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ग्रेच्यूटी को लेकर RU में कर्मचारियों का धरना, प्रयोगशाला सहायकों ने की स्थायी करने की मांग

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Published : Dec 29, 2020, 3:59 PM IST

राजस्थान विश्वविद्यालय में मंगलवार को सिंडीकेट की बैठक शुरू हुई. इस दौरान विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को उसी दिन पीएफ के साथ ग्रेच्यूटी का चेक दिलवाने और सेवानिवृत्ति के दिन ही सभी प्रकार के भुगतान करवाने की मांग को लेकर धरना दिया.

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ग्रेच्यूटी और पीएफ की मांग को लेकर राजस्थान विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने दिया धरना

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में एक ओर जहां सिंडीकेट की बैठक शुरू हुई, वहीं दूसरी ओर राजस्थान विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने कुलपति कार्यालय के बाहर धरना दिया और सिंडीकेट सदस्यों को ज्ञापन सौंपा. ये कर्मचारी सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को उसी दिन पीएफ के साथ ग्रेच्यूटी का चेक दिलवाने और सेवानिवृत्ति के दिन ही सभी प्रकार के भुगतान करवाने की मांग कर रहे थे.

ग्रेच्यूटी और पीएफ की मांग को लेकर राजस्थान विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने दिया धरना

राजस्थान विश्वविद्यालय के सहायक कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद मुस्तफा ने बताया कि पिछले कई सालों से सेवानिवृत्ति के दिन ही सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को पीएफ और ग्रेच्यूटी का चेक मिल रहा था. अक्टूबर 2019 तक ऐसा होता रहा है इसमें ऑडिट की भी किसी प्रकार की आपत्ति नहीं थी. इसके बावजूद भी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को केवल पीएफ का ही चैक दिया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि ग्रेच्यूटी का चेक सेवानिवृत्ति के दिन नहीं दिया जा रहा, जिससे सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. विश्वविद्यालय में पिछले 10 से 20 सालों से विश्वविद्यालय में एजेंसी के माध्यम से कर्मचारी कार्यरत हैं. शुरुआत में न्यूनतम वेतन कम था, फिर भी कर्मचारियों ने इसी आशा के साथ विद्यालय में कार्य किया कि भविष्य में वे भी स्थायी हो जाएंगे. एक भी कर्मचारी स्थायी नहीं हुआ.

उन्होंने कहा कि बहुत ही अफसोस की बात है कि पूर्व में राज्य सरकार से 63 कर्मचारी वर्ग से संबंधित पदों को नियमित रूप से भरने की अनुमति दी थी, लेकिन आज तक एक भी पद नहीं भरा गया. इन कर्मचारियों में प्रयोगशाला सहायक भी शामिल थे, जिन्हें एक साल 14 अप्रैल 2018 को पूरा हो चुका है. वो पद पर स्थाई करने और वेतन भत्ता दिलवाने की मांग कर रहे थे. इस संबंध में 26 दिसंबर को कुलपति को ज्ञापन भी दिया गया था और भूख हड़ताल पर बैठने की चेतावनी भी दी गई थी.

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वहीं, मंगलवार को एक कर्मचारी भूख हड़ताल पर बैठ गया है. देय वेतन पर 1 साल का परिवीक्षा काल पूर्ण हो जाने के बाद भी पद पर उन्हें स्थाई कर वेतन भत्ता दिलवाया जाए. पहले भी 1 साल का परीवीक्षा काल पूर्ण होने के बाद इस पद पर कार्यरत कर्मचारियों को स्थायी किया गया और भत्ता भी दिया गया. कई बार विश्वविद्यालय प्रशासन को मौखिक और पत्र के माध्यम से अवगत भी कराया गया, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने केवल आश्वासन ही दिया. मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि यदि उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो आने वाले दिनों में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

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