जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सेठ आनंदी लाल पोद्दार मूक-बधिर उच्च माध्यमिक विद्यालय में अप्रशिक्षित अध्यापकों को पदस्थापित करने पर शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य से जवाब मांगा है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश प्रकाश चांदोलिया की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता सेठ आनंदी लाल पोद्दार मूक-बधिर स्कूल में द्वितीय श्रेणी शिक्षक था. उसके पास विशेष शिक्षा में डिग्री होने के बावजूद उसे वहां से हटा दिया गया, जबकि स्कूल में तैनात एक दर्जन से अधिक शिक्षकों के पास विशेष शिक्षा के बजाए बीएड की सामान्य डिग्री ही है. इसके अलावा भारतीय पुनर्वास परिषद भी मामले में जांच कर अपात्र शिक्षकों को हटाने के लिए कह चुका है.
पढ़ें- 6.5 फीट के कोबरा ने उगला 2 फीट का सांप, नजारा देख लोगों के उड़े होश
इसके बावजूद राजनीतिक कारणों के चलते इन्हें यहां से नहीं हटाया जा रहा. जिसके चलते दिव्यांग छात्रों की पढ़ाई भी नहीं हो रही है. हाईकोर्ट की खंडपीठ भी पूर्व में आदेश जारी कर यहां विशेष शिक्षा प्राप्त शिक्षकों को पदस्थापित करने के निर्देश दे चुकी है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.
प्रिंसिपल का निलंबन रद्द
राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने एमएलए की शिकायत पर किए गए प्रिंसिपल के निलंबन को रद्द कर दिया है. अधिकरण ने कहा कि राजनीतिक दुर्भावना से किसी कर्मचारी का निलंबन नहीं किया जा सकता. अधिकरण ने यह आदेश रमेश चन्द की अपील पर दिए.