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दौसा में महिला डॉक्टर आत्महत्या का मामला: हाईकोर्ट ने मामले में आरोपी 6 को दी जमानत

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Published : May 18, 2022, 6:24 PM IST

Updated : May 18, 2022, 9:11 PM IST

दौसा के लालसोट में एक प्रसूता की मौत के बाद दर्ज मामले से अवसाद में आई महिला चिकित्सक के मामले में हाईकोर्ट ने 6 आरोपियों को जमानत दे दी (Bail to accused in Dausa lady doctor suicide case) है. जिन्हें जमानत मिली है उनमें शिवशंकर जोशी उर्फ बल्या जोशी, राममनोहर, हरकेश, जितेंद्र गोठवाल, हरकेश और बाबूलाल मीणा शामिल हैं.

bail to accused in Dausa lady doctor suicide case
दौसा में महिला डॉक्टर आत्महत्या का मामला: हाईकोर्ट ने मामले में आरोपी 6 को दी जमानत

जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने दौसा के लालसोट में डॉक्टर अर्चना शर्मा आत्महत्या प्रकरण में आरोपी बनाए गए छह आरोपियों शिवशंकर जोशी उर्फ बल्या जोशी, राममनोहर, हरकेश, जितेंद्र गोठवाल, हरकेश और बाबूलाल मीणा को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए (Bail to accused in Dausa lady doctor suicide case) हैं. जस्टिस फरजंद अली की एकलपीठ ने यह आदेश आरोपियों की ओर से दायर जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिकाकर्ता हरकेश की ओर से अधिवक्ता दीपक चौहान ने बताया कि याचिकाकर्ता का नाम एफआईआर में नहीं है और ना ही उसने डॉक्टर अर्चना शर्मा के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई थी. यदि किसी ने अर्चना के खिलाफ मामला दर्ज भी कराया था तो इसके विरुद्ध अर्चना के पास कई कानूनी रास्ते थे. इसके अलावा एफआईआर में समाचार पत्र में डॉक्टर के पक्ष की बात नहीं लिखने की बात कही गई है. इसके लिए भी याचिकाकर्ता जिम्मेदार नहीं है. वहीं अर्चना की ओर से लिखे गए सुसाइड नोट में भी याचिकाकर्ता का नाम नहीं है. अपने ऊपर दर्ज हत्या के मामले से डिप्रेशन में आकर उसने आत्महत्या की थी. ऐसे में याचिकाकर्ता के विरुद्ध आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज करना ही गलत है. याचिकाकर्ता लंबे समय से जेल में बंद है और मुकदमे की जांच के बाद ट्रायल पूरी होने में लंबा वक्त लगेगा. इसलिए याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा किया जाए.

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वहीं सरकारी वकील की ओर से जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा गया कि याचिकाकर्ताओं के दबाव के कारण ही पुलिस में डॉक्टर अर्चना शर्मा के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज किया (Dausa lady doctor suicide case) था. जिसके बाद उसने आत्महत्या कर ली. मामले में पुलिस की जांच जारी है. यदि आरोपियों को जमानत दी गई तो वह गवाहों और साक्ष्य को प्रभावित कर सकते हैं. इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

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बता दें कि लालसोट के निजी अस्पताल में गत 28 मार्च को प्रसूता की प्रसव के दौरान मौत हुई थी. इसके बाद हुए हंगामे के बाद पुलिस ने डॉक्टर अर्चना और उसके पति डॉक्टर सुनित उपाध्याय के विरुद्ध आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया था. इसके अगले दिन अर्चना ने अपने घर में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी. इस पर सुनित उपाध्याय की शिकायत पर पुलीस ने आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज करते हुए याचिकाकर्ताओं को गिरफ्तार किया था.

Last Updated : May 18, 2022, 9:11 PM IST
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