर साबित रही है, लेकिन कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हुए मरीज अपना प्लाज्मा डोनेट करने से घबरा रहे हैं. प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में हाल ही में कोरोना पॉजिटिव ऐसे मरीज जो गंभीर अवस्था में है या फिर वेंटीलेटर या आईसीयू में भर्ती है उन्हें प्लाज्मा थेरेपी दी गई. साथ ही प्लाज्मा थेरेपी 100% कारगर रही.

लोग नहीं कर रहे कोरोना संक्रमितों को अपना प्लाज्मा

आंकड़ों की बात करें तो अभी तक सवाई मानसिंह अस्पताल में करीब 47 ऐसे मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी गई है जो कोरोना के चलते जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे थे ऐसे में सभी मरीज प्लाज्मा थेरेपी के बाद एकदम स्वस्थ हो गए. ऐसे में अस्पताल में एक प्लाज्मा बैंक की स्थापना भी की जा रही है ताकि इस तरह के मरीजों की जान बचाई जा सके, लेकिन ऐसे मरीज जो कोरोना को मात देकर स्वस्थ हुए हैं वो अपना प्लाज्मा डोनेट करने से घबरा रहे हैं.

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लोगों में प्लाज्मा डोनेट करने को लेकर भय

पढ़ें- जयपुर के SMS अस्पताल में प्लाज्मा थैरेपी का ट्रायल सफल, 2 मरीज हुए ठीक

सवाई मानसिंह अस्पताल कि सीनियर प्रोफेसर और ब्लड बैंक की इंचार्ज डॉक्टर सुनीता बुंदूस का कहना है कि जल्द ही अस्पताल में प्लाज्मा बैंक की शुरुआत की जा रही है, लेकिन प्लाज्मा डोनेट करने के लिए हमें उन लोगों की जरूरत है जो कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हो चुके हैं. अस्पताल के स्तर पर भी इन लोगों की एक लिस्ट बनाई गई है और ऐसे लोगों की काउंसलिंग भी की जा रही है, लेकिन लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और उन्हें लगता है कि यदि प्लाज्मा डोनेट किया तो उनके शरीर से एंटीबॉडीज कम हो जाएगी.

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SMS अस्पताल कर रहा लोगों से प्लाज्मा डोनेट करने की अपील

इसे लेकर डॉक्टर सुनीता ने कहा कि यदि शरीर में एक बार एंटीबॉडीज तैयार हो जाती है और प्लाज्मा के द्वारा उसे डोनेट किया जाता है तो शरीर में किसी तरह का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि इस तरह के लोग सामने आएं और अपना प्लाज्मा डोनेट करें.

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ठीक हुए मरीज ही कर सकते हैं अपना प्लाज्मा डोनेट

कौन कर सकता है कोविड-19 प्लाज्मा डोनेट:

  • ऐसे मरीज जिनकी उम्र 18 से अधिक और 60 साल से कम हो
  • आरटीपीसीआर द्वारा कंफर्म कोविड-19 पॉजिटिव जांच और कम से कम बुखार खांसी के लक्षण आए हो
  • पुरुष और अविवाहित महिला जिसका वजन 55 किलो से अधिक हो
  • कम से कम 28 दिनों से पहले दानदाता पूर्ण रूप से लक्षण मुक्त हो गया हो या कम से कम 14 दिन पहले कोविड-19 के लिए आरटी पीसीआर द्वारा 2 जांच 24 घंटे के अंदर हुई हो.

सिर्फ 20 लोगों ने दी रजामंदी

जयपुर में लगभग 4,500 से अधिक अभी तक कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं जिसमें से करीब 3,591 मरीज पूर्ण रूप से कोरोना मुक्त हो चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद महज 20 लोगों ने ही प्लाज्मा डोनेट करने की रजामंदी दी है. ऐसे में यदि पॉजिटिव से नेगेटिव हुए मरीज प्लाज्मा डोनेट करने के लिए आगे नहीं आते हैं तो प्लाज्मा थेरेपी काफी मुश्किल हो जाएगी.

हाल ही में बीएसएफ के 15 ऐसे जवान जो पॉजिटिव से नेगेटिव हुए हैं उन्होंने भी अपना प्लाज्मा डोनेट किया है. सवाई मानसिंह अस्पताल की ओर से अपील की गई है कि कोविड-19 मरीजों की जान बचाने के लिए ऐसे मरीज अधिक से अधिक प्लाज्मा डोनेट करें जो हाल ही में कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हुए हैं.

यह भी पढ़ें- कोरोना को लेकर सीएम गहलोत की समीक्षा बैठक, प्लाज्मा थेरेपी पर डाला जोर

हेल्थ वर्कर आए आगे

अस्पताल में कार्यरत हेल्थ वर्कर्स जो हाल ही में कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हुए हैं वे अपना प्लाज्मा डोनेट कर रहे हैं. इनमें चिकित्सक और नर्सिंग कर्मी शामिल हैं, ताकि समय रहते जरूरतमंद मरीजों की जान बचाई जा सके.

सीएम गहलोत ने भी दिया था प्लाज्मा थेरेपी पर जोर

हाल ही प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक की थी. इस बैठक में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा समेत प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल सुप्रिडेंट और अन्य आला अधिकारी मौजूद थे. इस बैठक में सीएम ने कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हुए लोगों को प्लाज्मा डोनेट करने की भी अपील की थी. साथ ही चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा था कि प्रदेश में कोरोना से होने वाली मृत्यु दर को शून्य पर लाने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों के मुकाबले राज्य में कोराना से होने वाली मृत्यु दर काफी कम है. इसे शून्य पर लाने के प्रयास किए जाएंगे.

अब उदयपुर में भी प्लाज्मा थेरेपी से इलाज संभव

डॉ. शर्मा ने कहा था कि कोरोना के गंभीर मरीजों में प्लाज्मा थेरेपी कारगर साबित हुई है. जयपुर, जोधपुर और कोटा के बाद उदयपुर से भी प्लाज्मा थेरेपी के जरिए गंभीर कोरोना मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में प्लाज्मा थेरेपी सबसे पहले जयपुर के एसएमएस अस्पताल से शुरू की गई थी. यहां सफल प्रयोग के बाद अन्य मेडिकल कॉलेजों ने भी आईसीएमआर (ICMR) से अनुमति मांगी थी. जल्द ही बीकानेर और अजमेर को भी प्लाज्मा थेरेपी से इलाज की अनुमति मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश के जिला अस्पतालों में भी प्लाज्मा थेरेपी से इलाज की योजना बनाई जा रही है.

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