जयपुर. प्रदेश में खनन माफियाओं की ओर से पुलिस पर हो रहे हमले पर सियासत गरम है. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने एक बयान जारी कर सितंबर महीने में प्रदेश में बेखौफ खनन माफिया की ओर से पुलिस पर एक के बाद एक 8 बार जानलेवा हमले पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में खनन माफियाओं का सिंडीकेट अब इतना प्रभावी और बेखौफ हो गया है कि पुलिस भी उनके सामने लाचार और भयभीत हो गई है.
राजेंद्र राठौड़ के अनुसार खनन माफिया के इशारे पर नहीं नाचने वाले पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पर सरेआम हमले होना अब आम बात हो गई है. राठौड़ ने कहा कि दुर्भाग्य है कि विगत सरकार पर अवैध बजरी के खनन का आरोप लगाने वाली कांग्रेस सरकार ने 22 महीने में बजरी के वैध खनन प्रारंभ करने के लिए कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की. साथ ही पिछले बजट में विधानसभा में की गई घोषणा के अनुसार बजरी के विकल्प के लिए M-Sand बनाने के लिए नीति लाने पर भी सरकार ने कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की.
सरकार ने आम व्यक्ति के मकान बनाने के सपने को दूरदर्शित करने का कार्य किया
राठौड़ ने आरोप लगाया कि खनन बजरी माफियाओं पर अंकुश लगाने में असफल रही सरकार के कार्यकाल में जहां एक ओर बनास नदी से लेकर हरियाणा और पाक-बॉर्डर तक सरेआम अवैध खनन हो रहा है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से हाल ही में आम उपभोक्ता के भवन निर्माण में काम आने वाली बजरी, सैंडस्टोन, मार्बल, मेसेनरी स्टोन सहित विभिन्न खनिजों पर 20 फीसदी से लेकर 60 फीसदी रॉयल्टी दरों को बढ़ाने की सैद्धांतिक सहमति देकर आम व्यक्ति के मकान बनाने के सपने को दूरदर्शित करने का कार्य किया है.
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उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश से निकलने वाले खनिजों की रॉयल्टी दरों मे भारी वृद्धि के लिए राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली 2017 के शिड्यूल द्वितीय में रॉयल्टी दरोंं के पार्ट-ए में शामिल 14 प्रकार के खनिज की रॉयल्टी दरों में बढ़ोतरी कर इसे लागू कर रही है.
सरकार और खनन माफियाओं में बेजोड़ गठबंधन
राठौड़ ने आरोप लगाया कि उच्च पदस्थ अधिकारियों के खुले संरक्षण के कारण राजधानी जयपुर में प्रतिदिन टोंक और सवाई माधोपुर से 800 से 1200 ट्रकों तक अवैध बजरी व चेजा पत्थर के ओवरलोड ट्रक-ट्रोले दर्जनों पुलिस स्टेशन के सामने से प्रतिदिन सरेआम गुजरकर जयपुर महानगर में लगातार 22 महीने से आ रहे हैं. यह सरकार और खनन माफियाओं के बेजोड़ गठबंधन को उजागर करते हैं. राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से घोषित M-Sand Policy और वैध बजरी खनन हेतु कोई नीतिगत निर्णय 22 महीने तक नहीं लेने से सरकार की नीति और नियत पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं.
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राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि पुलिस के टूटे मनोबल और आमजन का पुलिस से उठे विश्वास के कारण से कानून व्यवस्था जर्जर हो चुकी है. साथ ही पुलिस से आम आदमी का विश्वास उठ गया है. इसी का परिणाम है कि सामूहिक दुष्कर्म जैसे वीभत्स अपराध से पीड़ित मासूम बालिकाओं को दुष्कर्म के बाद आत्महत्या करने जैसे जघन्य कृत्य के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. इसी महीने हुए अलवर और धौलपुर की घटना इसका ताजा उदाहरण है.
कांग्रेस के सत्ता में आते ही कानून व्यवस्था बिगड़ीः राठौड़
राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में जब से कांग्रेस सत्ता में आई है, आपराधिक कृत्यों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो रही है. विशेष रूप से महिलाओं और नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं रिकॉर्ड तोड़ रही है जो राज्य सरकार की लचर कानून व्यवस्था को प्रदर्शित कर रही है.
उन्होंने कहा कि राज्य क्राइम ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के विभिन्न थानों में इस वर्ष 31 जुलाई तक कुल 1 लाख 7 हजार 32 गंभीर अपराध के मुकदमे दर्ज हुए, जिसमें से मात्र 40 हजार मुकदमों में ही चालान हुआ. शेष 60 हजार अपराधी पुलिस की पकड़ से बाहर है.