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सेना के जवानों को हनी ट्रैप में फंसाकर पाक हैंडलर्स को सूचनाएं भेजते थे दोनों आरोपी

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Published : Aug 15, 2022, 5:37 PM IST

राजस्थान इंटेलिजेंस की टीम ने शनिवार को भीलवाड़ा और पाली से दो आईएसआई एजेंट गिरफ्तार किए थे. पूछताछ में दोनों से चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. आरोपी सेना के जवानों को हनी ट्रैप में फंसाकर उस इंडियन आर्मी की सामरिक जानकारियां प्राप्त कर पाक हैंडलर्स को उपलब्ध कराते थे.

honey trap on fake social media
honey trap on fake social media

जयपुर. राजस्थान इंटेलिजेंस की टीम ने शनिवार को भीलवाड़ा और पाली से आईएसआई के दो स्थानीय एजेंटों को गिरफ्तार किया था. टीम ने आरोपियों से पूछताछ की तो कई चौंकाने वाले खुलासे (shocking revelations from isi agents) सामने आए. आरोपी सोशल मीडिया पर महिलाओं के नाम से फर्जी अकाउंट (honey trap on fake social media account) बनाते थे और सेना के जवानों को फंसाकर आर्मी की गोपनीय सूचनाएं प्राप्त कर पाक खुफिया एजेंसियों को भेजता था. दोनों आरोपी लंबे समय से सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए पाकिस्तान खुफिया एजेंसी से संपर्क में थे.

दोनों आरोपी पाक खुफिया एजेंसी के लिए स्थानीय एजेंट के रूप में काम कर रहे थे. दोनों ही आरोपियों की ओर से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के हैंण्डलिंग अफसरों (pak handling officers) के इशारों पर भारतीय सेना से सम्बंधित भेजी गईं सामरिक महत्व की सूचनाओं की एवज में वे बैंक खातों में यूपीआई के माध्यम से धनराशि प्राप्त कर रहे थे.

पढ़ें. भीलवाड़ा और पाली से ISI के दो स्थानीय एजेंट गिरफ्तार, पाकिस्तान भेज रहे थे सूचनाएं

डीजी इन्टेलीजेन्स उमेश मिश्रा के मुताबिक राजस्थान सीआईडी इन्टेलीजेंस ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की ओर से प्रदेश में की जाने वाली जासूसी गतिविधियों की सतत् निगरानी के लिए ऑपरेशन सरहद चला रखा है. ऑपरेशन सरहद के तहत वर्ष 2022 में अभी तक 6 प्रकरण दर्ज कर कई आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसी क्रम में भीलवाड़ा में बेमाली निवासी नारायण लाल गाडरी और जैतारण पाली से कुलदीप सिंह शेखावत को भी सोशल मीडिया के माध्यम से पाक खुफिया एजेंसी को सेना की जानकारियां उपलब्ध कराने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. सीआईडी इन्टेलीजेंस जयपुर ने दोनों की गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखी. इन संदिग्धों के जासूसी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर कार्रवाई करते हुए सभी आसूचना एजेंसियों ने गहन पूछताछ शुरू की तो कई खुलासे हुए.

पाक हैंडलर्स को उपलब्ध कराता था भारत का सिमकार्ड
पूछताछ पर सामने आया कि बेमाली भीलवाड़ा निवासी नारायण लाल गाडरी पाकिस्तानी जासूसी एजेंसियों के सम्पर्क में आकर धनराशि के प्रलोभन में पाक हैंडलिंग अफसरों के कहने पर विभिन्न मोबाइल प्रदाता कंपनियों के सिमकार्ड जारी करवाए थे. सिम कार्ड जारी करवाकर पाक हैंडलिंग अफसरों की ओर से भारतीय मोबाइल नम्बरों से सोशल मीडिया अकाउंट संचालन के लिए उपलब्ध करवा रहा था. उन नम्बरों पर सेना से सम्बंधित गोपनीय सूचनाएं भी आरोपी भेज रहा था.

कुलदीप सिंह शेखावत जैतारण पाली में शराब ठेके पर सैल्समैन का कार्य करता था जो कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की महिला हैंडलिंग अफसर के सम्पर्क में रहते हुए धनराशि की लालच में आकर कभी महिला के नाम पर तो कभी सेना के जवान के नाम से फेक सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर भारतीय सेना के जवानों से दोस्ती कर उनसे इंडियन आर्मी से सम्बंधित गोपनीय सूचनाएं प्राप्त कर पाक महिला हैंडलर को उपलब्ध करवा रहा था. आरोपी से पूछताछ कर जांच पड़ताल की जा रही है.

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