जयपुर. स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अगर विभाग की बैठक में आना है, तो बच्चों की तरह विभाग के अधिकारियों को भी पाठ पढ़कर आना होगा. बैठक शुरू होने से पहले इन अधिकारियों को 15 प्रश्नों का टेस्ट देना होगा. इतना ही नहीं बैठक में ही उनके टेस्ट का मूल्यांक भी किया जाएगा. जिससे बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा में नवाचार किया जाएगा और विभाग की कमियों को दूर किया जाएगा.
दरअसल, विभाग की ओर यह नवाचार मंगलवार को शिक्षा संकुल में हुई समसा की बैठक में किया गया. जिसमें स्कूलों में किए जाने वाले निर्माण कार्यों को लेकर चर्चा की गई. बैठक से पहले अधिकारियों को हल करने के लिए 15 प्रश्न दिए गए. जो अधिकारियों के कामों को लेकर थे. जिसमें उन कार्यों को बेहतर बनाने के बारे में राय ली गई. इस दौरान बैठक में शिक्षा से संबंधित सभी विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. जहां स्कूलों में होने वाले निर्माण कार्यों को लेकर समीक्षा की गई.
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स्कूल शिक्षा के आयुक्त प्रदीप कुमार बोरड़ ने बताया की स्कूली शिक्षा के निर्माण कार्य, बजट की स्थिति सहित गुणात्मक सुविधा को लेकर बैठक रखी गई थी. प्रदेश के 33 जिलों को दो भागों में बांटकर बैठक को आयोजित किया गया. जिसमें आज 17 जिलों के अधिकारियों की मीटिंग लेकर रिव्यू लिया गया. बोरड़ ने बताया की कोई भी योजना को शुरू करने से पहले संबंधित अधिकारी को योजना की कितनी जानकारी है, इसको लेकर विभाग ने मंगलवार को नवाचार किया है. जिसके तहत अधिकारियों की 15 प्रश्नों की परीक्षा ली गई.