जयपुर. प्रदेश में अशोक गहलोत के शासन वाली कांग्रेस सरकार के एक साल पूरा होने पर राजस्व विभाग ने भी अपने 1 साल के कामों और आने वाले समय के लिए चुनौतियों को सामने रखा. राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया, कि भाजपा सरकार के समय भर्तियों की स्थिति काफी खराब थी. 960 नायब तहसीलदार की जगह सिर्फ 120 नायब तहसीलदार थे. इन पर भर्तियां शुरू कर दी गईं हैं.
वहीं मंत्री चौधरी ने कहा, कि पहली बार विभागीय राज्यस्तरीय डीपीसी के जरिए प्रमोशन हुए हैं, जो चतुर्थ श्रेणी से लेकर तहसीलदार तक के रहे. वहीं उन्होंने कहा, कि पटवारियों के लिए 4206 पद स्वीकृत किए जा चुके हैं. आने वाले दिनों में राजस्थान अधीनस्थ सेवा भर्ती भी निकाली जाएगी. डिजिटलाइजेशन को राजस्थान में राजस्व विभाग एक अभियान के तौर पर शुरू कर चुका है और अब तक 170 तहसीलें ऑनलाइन हो चुकी हैं. विभाग का लक्ष्य है, कि ना सिर्फ ऑनलाइन होना बल्कि आम किसान को खाते की नकल और नक्शा भी ऑनलाइन सिर्फ 10 रुपए के शुल्क में देने का प्रावधान शुरू कर दिया गया है. जबकि पहले सत्यापित प्रति नहीं मिल पाती थी.
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मंत्री हरीश चौधरी ने कहा, कि सर्वे का काम भी राजस्व विभागों ने शुरू कर दिया है और 11 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चल भी रहा है. जो डाटा विभाग के पास है, उसे सैटेलाइट इमेज के जरिए पूरे राजस्थान की भौगोलिक स्थितियों को साथ में लेकर किसान के खाते से मिलान कर राजस्व ईकाई को आधार मानकर ये काम किया जा रहा है. जिससे किसानों को फायदा होगा. वो अपने खातों और सीमा का ज्ञान कर सकेंगे. विभाग को उम्मीद है, कि सीमा विवाद की तादाद कम हो जाएगी.
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वही मंत्री हरीश चौधरी ने कहा, कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद अब राजस्व केस कम हो रहे हैं. उनमें जिस संख्या में बढ़ोतरी हो रही थी, वो अब घट गई है. मंत्री ने ये भी कहा, कि कांग्रेस ने घोषणा पत्र में नए जिले बनाने की बात की थी. इसी कड़ी में सरकार ने राजस्व गांव और राजस्व तहसीलों का सृजन किया है. आने वाले समय में सरकार राजस्व जिलों का भी सृजन करेगी. मंत्री के मुताबिक आने वाले समय में उनका लक्ष्य है, कि पूरा विभाग डिजिटल हो जाए और रिक्त पदों को पूरा भरा जाए और रेवेन्यू केस कम किए जाएं, जिससे आम जनता को सीधा फायदा हो सके.
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राजस्व विभाग के एक साल के कामकाज
- 1. डीएलआईआरएमपी (Digital India Land Records Modernization Programme) का ऑनलाइन पोर्टल आरंभ किया गया. जिसके जरिए हस्ताक्षरित जमाबंदी, नक्शा, गिरदावरी उपलब्ध कराई जाएगी. आमजन के जमाबंदी नक्शे ऑनलाइन करने का कार्य किया गया. इसको ई-मित्र से और स्वयं ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे. 178 तहसीलें ऑनलाइन हो गईं हैं, गिरदावरी कार्य ऑनलाइन होने से काश्तकारों के तत्काल फसल बीमा और अन्य योजनाओं में लाभ मिलेगा.
- 2. बैंकों के लिए कृषि ऋण पोर्टल की शुरूआत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में झुंझुनू से की गई है.
- 3. भू-राजस्व नियम 1957 में संशोधन कर बिना पंजीयन सीधे पटवारी द्वारा नामांतरण करने का निर्णय लिया गया. जिससे अब किसानों को तहसील कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.
- 4. हक, त्याग और पारिवारिक समझौते पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी समाप्त करने का निर्णय लिया गया.
- 5. प्रदेश में संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर, राजस्व अपील अधिकारी, उपखंड अधिकारियों के लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभागीय कार्यों की समीक्षा की गई. जिसके फलस्वरूप लंबित राजस्व मामलों में कमी हुई.
- 6. पैतृक संपत्ति के बंटवारे में माता-पिता द्वारा संपत्ति का संतान के पक्ष में सेटलमेंट करने और पति की ओर से पत्नी के पक्ष में निष्पादित किए जाने वाले दस्तावेजों पर लगने वाले पंजीयन शुल्क को समाप्त किया गया.
- 7. किसान की मृत्यु होने पर संबंधित पटवार सर्किल पर पटवारी किसान के घर जाकर नामांतरण हकदार के पक्ष में खोलने की कार्रवाई करेगा, इस संबंध में भी निर्देश जारी किए गए.
- 8. ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि को सार्वजनिक प्रयोजन धार्मिक एवं चैरिटेबल संस्थाओं द्वारा सम परिवर्तन पर लगने वाले शुल्क को समाप्त किया गया.
- 9. काश्तकारों को फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए 10 हेक्टेयर भूमि तक रूपांतर नहीं करवाने की छूट दी गई.
- 10. पटवारी के लंबे समय से रिक्त चल रहे पदों को भरने हेतु 4207 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई.
- 11. पटवारी भर्ती प्रक्रिया को दो चरण के स्थान पर एक चरण का किया गया, जिससे भर्ती प्रकिया कम समय में संपन्न होगी.
- 12. विधानसभा सत्र के दौरान राजस्व विभाग से संबंधित पूछे जाने वाले प्रश्नों का जवाब विभागीय स्तर पर ऑनलाइन तरीके से तैयार करने की शुरुआत की गई.
- 13. पदोन्नति कर विभाग पदों को प्रदेश में पहली बार राज्य स्तरीय डीपीसी के माध्यम से किया गया. इनमें 6 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से कनिष्ठ लिपिक, 41 कनिष्ठ लिपिक से वरिष्ठ लिपिक, 12 वरिष्ठ लिपिकों को एएए, 767 पटवारी से आरआई, 1077 आरआई से नायब तहसीलदार, 123 नायब तहसीलदार से तहसीलदार तो 4 अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारियों को तहसीलदार पदों पर पदोन्नति दी गई.