SPECIAL : कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को तत्काल आर्थिक पैकेज देने में पिछड़ी राजस्थान सरकार - विजय गोयल

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Published : Jun 2, 2021, 6:42 PM IST

government scheme for orphan children

कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को संरक्षण देने के मामले में भले ही राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने अन्य राज्यों की तुलना में पहले गाइडलाइन जारी की हो. लेकिन इन बच्चों को तत्काल आर्थिक पैकेज देने के मामले में राज्य सरकार पिछड़ गई.

जयपुर. सामाजिक कार्यकर्ता विजय गोयल का कहना है कि राज्य सरकार ने अब तक यह तय नहीं किया है कि अनाथ हुए बच्चों को कितना और किस तरह से आर्थिक पैकेज दिया जाएगा. जबकि केंद्र सरकार और पड़ोसी राज्यों ने आर्थिक पैकेज घोषित कर दिए हैं. कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों की आर्थिक स्थिति को लेकर बच्चों के संरक्षण के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता विजय गोयल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

कोरोना काल में अनाथ बच्चों को मिले तत्काल मदद

राजस्थान सरकार ने नहीं दिया तत्काल आर्थिक पैकेज

सामाजिक कार्यकर्ता विजय गोयल कहते हैं कि कोरोना काल में बच्चों को संरक्षण देने के लिए प्रदेश की गहलोत सरकार ने गाइडलाइन बनाकर सभी पहलुओं को छुआ है. ताकि भविष्य में बच्चों के लालन-पालन में कोई कमी नहीं आए. खासतौर से उन्हें डिजास्टर मैनेजमेंट में शामिल किया है. साथ ही पालनहार योजना, पोस्टर केयर योजना सहित सभी योजनाओं में इन बच्चों को शामिल करने के निर्देश दिए हैं.

लेकिन इन बच्चों के लिए तत्काल आर्थिक पैकेज की घोषणा करने में गहलोत सरकार पिछड़ गई. विजय गोयल ने कहा कि इस समय इन बच्चों को आर्थिक रूप से मदद देना सबसे जरूरी था. जिन बच्चों के माता-पिता नहीं है उन बच्चों की देखभाल का जिम्मा रिश्तेदार या अन्य परिवार का सदस्य लेता है तो उन्हें आर्थिक मदद के कारण बोझ नहीं लगेगा. केंद्र सरकार और अन्य राज्यों ने आर्थिक पैकेज की घोषणा कर दी है.

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किस राज्य में कितनी घोषणा

कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को लेकर अधिकांश राज्यों ने 1500 से 5000 रुपए की प्रतिमाह आर्थिक सहायता का ऐलान किया है. इन बच्चों को 18 वर्ष तक आयु होने तक यह लाभ मिलेंगे.

  • त्रिपुरा सरकार- बाल सेवा परियोजना के तहत 3500 प्रतिमाह रुपए
  • उत्तर प्रदेश सरकार- बाल सेवा योजना के तहत 4000 प्रतिमाह
  • असम सरकार- देख-भाल करने वालों को हर महीने 3500 रुपए
  • कर्नाटक सरकार- बाल सेवा योजना के तहत बच्चों की देखभाल करने वालों को 3500 रुपए प्रतिमाह
  • मध्यप्रदेश सरकार- मुख्यमंत्री कोविड बाल कल्याण योजना में बच्चों 5000 रुपए प्रतिमाह पेंशन
  • हरियाणा सरकार- बाल सेवा योजना के तहत 2500 रुपए, 12000 रुपए (प्रतिवर्ष)अन्य खर्चों के लिए

पीएम केयर फंड छलावा

सामाजिक कार्यकर्ता विजय गोयल कहते हैं कि पीएम केयर फंड से अनाथ बच्चों को संबल देने की बात छलावा है. क्योंकि बच्चों को इसका लाभ व्यस्क होने पर मिलेगा. जबकि सहायता की जरूरत आज है. ऐसे में तत्काल सहायता का कोई प्रावधान नहीं है. पीएम केयर फंड से जिस तरह से घोषणा की गई है, वह कब तक रहेगी, इसकी कोई योजना नहीं है. न ही पैकेज बनाया गया है. पीएम केयर फंड वैधानिक नहीं है. न केंद्र सरकार के किसी वित्त मंत्रालय या अन्य मंत्रालय के अधीन है. इसलिए इस योजना का लाभ कब तक मिलेगा यह भी तय नहीं है.

मदद करनी है तो पीएम केयर फंड को मंत्रालय के अधीन करें

गोयल ने कहा कि अगर सरकार अनाथ बच्चों की मदद करना चाहती है तो पीएम केयर फंड को मंत्रालय के अधीन करे. ताकि यह वैधानिक संस्था के रूप में कार्य कर सके. अनाथ बच्चों के लिए पीएम केयर फंड में विधिक अधिकारों के संरक्षण पर भी कोई प्रस्ताव नहीं बनाया.

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गहलोत सरकार की गाइडलाइन में 21 योजनाएं

  1. बच्चे की देखभाल करने वाले निकट रिश्तेदार को पालनहार योजना अंतर्गत मासिक स्तर पर आर्थिक सहायता दी जाएगी.
  2. बच्चों के देखभाल कर्ता के अभाव में 18 वर्ष तक की आयु तक बाल संस्थानों के माध्यम से तत्काल दीर्घकालीन अवधि के लिए निशुल्क आश्रय, शिक्षण, प्रशिक्षण और पुनर्वास सेवाएं
  3. बच्चों का परिवार में पुनर्वास किए जाने पर उत्कर्ष योजना के तहत मासिक स्तर पर आर्थिक सहायता
  4. बच्चों को जागरूक नागरिक की ओर से पोस्टर केयर में रखने पर वात्सल्य योजना के तहत मासिक स्तर पर आर्थिक सहायता
  5. बच्चों को नियमित अंतराल पर परामर्श की उपलब्धता
  6. बच्चों को दीर्घकालीन स्थाई पारिवारिक देखरेख उपलब्ध कराने के लिए दत्तक ग्रहण सुझाव
  7. बच्चों के उत्तराधिकार एवं विधिक अधिकारों का संरक्षण
  8. बच्चों को निशुल्क विधिक सहायता
  9. बच्चों को किसी भी प्रकार से दुर्व्यवहार, उत्पीड़न और शोषण से संरक्षण
  10. बच्चों को निशुल्क शिक्षा और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की ओर से संचालित आवासीय विद्यालय छात्रावास में प्राथमिकता से प्रवेश
  11. बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत निजी विद्यालयों में प्रवेश के लिए प्रयास
  12. बच्चों को मुख्यमंत्री हुनर विकास योजना अथवा समर्थ योजना के तहत उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कॉलेज प्रशिक्षण, स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता
  13. बच्चों को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सेवा संस्थाओं से जोड़ना
  14. बच्चों को मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना और मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना के तहत निशुल्क चिकित्सा सुविधा
  15. बच्चों के माता-पिता के निर्माण श्रमिक होने की स्थिति में भवन और अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण मंडल की ओर से संचालित योजना के तहत लाभ
  16. बच्चों की विशेष योग्यजन होने की स्थिति में विशेष योग्यजन वर्ग के लिए निर्धारित समस्त लाभ
  17. बच्चों को राज्य सरकार के एक्स ग्रेटर सहायता प्राप्त प्रयोग परिवारों की सूची में जुड़वाना
  18. बच्चों को मुख्यमंत्री चिरंजीवी बीमा योजना के तहत निशुल्क स्वास्थ्य बीमा
  19. बच्चों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत जिला प्रशासन की ओर से मासिक स्तर पर निशुल्क राशन किट
  20. बच्चों को राज्य सरकार की विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजना में लाभान्वित किए जाने के लिए जन आधार पोर्टल पर पंजीयन
  21. बच्चों के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं भामाशाह और अन्य एजेंसियों संस्थाओं की ओर से दी जाने वाली सहायता राशि की पहचान
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