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नई खनिज नीति 90% तैयार लेकिन महिलाओं, SC-ST और दिव्यांगों के लिए नए प्रावधानों के कारण लगेगा समय

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Published : Jun 26, 2021, 12:11 AM IST

राजस्थान की नई खनिज नीति 90 प्रतिशत बनकर तैयार है. खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने वरिष्ठ अधिकारियों से खनिज नीति पर मंथन किया और जरूरी निर्देश दिए.

Rajasthan mineral policy,  खान मंत्री प्रमोद जैन भाया
खान मंत्री प्रमोद जैन भाया

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने 22 जून को खान एवं पेट्रोलियम विभाग की समीक्षा बैठक ली थी. इस बैठक के निर्णयों की पालना कराने और विभाग के कार्यों को गति देने के लिए खान मंत्री प्रमोद जैन भाया (Pramod Jain Bhaya) ने खनिज भवन में वरिष्ठ अधिकारियों से विचार मंथन किया. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य मुख्यमंत्री गहलोत के निर्देशों की पालना के लिए कार्य-योजना बनाना रहा.

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खान मंत्री ने राज्य में खनिज की अपार संपदा को अच्छे ढंग से दोहन करने के लिए विभाग की भू-वैज्ञानिक शाखा, ड्रिलिंग शाखा और प्रयोगशाला को सुदृढ़ करने के निर्देश दिये ताकि खनिज खोज के काम को गति देते हुए नए खनिज खोजें जा सके.

नई खनिज नीति 90% तैयार

आकर्षक खनिज नीति बनाने के निर्देश

खान मंत्री ने मुख्यमंत्री की भावना के अनुरूप बहुत ही आकर्षक और देश की अग्रणी खनिज नीति बनाने के निर्देश दिए.

⦁ अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि ऐसी खनिज नीति बनानी है, जिससे निवेशक आकर्षित हों, रोजगार बढ़े.

⦁ नई नीति में ऐसा रास्ता निकाला जाए कि समाज के पिछड़े अनुसूचित जाति, जनजाति के साथ-साथ युवा, नए स्टार्टअप कर सकने वाले युवा उद्यमी और महिलाओं को विशेष रूप से खान आवंटन में आरक्षण का प्रावधान किया जा सके ताकि यह वर्ग भी समाज में कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ सके.

कैसी होगी नई खनिज नीति

मंत्री भाया ने कहा कि राज्य की प्रस्तावित खनिज नीति में देश में सबसे अग्रणी, रोजगारपरक, राजस्व बढ़ाने वाली, सरलीकृत और देश-दुनिया में राजस्थान की खनिज संपदा की खोज और खनन को बढ़ावा देने वाली होगी.

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⦁ नई खनन नीति में पिछली सरकार के समय 4 हेक्टेयर भूमि का जो प्रावधान था, उसे भी हटाने पर विचार चल रहा है.

⦁ राज्य की प्रस्तावित खनिज नीति का प्रारूप अंतिम चरण में है. इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाओें, विकलांगों और तकनीकी विशेषज्ञ युवाओं को माइंस आवंटन में आरक्षण पर विचार किया जा रहा है. इससे समाज के कमजोर और पिछड़े वर्ग के लोगों की भागीदारी तय होने के साथ ही तकनीकी विशेषज्ञ युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे.

⦁ शहरी क्षेत्रों खासतौर से अजमेर, बीकानेर, जोधपुर, जयपुर और भीलवाड़ा में अवैध खनन को रोककर वैध खनन के लिए शहरी विकास विभाग के साथ उच्चस्तरीय समन्वय बनाकर समाधान निकाला जाएगा.

⦁ खनन क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों और कामगारों को सिलिकोसिस बीमारी से बचाने के लिए जागरुकता अभियान चलाने के साथ ही सुरक्षा मानकों की पालना सुनिश्चित कराने के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं.

⦁ विभाग के केडर रिव्यू के साथ ही विभाग को पुनर्गठित करने के प्रस्ताव भी तैयार किये जाएं ताकि संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार क्षमताओं का बेहतर उपयोग हो सके.

लाइम स्टोन के 8 ब्लॉक का ऑक्शन

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि लाइम स्टोन के आठ ब्लॉकों का ऑक्शन किया गया है. प्राथमिकता के आधार पर माइंस के नए ब्लॉक्स विकसित किए जा रहे हैं. बंशी पहाड़पुर में ऑक्शन की राह प्रशस्त की गई है. अन्य प्रकरणों के निराकरण के लिए विभाग द्वारा केन्द्र सरकार और संबंधित विभागों के साथ समन्वय बनाकर निराकरण के प्रयास किए जा रहे हैं.

राम मंदिर में जाने वाले बंशी पहाड़ के पत्थर का खनन जल्द

देश में राम मंदिर निर्माण में राजस्थान के बंसी पहाड़पुर (Bansi Paharpur ) का भी अहम योगदान होगा. क्योंकि जो पत्थर राम मंदिर में इस्तेमाल किया जा रहा है, वह यहीं का है. हालांकि अभी यहां खनन बंद था, जिसके चलते पत्थर भी राम मंदिर नहीं जा रहा था. लेकिन अब बंसी पहाड़पुर के पत्थर के खनन का रास्ता साफ हो गया है.

खान मंत्री ने कहा कि बंसी पहाड़पुर (Bansi Paharpur ) के पत्थर की डिमांड है. अधिकतर मंदिर हो, चाहे लोकसभा हो इसी पत्थर का इस्तेमाल किया गया है. यह आरोप भी लगाए गए कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है, इसीलिए बंसी पहाड़पुर का पत्थर नहीं आ रहा है लेकिन उसके पीछे कारण यह था कि जो पुरानी लीजें थी, वह फॉरेस्ट में चली गईं. जिसके चलते काम रूका. इसके बाद मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा और कहा कि हमारी नियत बिल्कुल साफ है. हम चाहते हैं कि बंसी पहाड़पुर में लीगल माइनिंग हो. देश-प्रदेश को इसका फायदा मिले.

⦁ अब इसकी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी है.

⦁ ऑक्शन की तैयारियां भी शुरू हो चुकी है.

⦁ 4 से 6 हेक्टेयर के 60 ब्लॉक तैयार किए गए हैं.

⦁ 10 से 15 हेक्टेयर के 10 से 12 ब्लॉक तैयार किए गए हैं.

नीलामी की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. जिसके बाद यह पत्थर अयोध्या के राम मंदिर के साथ ही पूरे देश में जाने के लिए तैयार होगा.

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