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दुष्कर्म के मामलों में राजस्थान हुआ शर्मसार, महिला आयोग की अध्यक्ष बोलीं, 48 फीसदी मामले हैं झूठे

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Published : Aug 31, 2022, 7:04 PM IST

Rajasthan tops rape cases in Rajasthan, Women Commission chairman says 48 percent are fake cases
दुष्कर्म के मामलों में राजस्थान हुआ शर्मसार: महिला आयोग की अध्यक्ष बोलीं, 48 फीसदी मामले हैं झूठे

महिला दुष्कर्म के आंकड़ों में राजस्थान पहले पायदान पर पहुंच गया (Rajasthan tops rape cases in Rajasthan) है. इस रिपोर्ट के बाद महिला आयोग की अध्यक्ष ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि यह सही है कि एक भी महिला के साथ दुष्कर्म नहीं होना चाहिए, लेकिन रेप के कुल मामलों में से 48 फीसदी मामले झूठे पाए गए हैं.

जयपुर. राजस्थान एक बार फिर महिला दुष्कर्म के मामलों में शर्मसार हुआ है. एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि राजस्थान देश के उन अग्रणी राज्यों में शामिल है, जहां पर महिलाओं के साथ सबसे ज्यादा दुष्कर्म होता है. दुष्कर्म के इन आंकड़ों पर ईटीवी भारत ने महिला आयोग की अध्यक्ष से खास बातचीत (Rehana Riaz on rape cases in Rajasthan) की. उन्होंने कहा कि जो मामले दर्ज किए गए हैं उनमें 48 फीसदी झूठे हैं.

48 फीसदी झूठे मामले: महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज ने कहा कि एनसीआरबी के जो आंकड़े सामने आए हैं, वह वाकई राजस्थान के लिए शर्मसार करने वाले हैं. किसी भी एक महिला के साथ भी दुष्कर्म क्यों हो. महिला सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार और आयोग की जिम्मेदारी है. रियाज ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार महिलाओं को लेकर गंभीर है और यही वजह है कि 2018 में सरकार बनने के बाद हर पीड़ित महिला की सुनवाई सुनिश्चित हो उसके लिए एफआईआर अनिवार्य करने के निर्देश जारी किए थे. उसी का परिणाम है कि आज महिलाएं थानों में अपनी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शिकायत दर्ज करा रही हैं.

दुष्कर्म के मामलों में राजस्थान हुआ शर्मसार.

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रेहाना ने यह भी माना कि एफआईआर दर्ज करने के आदेश से झूठे मुकदमों की संख्या भी तेजी से बढ़ी (Rehana Riaz claims about rape cases) है. उन्होंने कहा कि एनसीआरबी के अनुसार जो आंकड़े आए हैं, उसमें 48 फीसदी ऐसे मामले भी हैं जो जांच में झूठे पाए गए हैं. उन्होंने कहा कि 2022 के आंकड़ों को देखें तो पिछले 8 महीने में 4271 मामले दुष्कर्म के दर्ज हुए, जिसमें से 1290 मामले जांच में झूठे पाए गए. यानी 47.48 मामले झूठे पाए गए हैं, जबकि 1554 मामलों की जांच होना भी बाकी है. जब बाकी मामलों की जांच हो जाएगी, तो झूठे मामलों का औसत और भी ज्यादा बढ़ जाएगा.

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आपसी रंजिश से हो रहे झूठे मामले दर्ज: आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि झूठे मामले दर्ज हो रहे हैं. उसमें ज्यादातर आपसी रंजिश या आपसी मनमुटाव के चलते हुए हैं. किसी का किसी से झगड़ा हो गया, तो झूठे दुष्कर्म का मामला दर्ज करा दिया गया. इनमें ज्यादा वे मामले भी हैं जो लिव इन रिलेशनशिप में रहते हैं, लेकिन बाद में किसी भी कारण से मनमुटाव हुआ, तो उसको दुष्कर्म का नाम देकर मुकदमा दर्ज करा देते हैं.

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हालांकि रियाज ने कहा कि एक भी महिला के साथ दुष्कर्म होना गंभीर बात है. उन्होंने कहा कि हर पीड़िता को न्याय मिले, इसके लिए आयोग लगातार काम कर रहा है. हमारे पास कोई भी शिकायत आती है, तो हम संबंधित पुलिस अधीक्षक से 7 दिन में फैक्चुअल रिपोर्ट मंगवाते हैं और उसकी पूरी जांच करते हैं. लेकिन यह सही है कि आपसी रंजिश, मनमुटाव, बदला लेने की भावना से झूठे मुकदमे ज्यादा दर्ज हुए हैं.

NCRB के आंकड़े: बता दें कि एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों में राजस्थान महिला और बालिकाओं के यौन उत्पीड़न के मामलों में पहले पायदान पर पहुंच गया है. मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, असम को पीछे छोड़ते हुए राजस्थान का पहले नम्बर पहुंचना चिंता की बात है. राजस्थान में साल 2021 में कुल 6337 रेप के मामले सामने आए, जो साल 2020 के 5310 के मुकाबले एक हजार ज्यादा हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 2020 और 2021 में राजस्थान में सबसे अधिक रेप के मामले सामने आए. राजस्थान के बाद मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा रेप के मामले दर्ज हुए. वहां पर 2020 में 2339 मामले थे, जबकि 2021 में ये नंबर बढ़कर 2947 हो गया.

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