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कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशियों के भी नामांकन हुए निरस्त, अब 1330 उम्मीदवार मैदान में

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Published : Oct 21, 2020, 12:48 AM IST

Updated : Oct 21, 2020, 8:01 AM IST

जयपुर नगर निगम चुनावों को लेकर मंगलवार को नामांकन की जांच के बाद 127 नामांकन खारिज हो गए. नामांकन पत्रों की जांच में चौंकाने वाला मामला सामने आया. जयपुर नगर निगम ग्रेटर में 4 वार्डों में कांग्रेस प्रत्याशियों के नामांकन निरस्त हो गए. हालांकि इनकी जगह पहले से घोषित प्रत्याशियों की ओर से कांग्रेस सिंबल पर जमा हुए नामांकन पत्रों को सही पाया गया.

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कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशियों के भी नामांकन हुए निरस्त

जयपुर. नगर निगम चुनावों को लेकर मंगलवार को नामांकन की जांच के बाद 127 नामांकन खारिज हो गए. नामांकन पत्रों की जांच में चौंकाने वाला मामला सामने आया. जयपुर नगर निगम ग्रेटर में 4 वार्डों में कांग्रेस प्रत्याशियों के नामांकन निरस्त हो गए. हालांकि इनकी जगह पहले से घोषित प्रत्याशियों की ओर से कांग्रेस सिंबल पर जमा हुए नामांकन पत्रों को सही पाया गया. इसी तरह 3 भाजपा प्रत्याशियों के भी नामांकन खारिज हो गये.

कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशियों के भी नामांकन हुए निरस्त

जानकारी के अनुसार नगर निगम चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा ने अंतिम समय में प्रत्याशियों की सूची जारी की. इसके बाद भी दोनों ही पार्टियों ने कई नामों में बदलाव किया. कांग्रेस पार्टी ने पहले चुनाव को लेकर प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी थी. कांग्रेस की ओर से वार्ड 71 से धर्म सिंह, वार्ड 66 से मुकेश शर्मा, वार्ड 68 से रतन लाल सैनी, वार्ड 91 से कमल वाल्मीकि का नामांकन निरस्त हो गया. इसके चलते कांग्रेस के तीन मौजूदा पार्षदों का टिकट कट गया. ग्रेटर के वार्ड 135 में भी कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन खारिज हुआ है, यहां कांग्रेस ने निर्दलीय राजेश कुमावत को समर्थन दिया है.

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सोमवार को अंतिम दौर में उनको सिंबल दिया गया था. धर्म सिंह सिंघानिया, दिनेश सैनी, कमल वाल्मीकि और मुकेश शर्मा को टिकट दिया गया था, लेकिन उससे पहले चार अन्य दावेदारों को कांग्रेस का सिंबल दे दिया गया था. इनसे पहले महेश शर्मा, रतन लाल सैनी, आशीष परेवा और कमलनयन पहले सिंबल के साथ अपना नामांकन भर चुके थे. बाद में जिन प्रत्याशियों ने सिंबल के साथ फॉर्म भरा था उसमें कई त्रुटियां रह गई. चारों ने ही जल्दी बाजी में कॉलम में स्थानापन्न भर दिया गया. स्थानापन्न का मतलब होता है कि जिसने पहले नामांकन भरा था, अगर उसके नॉमिनेशन में कोई खामी रह जाए तो दूसरा वाला सिंबल के लिए अधिकृत हो जाता है. भाजपा के भी 3 अभ्यर्थियों के नामांकन खारिज हो गए.

नामांकन के जांच के बाद कुल 127 नामांकन खारिज हो गए. कलेक्टर अंतर सिंह ने बताया कि हैरिटेज के 100 वार्डों में कुल 55 और नगर निगम ग्रेटर के 150 वार्डों में 72 नामांकन निरस्त हुए. नगर निगम हैरिटेज में कुल 508 अभ्यर्थियों के 543 नामांकन सही पाए गए. इसी तरह नगर निगम ग्रेटर में 822 अभ्यर्थियों के 874 नामांकन सही पाए गए नामांकन की जांच के बाद अब दोनों नगर निगम में 1330 उम्मीदवार मैदान में रह गए हैं. 22 अक्टूबर नाम वापस लेने की अंतिम तिथि है. 23 को चुनाव चिन्ह का आवंटित किया जाएगा.

भाजपा के 5 और कांग्रेस के 3 प्रत्याशी चुनावी दंगल से बाहर

नामांकन जांच के दौरान भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के भी नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए. इनमें से भाजपा और कांग्रेस के चार प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले होने के कारण नामांकन खारिज हुए. रिटर्निंग अधिकारियों के अनुसार ग्रेटर के वार्ड 56 प्रभु बैरवा, 58 से महेन्द्र यादव और 134 से रघुनाथ नरेडी भाजपा के प्रत्याशी थे, जिन पर आपराधिक मामले चल रहे थें. वहीं ग्रेटर के वार्ड 135 में कांग्रेस के प्रत्याशी का नामांकन भी आपराधिक प्रकरण के चलते खारिज कर दिया। वार्ड 133 में कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन दाखिल नहीं हो सका.

Last Updated : Oct 21, 2020, 8:01 AM IST
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