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Rajasthan Assembly Session नए विधेयक लाने की तैयारी, पुराने अभी भी दिल्ली में अटके

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Published : Aug 24, 2022, 7:19 PM IST

Updated : Aug 24, 2022, 7:39 PM IST

राजस्थान विधानसभा सत्र सितंबर में शुरू होने वाला है और राज्य सरकार इसे लेकर तैयारियों में जुटी है. इस मानसून सत्र में प्रदेश सरकार कई विधेयक सदन में पास करवाने की तैयारी में है लेकिन पिछले कई विधेयक अभी भी राष्ट्रपति की मंजूरी के इंतजार में ही पड़े हैं. ऐसे में नए विधेयक पास होने के बाद भी कब लागू होंगे यह बात विचार करने योग्य है.

राजस्थान विधानसभा सत्र
राजस्थान विधानसभा सत्र

जयपुर. आगामी 19 सितंबर से राजस्थान विधानसभा सत्र (Rajasthan Assembly Session) शुरू होने वाला है. इस बार भी सरकार सदन में कई विधेयक पारित करवाने के लिए रखेगी. हालांकि इस सत्र से पहले भी 7 विधेयक राज्य विधानसभा में पारित हुए लेकिन राष्ट्रपति की मंजूरी के इंतजार में दिल्ली में ही अटके रह गए. ऐसे में जनता से जुड़े विधेयक तो सदन में पारित होते हैं, लेकिन जनहित पर मौजूदा समय में राजनीति ही भारी पड़ रही है.

भाजपा के 1 और गहलोत सरकार के 6 विधेयक अटके
ऐसा नहीं है कि राजस्थान विधानसभा में मौजूदा गहलोत सरकार के कार्यकाल में ही जो विधेयक पारित हुए वही दिल्ली में अटके (BJP 1 and Gehlot government 6 bills stuck) हुए हैं बल्कि पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में साल 2008 धर्म परिवर्तन रोकने के लिए लाया गया राजस्थान धर्म स्वतंत्र विधेयक तत्कालिक राज्यपाल एसके सिंह ने राष्ट्रपति के विचारार्थ भेजा था जो अब तक मंजूरी के लिए अटका हुआ है.

राजस्थान विधानसभा सत्र में पारित इन विधायकों को राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार

  • राजस्थान धर्म स्वतंत्र विधेयक - (जून 2008)
  • राजस्थान सम्मान और परम्परा के नाम पर वैवाहिक संबंधों की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप का प्रतिषेध विधेयक -(अगस्त 2019)
  • राजस्थान लिंचिंग से संरक्षण विधेयक -(अगस्त 2019)
  • रजिस्ट्रीकरण (राजस्थान संशोधन) विधेयक -(अक्टूबर 2021)
  • दण्ड विधियां (राजस्थान संशोधन) विधेयक -(अक्टूबर 2021)
  • सिविल प्रक्रिया संहिता (राजस्थान संशोधन) विधेयक - (जनवरी 2022)
  • दण्ड प्रक्रिया संहिता (राजस्थान संशोधन) विधेयक -(अक्टूबर 2022)

राज्य सरकार राष्ट्रपति भवन से लें जानकारी और कमियों को दुरुस्त करें -कटारिया
लंबित विधेयकों पर गुलाबचंद कटारिया बोले कि (Gulabchand Kataria statement on pending bills) राज्य विधानसभा में पारित किए गए कुछ विधेयक ऐसे भी होते हैं जो केंद्र के अधीन आने वाले कानून से जुड़े होते हैं. इसके चलते भी कई बार राज्य विधानसभा में पारित किए गए विधेयक दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में जाकर मंजूरी के लिए रोक लिए जाते हैं. कटारिया ने कहा कि प्रदेश सरकार को लगातार इन विधेयकों को लेकर राष्ट्रपति भवन और से जुड़े अधिकारियों से संपर्क कर फॉलोअप लेना चाहिए. साथ ही यदि किसी विधेयक में कमी है तो राष्ट्रपति भवन से उसे वापस मंगा कर दुरुस्त कर दोबारा भेजना चाहिए. कटारिया ने कहा कि ऐसे तो विधानसभा में पारित अधिकतर विधेयक राष्ट्रपति भवन में ही डंप होकर रह जाएंगे. इसलिए प्रदेश सरकार के स्तर पर उसका फॉलोअप लगातार होना चाहिए.

Last Updated : Aug 24, 2022, 7:39 PM IST
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