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सांभर लेक सॉल्ट ट्रेन : 145 साल पुरानी है नमक रेल, यात्री या सामान नहीं, सिर्फ नमक ढोती है..फिल्म पीके में भी आई नजर

भारतीय रेल का इतिहास (History of Indian Railways) करीब 163 साल पुराना है. इस अवधि में स्टीम इंजन से लेकर हाईस्पीड इलेक्ट्रिक इंजन तक का सफर तय किया जा चुका है. आज हम आपको सांभर झील में चलने वाली एक ऐसी रेल के सफर पर ले चलते हैं, जो यात्री या सामान नहीं बल्कि सिर्फ नमक (Sambhar Lake Salt Train) ढोती है. खास बात ये है कि 145 साल पुरानी यह रेल बॉलीवुड की भी पसंदीदा है. फिल्म पीके समेत यह रेल कई फिल्मों में (sambhar train in movies) दिखाई दे चुकी है.

Sambhar Lake Salt Train, salt transport train jaipur to sambhar lake
सांभर लेक सॉल्ट ट्रेन
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Published : Nov 26, 2021, 6:25 PM IST

Updated : Nov 26, 2021, 10:40 PM IST

जयपुर. देश में रेलवे ने 1853 में स्टीम इंजन से लेकर अब तक हाई स्पीड इलेक्ट्रिक इंजन तक का सफर तय किया है. यात्रियों और सामान को देश के एक कोने से दूसरे कोने में ले जाने के लिए देश में पटरियों का मजबूत जाल फैला है. भारत में कई यूनीक ट्रेनें (Unique Trains of India) हैं. आज बात करते हैं राजस्थान की अनूठी साल्ट ट्रेन की. यह ट्रेन राजस्थान के सांभर में है.

सड़क नहीं बन सकती थी, अंग्रेजों ने पटरियां बिछाई

दरअसल सांभर झील की क्यारियों में बनने वाले नमक को स्टोरेज बैंक तक पहुंचाने के लिए अंग्रेजों ने आजादी से पहले सांभर झील में मीटर गेज और नैरो गेज की पटरियां बिछाई थी. रिसर्च स्कॉलर रामकिशन सैनी बताते हैं कि साल 1835 में सांभर झील और यहां से नमक उत्पादन के काम को तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने अपने हाथ में ले लिया था. इसके बाद साल 1876 में सांभर झील की क्यारियों में बनने वाले नमक को स्टोरेज बैंक तक पहुंचाने के लिए यह पटरियां बिछाई गई थी. पहले स्टीम इंजन से और अब डीजल इंजन से लकड़ी और लोहे से बने डिब्बों में नमक का परिवहन किया जाता है. वर्तमान में जिन दो इंजन का प्रयोग नमक की ट्रेन में किया जाता है. वह भी करीब 57 साल पुराने हैं.

सांभर की नमक रेल का इतिहास

फिल्मों में सांभर साल्ट ट्रेन

सांभर में नमक रेल (salt train in rajasthan) करीब 145 साल पुरानी है. इस ट्रेन का दीदार आपको राजस्थान की राजधानी जयपुर के पास नमक की सबसे बड़ी सांभर झील में होगा. ब्रिटिशकालीन पटरियों पर यह ट्रेन आज भी सरपट दौड़ रही है. खास बात ये है कि बॉलीवुड भी इस ट्रेन का दीवाना है. सांभर राजस्थान की महत्वपूर्ण शूटिंग लोकेशन (rajasthan shooting location sambar) भी है.

Sambhar Lake Salt Train, salt transport train jaipur to sambhar lake
सांभर लेक पर खड़ी ट्रेन

मशहूर फिल्म पीके में यह ट्रेन दिखाई दी है. इसके साथ ही गुलाल फिल्म के कुछ शॉट्स भी सांभर झील और यहां स्थित रेलवे ट्रैक पर फिल्माए गए हैं. गायक कलाकार हंसराज हंस के एक एलबम में भी यह ट्रेन नजर आ चुकी है. इस ट्रेन के कोच लकड़ी और लोहे से बने हैं. नमक ढोने के लिए सांभर झील में नमक की क्यारियों के बीच बिछाई गई नैरो गेज और मीटर गेज की पटरियों पर यह ट्रेन दौड़ती है.

पढ़ें- नमक टूरिज्म का : सैलानियों को खींच रही नमक नगरी सांभर...प्रवासी पक्षी, शाकंभरी माता मंदिर और देवयानी सरोवर आकर्षण का केंद्र

सांभर साल्ट लिमिटेड कर रहा देखभाल

वर्तमान में सांभर झील में नमक उत्पादन और विक्रय का काम सांभर साल्ट लिमिटेड कर रहा है. सांभर साल्ट लिमिटेड के मुख्य प्रबंधक विंग कमांडर (रिटायर्ड) गणेश येवड़े का कहना है कि ब्रिटिशकाल में सांभर झील में विस्तृत भौगोलिक सर्वे किया गया. उस समय यह सामने आया कि सांभर झील की भौगोलिक परिस्थितियों और खास तौर पर यहां की सॉफ्ट काली मिट्टी के कारण नमक की क्यारियों में जमने वाले नमक को स्टोरेज बैंक तक पहुंचाना आसान नहीं था.

क्योंकि यह इलाका पानी से घिरा रहता है. ऐसे में यहां सड़क का जाल बिछाना भी संभव नहीं था. इसलिए ब्रिटिश काल में यहां मीटर गेज और नैरो गेज ट्रैक बिछाए गए थे. सांभर झील उन नाममात्र की जगहों में शामिल है. जहां मीटर गेज और नैरो गेज के ट्रैक आज भी काम आ रहे हैं.

Sambhar Lake Salt Train, salt transport train jaipur to sambhar lake
ग्रामीण इलाकों के फाटक

सांभर में ब्रिटिशकाल की ट्रेन

सांभर झील की इन रेलवे ट्रैक का अपना ऐतिहासिक और हैरिटेज महत्व है. सांभर में चलने वाली यह भारत की यूनीक ट्रेन (India First Unique Salt Train Sambhar Lake) है. क्योंकि यह ब्रिटिशकाल से वर्तमान समय तक काम आ रहे हैं. इन रेलवे ट्रैक का समुचित संरक्षण सांभर साल्ट लिमिटेड की प्राथमिकता में शामिल है. हालांकि यह आज के समय में काफी मुश्किल है. लेकिन सांभर साल्ट के अधिकारी व कर्मचारी इसके लिए प्रतिबद्धता से काम कर रहे हैं. हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि यह ट्रैक संरक्षित किए जाए और इन्हें काम में लिया जाता रहे.

पढ़ें- सांभर झील में गुढ़ा-मिठड़ी के बीच बन रहा देश का पहला रेलवे ट्रायल ट्रैक, 200 km/h की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन

सांभर नमक रेल का हेरिटेज महत्व

उनका कहना है कि सांभर झील में नमक परिवहन के लिए चलने वाली यह ट्रैन अपने आप में अनूठी तो है ही. इसका हैरिटेज महत्व भी है. इसलिए सांभर साल्ट प्रबंधन इन रेलवे ट्रैक का नियमित रूप से रखरखाव करवा रहा है. इसके साथ ही इसके हैरिटेज स्वरूप को सुरक्षित रखने का भी पूरी तरह प्रयास किया जा रहा है. आज सांभर झील के क्षेत्र में करीब 45 किमी मीटर गेज और करीब 24 किमी नैरो गेज की पटरियां बिछी हैं.

Sambhar Lake Salt Train, salt transport train jaipur to sambhar lake
कई फिल्में शूट हो चुकी हैं इस लोकेशन पर

कस्बे के बीच से गुजरती हैं पटरियां, लगाए गए हैं फाटक

सांभर झील नमक रेल ( Sambhar Lake Salt Train ) सांभर झील से स्टोरेज बैंक तक बिछाई गई पटरियां कई जगहों पर आबादी क्षेत्र से गुजरती हैं. ऐसे में कोई हादसा नहीं हो, इसके लिये अलग-अलग जगहों पर सात फाटक भी लगाए गए हैं. जहां बाकायदा सांभर साल्ट के कर्मचारी तैनात रहते हैं. जो ट्रेन के आने पर फाटक बंद करते हैं.

Sambhar Lake Salt Train, salt transport train jaipur to sambhar lake
ये ट्रैक अंग्रेजों ने बनवाया, यहां सड़क नहीं बन सकती

कुल मिलाकर राजस्थान पर्यटन (rajasthan tourism) और जयपुर पर्यटन (jaipur tourism ) के लिए लिहाज से सांभर की यह अनोखी नमक रेल लगातार पर्यटकों को आकर्षिक करती रही है. यहां बड़ी तादाद में देश-विदेश से सैलानी इस ऐतिहासिक नमक रेल के दर्शन करने आते हैं, ये अलग बात है कि वे इसमें सफर नहीं कर सकते.

जयपुर. देश में रेलवे ने 1853 में स्टीम इंजन से लेकर अब तक हाई स्पीड इलेक्ट्रिक इंजन तक का सफर तय किया है. यात्रियों और सामान को देश के एक कोने से दूसरे कोने में ले जाने के लिए देश में पटरियों का मजबूत जाल फैला है. भारत में कई यूनीक ट्रेनें (Unique Trains of India) हैं. आज बात करते हैं राजस्थान की अनूठी साल्ट ट्रेन की. यह ट्रेन राजस्थान के सांभर में है.

सड़क नहीं बन सकती थी, अंग्रेजों ने पटरियां बिछाई

दरअसल सांभर झील की क्यारियों में बनने वाले नमक को स्टोरेज बैंक तक पहुंचाने के लिए अंग्रेजों ने आजादी से पहले सांभर झील में मीटर गेज और नैरो गेज की पटरियां बिछाई थी. रिसर्च स्कॉलर रामकिशन सैनी बताते हैं कि साल 1835 में सांभर झील और यहां से नमक उत्पादन के काम को तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने अपने हाथ में ले लिया था. इसके बाद साल 1876 में सांभर झील की क्यारियों में बनने वाले नमक को स्टोरेज बैंक तक पहुंचाने के लिए यह पटरियां बिछाई गई थी. पहले स्टीम इंजन से और अब डीजल इंजन से लकड़ी और लोहे से बने डिब्बों में नमक का परिवहन किया जाता है. वर्तमान में जिन दो इंजन का प्रयोग नमक की ट्रेन में किया जाता है. वह भी करीब 57 साल पुराने हैं.

सांभर की नमक रेल का इतिहास

फिल्मों में सांभर साल्ट ट्रेन

सांभर में नमक रेल (salt train in rajasthan) करीब 145 साल पुरानी है. इस ट्रेन का दीदार आपको राजस्थान की राजधानी जयपुर के पास नमक की सबसे बड़ी सांभर झील में होगा. ब्रिटिशकालीन पटरियों पर यह ट्रेन आज भी सरपट दौड़ रही है. खास बात ये है कि बॉलीवुड भी इस ट्रेन का दीवाना है. सांभर राजस्थान की महत्वपूर्ण शूटिंग लोकेशन (rajasthan shooting location sambar) भी है.

Sambhar Lake Salt Train, salt transport train jaipur to sambhar lake
सांभर लेक पर खड़ी ट्रेन

मशहूर फिल्म पीके में यह ट्रेन दिखाई दी है. इसके साथ ही गुलाल फिल्म के कुछ शॉट्स भी सांभर झील और यहां स्थित रेलवे ट्रैक पर फिल्माए गए हैं. गायक कलाकार हंसराज हंस के एक एलबम में भी यह ट्रेन नजर आ चुकी है. इस ट्रेन के कोच लकड़ी और लोहे से बने हैं. नमक ढोने के लिए सांभर झील में नमक की क्यारियों के बीच बिछाई गई नैरो गेज और मीटर गेज की पटरियों पर यह ट्रेन दौड़ती है.

पढ़ें- नमक टूरिज्म का : सैलानियों को खींच रही नमक नगरी सांभर...प्रवासी पक्षी, शाकंभरी माता मंदिर और देवयानी सरोवर आकर्षण का केंद्र

सांभर साल्ट लिमिटेड कर रहा देखभाल

वर्तमान में सांभर झील में नमक उत्पादन और विक्रय का काम सांभर साल्ट लिमिटेड कर रहा है. सांभर साल्ट लिमिटेड के मुख्य प्रबंधक विंग कमांडर (रिटायर्ड) गणेश येवड़े का कहना है कि ब्रिटिशकाल में सांभर झील में विस्तृत भौगोलिक सर्वे किया गया. उस समय यह सामने आया कि सांभर झील की भौगोलिक परिस्थितियों और खास तौर पर यहां की सॉफ्ट काली मिट्टी के कारण नमक की क्यारियों में जमने वाले नमक को स्टोरेज बैंक तक पहुंचाना आसान नहीं था.

क्योंकि यह इलाका पानी से घिरा रहता है. ऐसे में यहां सड़क का जाल बिछाना भी संभव नहीं था. इसलिए ब्रिटिश काल में यहां मीटर गेज और नैरो गेज ट्रैक बिछाए गए थे. सांभर झील उन नाममात्र की जगहों में शामिल है. जहां मीटर गेज और नैरो गेज के ट्रैक आज भी काम आ रहे हैं.

Sambhar Lake Salt Train, salt transport train jaipur to sambhar lake
ग्रामीण इलाकों के फाटक

सांभर में ब्रिटिशकाल की ट्रेन

सांभर झील की इन रेलवे ट्रैक का अपना ऐतिहासिक और हैरिटेज महत्व है. सांभर में चलने वाली यह भारत की यूनीक ट्रेन (India First Unique Salt Train Sambhar Lake) है. क्योंकि यह ब्रिटिशकाल से वर्तमान समय तक काम आ रहे हैं. इन रेलवे ट्रैक का समुचित संरक्षण सांभर साल्ट लिमिटेड की प्राथमिकता में शामिल है. हालांकि यह आज के समय में काफी मुश्किल है. लेकिन सांभर साल्ट के अधिकारी व कर्मचारी इसके लिए प्रतिबद्धता से काम कर रहे हैं. हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि यह ट्रैक संरक्षित किए जाए और इन्हें काम में लिया जाता रहे.

पढ़ें- सांभर झील में गुढ़ा-मिठड़ी के बीच बन रहा देश का पहला रेलवे ट्रायल ट्रैक, 200 km/h की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन

सांभर नमक रेल का हेरिटेज महत्व

उनका कहना है कि सांभर झील में नमक परिवहन के लिए चलने वाली यह ट्रैन अपने आप में अनूठी तो है ही. इसका हैरिटेज महत्व भी है. इसलिए सांभर साल्ट प्रबंधन इन रेलवे ट्रैक का नियमित रूप से रखरखाव करवा रहा है. इसके साथ ही इसके हैरिटेज स्वरूप को सुरक्षित रखने का भी पूरी तरह प्रयास किया जा रहा है. आज सांभर झील के क्षेत्र में करीब 45 किमी मीटर गेज और करीब 24 किमी नैरो गेज की पटरियां बिछी हैं.

Sambhar Lake Salt Train, salt transport train jaipur to sambhar lake
कई फिल्में शूट हो चुकी हैं इस लोकेशन पर

कस्बे के बीच से गुजरती हैं पटरियां, लगाए गए हैं फाटक

सांभर झील नमक रेल ( Sambhar Lake Salt Train ) सांभर झील से स्टोरेज बैंक तक बिछाई गई पटरियां कई जगहों पर आबादी क्षेत्र से गुजरती हैं. ऐसे में कोई हादसा नहीं हो, इसके लिये अलग-अलग जगहों पर सात फाटक भी लगाए गए हैं. जहां बाकायदा सांभर साल्ट के कर्मचारी तैनात रहते हैं. जो ट्रेन के आने पर फाटक बंद करते हैं.

Sambhar Lake Salt Train, salt transport train jaipur to sambhar lake
ये ट्रैक अंग्रेजों ने बनवाया, यहां सड़क नहीं बन सकती

कुल मिलाकर राजस्थान पर्यटन (rajasthan tourism) और जयपुर पर्यटन (jaipur tourism ) के लिए लिहाज से सांभर की यह अनोखी नमक रेल लगातार पर्यटकों को आकर्षिक करती रही है. यहां बड़ी तादाद में देश-विदेश से सैलानी इस ऐतिहासिक नमक रेल के दर्शन करने आते हैं, ये अलग बात है कि वे इसमें सफर नहीं कर सकते.

Last Updated : Nov 26, 2021, 10:40 PM IST
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