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PHED के प्रमुख शासन की अध्यक्षता में वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक

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Published : May 13, 2020, 10:59 AM IST

PHED के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को शासन सचिवालय में वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित हुई. इस दौरान कई निर्देशों के साथ ही ये भी बताया गया कि कोविड-19 के कारण प्रदेश के हजारों लोग वापस लौटे हैं. इसलिए प्रदेश में अतिरिक्त पानी की मांग बढ़ी है. ऐसे में आपूर्ति पर नियंत्रण रख लोगों की आवश्यकता के अनुरूप पानी का उचित प्रबंधन किया जाए.

Meeting by PHED Secretary, राजस्थान न्यूज़
पीएचईडी के प्रमुख शासन ने ली मीटिंग

जयपुर. प्रदेश के सभी जिलों में गर्मियों की पेयजल व्यवस्था के प्रबंधन के लिए मंगलवार को पीएचईडी के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव की अध्यक्षता में शासन सचिवालय में वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित हुई. सभी जिलों में कार्यरत अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं एवं अधीक्षण अभियंताओं से गर्मियों के मद्देनजर पानी के संबंध किए जा रहे कार्यों एवं तैयारियों के बारे में फीडबैक लिया गया और उन्हें आवश्यक निर्देश दिए गए.

बैठक में विभाग के मुख्य अभियंताओं और अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं ने फरवरी माह से अब तक विभाग द्वारा लॉकडाउन और गर्मियों में पेयजल प्रबंधन के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया. जिलों में कार्यरत अभियंताओं को निर्देश दिया गया कि गर्मियों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी मुद्दों को स्थानीय स्तर पर हल करें. राज्य स्तर के मुद्दों को तत्काल उच्च स्तर पर भेजें.

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जिलों में रेट कॉन्ट्रैक्ट की प्रगति की भी समीक्षा हुई.अधिकारियों को निर्देश गया कि जहां भी रेट कॉन्ट्रेक्ट की कार्रवाई शेष है, उसे शीघ्र पूरा करें, किसी भी स्थान पर पेयजल आपूर्ति के लिए आवश्यक सामग्री की कोई कमी नहीं रहे, जिन जिलों में अतिरिक्त पाइप्स और सामान पड़ा है, उसे अन्य जिलों को उपलब्ध कराएं.

इस दौरान अभियंताओं को बताया गया कि पेयजल योजनाओं के लिए डिस्कॉम से भी विभागीय अंडरटेकिंग के आधार पर बकाया कनेक्शन जारी करने पर सहमति बन गई है, इसलिए अधिकारी अपने क्षेत्र में जल योजनाओं के बाकी कनेक्शनों के बारे में अंडरटेकिंग देकर कनेक्शन की कार्रवाई पूरी करें. कंटीन्जेसी प्लान की राशि का आवश्यकतानुसार सदुपयोग करने और अधिक जरूरत होने पर उसके प्रस्ताव भेजने के निर्देश भी इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दिए गए.

साथ ही इस दौरान बताया गया कि कोविड-19 के कारण प्रदेश के हजारों लोग वापस लौटे हैं. इसलिए प्रदेश में अतिरिक्त पानी की मांग बढ़ी है. ऐसे में आपूर्ति पर नियंत्रण रख लोगों की आवश्यकता के अनुरूप पानी का उचित प्रबंधन किया जाए. कोविड-19 के कारण सभी जिलों में जिला प्रशासन ज्यादा व्यस्त हैं, ऐसे में पीएचईडी के अधिकारी दोहरी जिम्मेदारी के साथ अपनी भूमिका निभाकर पेयजल व्यवस्था का प्रबंधन करते हुए जिला प्रशासन का सहयोग करें. हेड पंप रिपेयरिंग अभियान की सतत मॉनिटरिंग हो. जो हेडपंप ठीक हो गए हैं, उनकी क्रॉस चेकिंग की जाए. केवल खानापूर्ति ना करें. इस अभियान के लिए स्वीकृत किए गए 531 वाहनों का पूरा उपयोग कर लोगों को राहत दी जाए.

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बैठक में कहा गया कि जनता जल योजना के कार्यो के लिए पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय करें. जनता जल योजना के घरों में कनेक्शन के अपडेशन के लिए पंचायती राज विभाग से आवश्यक डेटा संकलित करें. अंतर विभागीय मुद्दों पर जिला प्रशासन का सहयोग ले. क्षेत्रीय अतिरिक्त मुख्य अभियंता अपने अधीनस्थ योजनाओं की लंबित कार्यों को गति देने के लिए संबंधित ठेकेदारों के साथ बैठक करें. पेयजल के नमूनों के संग्रहण और उनकी समय पर टेस्टिंग के कार्यों में भी तेजी लाएं.

बता दें कि आगामी दिनों में मुख्यमंत्री द्वारा समूचे प्रदेश में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी. इसलिए इसके बारे में प्रगति रिपोर्ट और सभी बिंदुओं की तैयारी पूरी रखन के निर्देश भी दिए गए. इस दौरान ये भी कहा गया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार जिन स्थानों पर 48 घंटे से ज्यादा समय में पेयजल आपूर्ति हो रही है, वहां की आपूर्ति 48 घंटे के अंतराल पर लाने के लिए प्रयास करें.

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