ETV Bharat / city

राजस्थान लिंचिंग संरक्षण विधेयक विधानसभा में पारित, इंस्पेक्टर या उससे बड़ा पुलिस अफसर ही करेगा मामले की जांच

author img

By

Published : Aug 5, 2019, 7:26 PM IST

Updated : Aug 5, 2019, 11:53 PM IST

jaipur, assembly, bill

राजस्थान विधानसभा में आज मॉब लिंचिंग रोकने के लिए विधेयक विधानसभा में पारित हो गया. हालांकि, अभी यह बिल पास होने के लिए राष्ट्रपति के पास जाएगा और उनकी मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाएगा.

जयपुर. राजस्थान लिंचिंग संरक्षण विधेयक सोमवार को विधानसभा में बहस के बाद पारित कर दिया गया. अब राष्ट्रपति के पास इस बिल को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इस बिल के प्रावधान प्रदेश में लागू होंगे. मॉब लिंचिंग में मौत होने पर अब दोषियों को आजीवन कठोर कारावास और एक से पांच लाख तक के जुर्माने का दंड होगा.

राजस्थान लिंचिंग सरक्षण विधेयक

वहीं, लिंचिंग में पीड़ित को घायल करने वालों को सात साल तक की सजा, एक लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान विधेयक में किया है. लिंचिंग में पीड़ित के गंभीर रूप से घायल होने पर 10 साल तक की कैद और 50 हजार से 3 लाख तक का जुर्माना होगा. लिंचिंग में किसी भी रूप से सहायता करने वाले को भी वही सजा मिलेगी जो खुद लिंचिंग करने पर है. मॉब लिंचिंग के मामलों की जांच इंस्पेक्टर स्तर या उससे ऊपर का पुलिस अफसर ही करेगा. इससे नीचे के स्तर का अफसर जांच नहीं कर सकेगा. लिंचिंग रोकने के लिए आईजी रैंक के अफसर को राज्य समन्वयक बनाया जाएगा. हर एसपी लिंचिंग रोकने के लिए जिला समन्वयक होगा.

पढ़ें: अनुच्छेद 370 हटाकर सबसे बड़े कांटे को किया दूर : अजमेर दरगाह दीवान

कानून को लेकर विपक्ष के विधायकों ने उठाए सवाल...
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि एक समाज विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार इस कानून को ला रही है तो लाहोटी बोले यह बिल गौ तस्करों को बचाने के लिए लाया गया है. वहीं, राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि एक ओर जहां देश में अनुच्छेद 370 हटी वहीं दूसरी ओर राजस्थान सरकार तरीके का कानून ला रही है. बता दें कि राजस्थान विधानसभा में आज मॉब लिंचिंग को लेकर कानून भले ही पास हो गया हो, लेकिन अभी यह कानून समवर्ती सूची के विषय में संशोधन होने के चलते राष्ट्रपति के पास जाएगा. वहां से पास होने के बाद ही यह प्रदेश में लागू होगा.

अध्यक्ष सीपी जोशी ने तीन बार पास करवाया मॉब लिंचिंग विधेयक...
मॉब लिंचिंग को लेकर विधायक आज राजस्थान विधानसभा में पास हो गया है, लेकिन जब यह बिल पास हो रहा था उस समय भाजपा विधायकों ने यह कहते हुए आपत्ति दर्ज कराई कि सत्तापक्ष के विधायकों की संख्या कम है. जबकि विपक्ष के विधायकों की संख्या ज्यादा है. इस पर सीपी जोशी ने विपक्ष को दोबारा इस बिल को पास करवा कर दिखाया, लेकिन दोबारा भाजपा विधायकों ने आपत्ति की तो तीसरी बार फिर सीपी जोशी ने इस बिल को पास करवाकर भाजपा विधायकों को बताया कि सदन में कांग्रेस के विधायकों की संख्या पहली बार भी पूरी थी और तीसरी बार भी पूरी है.

लिंचिंग से संरक्षण विधेयक के मुख्य प्रावधान...

  • मॉब की परिभाषा में 2 या इससे ज्यादा लोग आएंगे, अगर दो व्यक्ति भी किसी व्यक्ति को मिलकर पीटते हैं तो उसे मॉब लिंचिंग माना जाएगा
  • लिंचिंग रोकने के लिए आईजी रैंक के अफसर को राज्य समन्वयक बनाया जाएगा, हर एसपी लिचिंग रोकने के लिए जिला समन्वयक होगा
  • जिला मजिस्ट्रेट लिंचिंग की आशंका पर किसी आयोजन या कृत्य को आदेश जारी करके रोक सकेंगे
  • मॉब लिंचिंग के लिए उकसाने वाले वीडियो या मैसेज वायरल करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज होंगे
  • लिंचिंग में पीड़ित को घायल करने वालों को सात साल तक की सजा और एक लाख रुपए तक का जुर्माना
  • लिचिंग में पीड़ित के गंभीर रूप से घायल होने पर 10 साल तक की कैद और 50 हजार से 3 लाख तक का जुर्माना
  • लिंचिंग से पीड़ित की मौत होने पर दोषियों को आजीवन कठोर कारावास और एक से पांच लाख तक का जुर्माना
  • लिंचिंग में किसी भी रूप से सहायता करने वाले को भी वही सजा मिलेगी जो खुद लिंचिंग करने पर है
  • लिंचिंग के दोषियों की गिरफ्तारी से बचाने या अन्य सहायता करने पर भी 5 साल तक की सजा
  • लिचिंग के मामलों में गवाहों को धमकाने वालों को 5 साल तक जेल और एक लाख तक का जुर्माना
  • मॉब लिंचिंग की घटना के वीडियो, फोटो किसी भी रूप से प्रकाशित-प्रसारित करने पर भी एक से तीन साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना
  • मॉब लिंचिंग को गैरजमानती, संज्ञेय अपराध बनाया गया
  • इंस्पेक्टर से नीचे की रैंक का कोई पुलिस अफसर मॉब लिंचिंग के मामलों की जांच नहीं करेगा. इंसपेक्टर स्तर का पुलिस अफसर ही करेगा जांच
  • मॉब लिंचिंग के गवाहों को दो से ज्यादा तारीखों पर अदालत जाने की बाध्यता से छूट मिलेगी. गवाहों की पहचान गुप्त रखाी जाएगी
  • मॉब लिंचिंग से पीड़ित व्यक्ति का विस्थापन होने पर सरकार उसका पुनर्वास करेगी और 50 से ज्यादा व्यक्तियों के विस्थापित होने पर राहत शिविर
Intro:विधानसभा में पारित हुआ राजस्थान लिचिंग से संरक्षण विधेयक  
दो व्यक्ति भी अगर किसी को मिलकर पीटते हैं तो उसे माना जाएगा मॉब लिंचिंग 
मॉब लिंचिंग में मौत पर दोषियों को आजीवन कठोर कारावास और एक से पांच लाख तक का जुर्माना
लिंचिंग रोकने के लिए आईजी रैंक के अफसर को राज्य समन्वयक बनाया जाएगा, हर एसपी लिचिंग रोकने के लिए जिला समन्वयक होगा
लिचिंग में  पीड़ित को घायल करने वालों को सात साल तक की सजा, एक लाख रुपए तक का जुर्माना
 लिचिंग में पीड़ित के गंभीर रूप से घायल होने पर 10 साल तक की कैद और 50 हजार से 3 लाख तक का जुर्माना 
लिचिंग में किसी भी रूप से सहायता करने वाले को भी वही सजा मिलेगी जो खुद लिचिंग करने पर है 
इंस्पेक्टर स्तर या उससे उपर का पुलिस अफसर ही करेगा मॉब लिंचिंग के मामलों  की  जांच 
मॉब लिंचिंग की घटना के वीडियो, फोटो किसी भी रूप से प्रकाशित प्रसारित करने पर भी एक से तीन साल की सजा, 50 हजार का जुर्माना 
 मॉब लिंचिंग को गैरजमानती, संज्ञेय अपराध बनाया लेकिन पहले इस कानून को चाहिए होगी राष्ट्रपति की मंजूरी सीआरपीसी की धाराएं में संशोधन के चलते पहले चाहिए राष्ट्रपति की मंजूरी राष्ट्रपति से मंजूरी होने के बाद ही प्रदेश में हो सकेगा लागूBody:मॉब लिचिंग के खिलाफ बिल को विधानसभा ने पारित कर दिया,  राजस्थान लिंचिंग से संरक्षण विधेयक मंगलवार को  विधानसभा में बहस के बाद पारित कर दिया गया है। अब राष्ट्रपति के पास इस बिल को मंजूरी के बाद भेजा जाएगा, राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इस बिल के प्रावधान लागू होंगे।   मॉब लिंचिंग में मौत होने पर अब दोषियों को आजीवन कठोर कारावास और एक से पांच लाख तक का जुर्माने का दंड होगा। लिचिंग में  पीड़ित को घायल करने वालों को सात साल तक की सजा, एक लाख रुपए तक का जुर्माने का प्रावधान विधेयक में किया है।  लिचिंग में पीड़ित के गंभीर रूप से घायल होने पर 10 साल तक की कैद और 50 हजार से 3 लाख तक का जुर्माना होगा। लिचिंग में किसी भी रूप से सहायता करने वाले को भी वही सजा मिलेगी जो खुद लिचिंग करने पर है। मॉब लिंचिंग के मामलों की जांच इंस्पेक्टर स्तर या उससे उपर का पुलिस अफसर ही करेगा, इससे नीचे के स्तर का अफसर जांच नहीं कर सकेगा। लिंचिंग रोकने के लिए आईजी रैंक के अफसर को राज्य समन्वयक बनाया जाएगा, हर एसपी लिचिंग रोकने के लिए जिला समन्वयक होगा। 

कानून को लेकर विपक्ष के विधायकों ने उठाए सवाल नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया बोले एक समाज विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए ला रही है सरकार कानून तो लाहोटी बोले ई विल गो तस्करों को बचाने के लिए लाया गया तो वही राजेंद्र राठौड़ बोले एक और जहां देश में धारा 370 हटी वहां दूसरी ओर राजस्थान सरकार ला रही है ऐसा कानून
राजस्थान विधानसभा में आज मॉब लिंचिंग को लेकर कानून भले ही पास हो गया हो लेकिन अभी यह कानून समवर्ती सूची के विषय में संशोधन होने के चलते राष्ट्रपति के पास जाएगा वहां से पास होने के बाद ही यह प्रदेश में लागू होगा लेकिन इससे पहले आज जान सभा में इस बिल पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया ने कहा कि यह बिल समाज विशेष को खुश करने के लिए लाया जा रहा है तो वही विधायक अशोक लाहोटी ने कहा कि इस बिल के जरिए गौ तस्करों को राजस्थान सरकार बचाने का प्रयास कर रही है तो वहीं उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा की एक और जहां धारा 370 को केंद्र सरकार ने हटाया है तो दूसरी ओर राज्य सरकार इस तरीके का कानून लेकर आ रही है
व्हाइट राजेंद्र राठौड़ उप नेता प्रतिपक्ष
बाईट अशोक लाहोटी भाजपा विधायक
वाइट गुलाब कटारिया नेता प्रतिपक्ष
अध्यक्ष सीपी जोशी ने तीन बार पास करवाया मोब लिंचिंग का विधायक
मॉब लिंचिंग को लेकर विधायक आज राजस्थान विधानसभा में पास हो गया है लेकिन जब यह बिल पास हो रहा था उस समय भाजपा विधायकों ने यह कहते हुए आपत्ति दर्ज कराई कि सत्तापक्ष के विधायकों की संख्या कम है जबकि विपक्ष के विधायकों की संख्या ज्यादा इस पर सीपी जोशी ने विपक्ष को दोबारा इस बिल को पास करवा कर दिखाया लेकिन दोबारा भाजपा विधायकों ने आपत्ति की तो तीसरी बार फिर सीपी जोशी ने इस बिल को पास करवाकर भाजपा विधायकों को बताया कि सदन में कांग्रेस के विधायकों की संख्या पहली बार भी पूरी थी और तीसरी बार भी पूरी है



ग्राफिक्स इन  : लिचिंग से संरक्षण विधेयक के मुख्य प्रावधान 

— मॉब की परिभाषा में 2 या इससे ज्यादा लोग आएंगे, अगर दो व्यक्ति भ्री किसी व्यक्ति को मिलकर पीटते हैं तो उसे मॉब लिंचिंग माना जाएगा 
— लिंचिंग रोकने के लिए आईजी रैंक के अफसर को राज्य समन्वयक बनाया जाएगा, हर एसपी लिचिंग रोकने के लिए जिला समन्वयक होगा
— जिला मजिस्ट्रेट लिंचिंग की आशंका पर किसी आयोजन या कृत्य को आदेश जारी करके रोक सकेंगे 
—  मॉब लिंचिंग के लिए उकसाने वाले वीडियो या मैसेज वायरल करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज होंगे 
— लिंचिंग में  पीड़ित को घायल करने वालों को सात साल तक की सजा और एक लाख रुपए तक का जुर्माना, लिचिंग में पीड़ित के गंभीर रूप से घायल होने पर 10 साल तक की कैद और 50 हजार से 3 लाख तक का जुर्माना  
—  लिंचिंग से पीड़ित की मौत होने पर दोषियों को आजीवन कठोर कारावास और एक से पांच लाख तक का जुर्माना
— लिचिंग में किसी भी रूप से सहायता करने वाले को भी वहीं सजा मिलेगी जो खुद लिचिंग करने पर है 
— लिंचिंग के दोषियों की गिरफ्तारी से बचाने या अन्य सहासता करने पर भी 5 साल तक की सजा 
— लिचिंग के मामलों में गवाहों को धमकाने वालों को 5 साल तक जेल और एक लाख तक के जुर्माना 
— मॉब लिंचिंग की घटना के वीडियो, फोटो किसी भी रूप से प्रकाशित प्रसारित करने पर भी एक से तीन साल की सजा, 50 हजार का जुर्माना 
— मॉब लिंचिंग को गैरजमानती, संज्ञेय अपराध बनाया गया 
— इंस्पेक्टर से नीचे की रैंक का कोई पुलिस अफसर मॉब लिचिंग के मामलों की जांच नहीं करेगा, इंसपेक्टर स्तर का पुलिस अफसर ही करेगा जांच  
— मॉब लिंचिंग के गवाहों को दो से ज्यादा तारीखों पर अदालत जाने की बाध्यता से छूट मिलेगी, गवाहों की पहचान गुप्त रखाी जाएगी 
— मॉब लिंचिंग से पीड़ित व्यक्ति का विस्थापन होने पर सरकार उसका पुनर्वास करेगी  50 से ज्यादा व्यक्तियों के विस्थापित होने पर राहत शिविरConclusion:
Last Updated :Aug 5, 2019, 11:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.