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Rajasthan High Court: पालिका चेयरमैन बनने से रोकने के लिए की फर्जी शिकायत और मांगी रिश्वत, शिकायत पर कोर्ट ने किया तलब

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Published : Mar 29, 2022, 1:52 PM IST

Rajasthan High Court
पालिका चेयरमैन बनने से रोकने के लिए की फर्जी शिकायत

राजस्थान हाईकोर्ट ने फर्जी शिकायत और 30 लाख की रिश्वत मांगने के आरोपी विधायक, उनके पति और एसडीएम को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया (Rajasthan High Court Serves Notice Over Fake Complaint) है. आरोप है कि याचिकाकर्ता के सामने नवगठित रामगढ़ नगर पालिका चेयरमैन बनाने की एवज में डिमांड रखी गई. याचिकाकर्ता ने ACB से परिवाद खारिज होने के बाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने स्थानीय सरपंच को नवगठित रामगढ़ नगर पालिका के चेयरमैन पद पर नियुक्त होने से रोकने के लिए फर्जी शिकायत करने और तीस लाख रुपए की रिश्वत मांगने से जुड़े मामले में (Rajasthan High Court Serves Notice Over Fake Complaint) 4 लोगों को नोटिस सर्व किया है. इनमें रामगढ़ विधायक साफिया खान, उनके पति और पूर्व विधायक जुबेर खान और एसडीएम कैलाश चंद शर्मा सहित अन्य शामिल हैं. जस्टिस उमाशंकर व्यास ने यह आदेश रामगढ़ सरपंच शकुंतला सैनी की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता संदेश खंडेलवाल ने बताया कि नगर पालिका अधिनियम में प्रावधान है कि नवगठित नगर पालिका में स्थानीय सरपंच को चेयरमैन बनाया जाएगा. राज्य सरकार ने भी इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर रखी है. ऐसे में नियमानुसार याचिकाकर्ता को नवगठित रामगढ़ नगर पालिका का सरपंच बनाया जाना चाहिए था. याचिका में आरोप लगाया गया कि पालिका चेयरमैन बनाने की एवज में विधायक साफिया खान ने स्थानीय एसडीएम कैलाश शर्मा के जरिए तीस लाख रुपए की मांग की. जब याचिकाकर्ता ने रिश्वत नहीं दी तो याचिकाकर्ता के खिलाफ फर्जी पट्टे देने की झूठी शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी गई, ताकि याचिकाकर्ता को चेयरमैन बनने से रोका जा सके.

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जब याचिकाकर्ता ने शिकायतकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई तो पुलिस ने ये कहते हुए एफआर पेश कर दी कि इस नाम का कोई व्यक्ति कस्बे में नहीं रहता है. इससे साबित है कि मामले में याचिकाकर्ता के खिलाफ फर्जी शिकायत की गई थी. याचिका में कहा गया कि रिश्वत मांगने को लेकर निचली अदालत में परिवाद पेश किया गया था, लेकिन कोर्ट ने इसे एसीबी कोर्ट का क्षेत्राधिकार बता दिया. इस पर एसीबी कोर्ट में परिवाद पेश किया गया, लेकिन एसीबी अदालत ने याचिकाकर्ता के परिवाद को खारिज कर दिया. इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती (Rajasthan High Court) दी गई. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने विधायक सहित अन्य से जवाब तलब किया है.

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