जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच ने प्रमुख यूडीएच सचिव, प्रमुख वित्त सचिव, प्रमुख पीएचईडी सचिव, भीलवाड़ा कलेक्टर और यूआईटी सचिव सहित अन्य को नोटिस जारी कर चंबल नदी से भीलवाड़ा की कॉलोनियों को पेयजल सप्लाई के प्रस्ताव पर कार्रवाई की जानकारी देने (Supply of Chambal water in Bhilwara) को कहा है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश बाबूलाल जाजू की जनहित याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता अश्विनी चौबीसा ने अदालत को बताया कि वर्ष 2017 में पीएचईडी के एसई ने भीलवाड़ा में चंबल नदी से पानी लाने का प्रस्ताव बनाकर कलेक्टर को भेजा था. वहीं अगस्त 2018 में राज्य सरकार ने प्रस्ताव को स्वीकार (Chambal water in Bhilwara) कर लिया. इसके अलावा तय किया गया कि इसमें आने वाली करीब साढे छह करोड़ रुपए की लागत को यूआईटी, भीलवाड़ा 84 ब्याज मुक्त किस्तों में वहन करेगी. याचिका में कहा गया कि इसके बाद वित्त विभाग ने पीएचईडी को निर्देश दिए कि वह प्रस्ताव को यूआईटी के जरिए राज्य स्तरीय एम्पावर्ड कमेटी को भेजे.
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याचिका में बताया गया कि शहर को चंबल का पानी सप्लाई करने का मामला विभागों के बीच फुटबॉल (Rajasthan HC on Chambal water supply) बनकर रह गया है. इसके चलते शहर की करीब तीन दर्जन कॉलोनियों को चंबल का पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. याचिका में यह भी कहा गया कि फिलहाल अन्य स्रोतों से आ रहे पेयजल में टीडीएस 1500 से 2000 के बीच है. इसके चलते उपभोक्ताओं को कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. जबकि चंबल के पानी में टीडीएस की मात्रा सिर्फ 150 ही है. ऐसे में राज्य सरकार को निर्देश दिए जाए कि वह शहर वासियों को चंबल के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.