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Rajasthan High Court sought answer : ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों, मृतकों और दवाओं की जानकारी दे राज्य सरकार - HC

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Published : Nov 22, 2021, 9:38 PM IST

Rajasthan High Court sought answer
Rajasthan High Court sought answer

राजस्थान में ब्लैक फंगस बीमारी के इलाज में काम आ रहे इंजेक्शन लिपोसोमल अम्फोटेरिसिन बाजार में मिल ही नहीं रहे हैं. जबकि डॉक्टर्स मरीजों के परिजनों को 40 से 50 इंजेक्शन लाने के लिए पर्ची थमा रहे हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में ब्लैक फंगस बीमारी को महामारी घोषित करने के बाद भी इसके मरीजों का उचित इलाज नहीं होने और जरूरी दवाइयां नहीं मिलने के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

अदालत ने पूछा है कि इस बीमारी से कितने लोगों की मौत हुई है और कितने लोग इससे पीड़ित हैं. वहीं अदालत ने ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए दवा की उपलब्धता की जानकारी भी पेश करने को कहा है. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश सिद्धार्थ जैन व अन्य की जनहित याचिका पर दिए.

सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार के एएसजी आरडी रस्तोगी ने कहा कि ब्लैक फंगस से मरे लोगों के आश्रितों को क्षतिपूर्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. जबकि दवाइयों की व्यवस्था का मुद्दा राज्य सरकार का है. जनहित याचिका में अधिवक्ता चित्रांक शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने ब्लैक फंगस बीमारी महामारी घोषित की है, लेकिन अस्पतालों में इस बीमारी का उचित इलाज मुहैया नहीं हो रहा.

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बीमारी के इलाज में काम आ रहे इंजेक्शन लिपोसोमल अम्फोटेरिसिन बाजार में मिल ही नहीं रहे हैं. जबकि डॉक्टर्स मरीजों के परिजनों को 40 से 50 इंजेक्शन लाने के लिए पर्ची थमा रहे हैं. ऐसे में मरीजों को इंजेक्शन नहीं लगने के कारण उनकी मौत हो रही है. इसलिए ब्लैक फंगस बीमारी के इलाज में काम आ रहे इंजेक्शनों को राज्य सरकार अस्पतालों में ही मुहैया कराए.

वहीं जिन मरीजों की इलाज के अभाव में ब्लैक फंगस से मौत हुई है, उनके परिजनों को भी राज्य सरकार की ओर से पांच लाख रुपए मुआवजा दिया जाए.

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