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राज्य में एक जिले से दूसरे जिले में जाने पर क्वॉरेंटाइन अनिवार्य नहीं: मुख्यमंत्री

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Published : May 15, 2020, 11:19 PM IST

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि करीब दो माह से चल रहे लॉकडाउन की पीड़ा झेल रहे प्रवासियों और श्रमिकों को संबल देने के लिए क्वॉरेंटाइन शिविरों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे श्रमिकों की तकलीफ को समझें और क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रह रहे इन श्रमिकों के लिए बेस्ट प्रैक्टिसेज लागू करें, ताकि संकट की इस घड़ी में उन्हें राहत मिल सके.

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सीएम की बैठक

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने शुक्रवार को प्रवासियों के सुरक्षित आवागमन, क्वॉरेंटाइन शिविरों की व्यवस्थाओं की समीक्षा को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की. इस दौरान उन्होंने जरूरी दिशा निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे श्रमिकों की तकलीफ को समझें और क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रह रहे इन श्रमिकों के लिए बेस्ट प्रैक्टिसेज लागू करें, ताकि संकट की इस घड़ी में उन्हें राहत मिल सके.

क्वॉरेंटाइन को लेकर दिए निर्देश

गहलोत ने निर्देश दिए कि हॉट स्पॉट और कर्फ्यू एरिया को छोड़कर प्रदेश में एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाले व्यक्तियों को 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन नहीं किया जाए. केवल उन्हीं लोगों को क्वॉरेंटाइन करें, जिनमें सर्दी, खांसी या जुकाम (आईएलआई) के लक्षण पाए जाएं. सीमावर्ती जिलों के औद्योगिक क्षेत्रों जैसे भिवाड़ी, नीमराणा इत्यादि में प्रतिदिन व्यावसायिक गतिविधियों के लिए आने वाले दूसरे राज्यों के उद्यमियों एवं श्रमिकों को भी क्वॉरेंटाइन नहीं किया जाए.

मास्क लगाना बना दिनचर्या का हिस्सा

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों ने मास्क लगाने को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया है. यह अच्छा संकेत है. इस जागरूकता के कारण ही हम लॉकडाउन में और अधिक छूट देने और जीवन रक्षा के लिए तैयार हो सकेंगे. लोगों के ये सकारात्मक प्रयास ही इस लड़ाई से जीतने में मददगार होंगे. सीएम ने कहा कि ग्राम स्तरीय क्वॉरेंटाइन समितियों तक भी इन नवाचारों को पहुंचाया जाए. साथ ही उन्होंने साफ कर दिया है ​कि एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाले के लिए क्वॉरेंटाइन अनिवार्य नहीं होगा.

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ग्रामवासियों का मिल रहा सहयोग

बैठक में राज्य स्तरीय क्वॉरेंटाइन प्रबंधन समिति की अध्यक्ष अतिरिक्त मुख्य सचिव पीडब्ल्यूडी वीनू गुप्ता ने क्वॉरेंटाइन शिविरों की व्यवस्थाओं की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि नागौर में क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रह रहे ज्यादातर लोगों को घर का खाना मिल रहा है. बारां में करीब 2 हजार प्रवासियों को संस्थागत क्वॉरेंटाइन से होम क्वॉरेंटाइन में शिफ्ट कर दिया है. क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रह रहे लोगों को रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ने के लिए शारीरिक शिक्षकों, सामाजिक संस्थाओं इत्यादि से सहयोग लिया जा रहा है.

पश्चिम बंगाल सरकार ने भी दी सहमति

अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने सभी राज्यों को ट्रेनों के जरिए प्रवासियों को भेजने की सहमति दे दी है. सरकारी स्तर पर एनओसी का कोई प्रकरण लंबित नहीं है. प्रवासियों के आवागमन के लिए पर्याप्त संख्या में ट्रेन उपलब्ध हैं. अब पश्चिम बंगाल सरकार ने भी राजस्थान से प्रवासी श्रमिकों के आवागमन के लिए सहमति दे दी है.

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इस दौरान बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा रोहित कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी अभय कुमार, शासन सचिव आपदा राहत सिद्धार्थ महाजन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.

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