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16 साल बाद नया विद्युत सप्लाई कोड विनियम जारी, अविकसित कॉलोनियों में नया विद्युत कनेक्शन शुल्क 50 फीसदी घटा

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Published : Feb 4, 2021, 2:53 AM IST

राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने 16 साल बाद बुधवार को नया विद्युत सप्लाई कोड विनियम 2021 जारी किया, जिसमें कई नए प्रावधान शामिल किए गए हैं. अविकसित कॉलोनियों में नया विद्युत कनेक्शन शुल्क 50 फीसदी घटाया गया है.

Rajasthan News,  Electricity Supply Code Regulations 2021
राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग

जयपुर. प्रदेश में अविकसित कॉलोनियों में रहने वाले उपभोक्ताओं के लिए एक राहत भरी खबर है. अब गैर विद्युतीकृत कॉलोनी में बिजली कनेक्शन लेना सस्ता हो गया है. साथ ही इन उपभोक्ताओं के लिए कनेक्शन शुल्क में 50 फीसदी कमी कर दी गई है. राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने 16 साल बाद बुधवार को नया विद्युत सप्लाई कोड विनियम 2021 जारी कर दिया, जिसमें कई नए प्रावधान शामिल किए गए हैं.

जारी हुए नए प्रावधानों में विकसित कॉलोनियों में मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के लिए बिल्टअप या प्लॉट क्षेत्रफल के अनुरूप गणना होगी. इसके साथ ही अफोर्डेबल आवास के लिए भी कनेक्शन लोड वोल्टेज की सीमा में इजाफा किया गया है. यही प्रवधान औद्योगिक इकाईयों के लिए भी किया गया है. इसमें डिस्कॉम्स के लिए नया विद्युत कनेक्शन देने की समय सीमा 30 दिन से घटाकर 7 दिन कर दी गई है. वहीं, वरिष्ठ नागरिकों और विशेष योग्यजनों को घर बैठे सेवा उपलब्ध कराने की अनिवार्यता की गई है.

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घरेलू श्रेणी के कनेक्शन अब 7 दिन में होंगे जारी

राजस्थान राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने नए इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के तहत ही नए विद्युत कनेक्शन जारी करने की समय सीमा घटा दी है. नए प्रावधानों के तहत अब मेट्रो शहरों में 7 दिन में, अन्य नगरपालिका क्षेत्रों में 15 दिन, ग्रामीण क्षेत्रों में 30 दिन में कनेक्शन जारी करना होगा. सभी जगह घरेलू श्रेणी के लिए यह समय सीमा 7 दिन ही रहेगी.

किस स्थान पर कितना हुआ शुल्क

नगर निगम क्षेत्र में पहले जहां अविकसित कॉलोनियों में नए कनेक्शन का शुल्क 200 रुपए प्रति वर्ग गज था, अब उसे 100 रुपए प्रति वर्ग गज कर दिया गया है. इसी तरह नगर परिषद क्षेत्र में जहां पहले 170 प्रति वर्ग गज शुल्क था उसे घटाकर 85 रुपए प्रति वर्ग गज कर दिया गया है. इसी तरह नगर पालिका क्षेत्र में पहले 150 रुपए प्रति वर्ग गज शुल्क था जो घटाकर 75 रुपए प्रति वर्ग कर दिया गया है. इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में पहले 130 रुपए प्रति वर्ग गज शुल्क था जिसे घटाकर अब मात्र 65 रुपए प्रति वर्ग गज कर दिया गया है.

वोल्टेज डिमांड सीमा में इजाफा, खर्चा होगा कम

नए प्रावधानों के तहत अब 11केवी के लिए वोल्टेज डिमांड सीमा 1500 केवीए से बढ़ाकर 2500 केवीए होगी. वहीं, 33केवी के लिए अभी वोल्टेज डिमांड सीमा 5000 केवीए है, जिसे बढ़ाकर 8000 केवीए कर दिया गया है. अभी तक लोड बढ़ाने के लिए विद्युत तंत्र अपग्रेड होने का इंतजार करना पड़ रहा था.

इनमें हुई शुल्क बढ़ोतरी

लाइन एक्सटेंशन का शुल्क और प्रति कनेक्शन शुल्क में बढ़ोतरी की गई है. जबकि, प्री पेड मीटर के लिए सुरक्षा शुल्क 50 फीसदी घटाया है. इसके अलावा अन्य मामलों में शुल्क में बदलाव नहीं किया गया है.

यहां हुआ प्रावधान में सरलीकरण

कॉलोनियां, टाउनशिप, ग्रुप हाउसिंग, कॉम्प्लेक्स, बहुमंजिला इमारत, बड़े भवन, औद्योगिक क्षेत्रों और फार्म हाउस योजना को सप्लाई के लिए प्रावधान का सरलीकरण किया गया है. डवलपर्स आवेदकों को कनेक्शन जारी करने की सुविधा के लिए विभिन्न चरण में काम पूरा करने की अनुमति दी गई है.

यह भी है प्रावधान...

  • शहरी क्षेत्रों में 24 घंटो के भीतर और ग्रामीण इलाकों में 72 घंटे के भीतर खराब मीटर बदला जाएगा. मीटर की अनुपलब्धता आपूर्ति की बहाली में देरी का कारण नहीं होगी.
  • सेल्फ मीटर रीडिंग का प्रावधान भी किया गया है.
  • डिस्कनेक्ट किए गए उपभोक्ता को नियत राशि के जमा होने के छह घंटे के भीतर बिजली की आपूर्ति बहाल करनी होगी. सार्वजनिक अवकाश के दौरान भी यह सुविधा उपलब्ध होगी.
  • वितरण निगम दो से अधिक प्रोविजनल बिल जारी नहीं कर सकेगा. ऐसी स्थिति में उपभोक्ता तब तक बकाया भुगतान करने से इनकार कर सकता है, जब तक की उसे वास्तविक रीडिंग के अनुसार बिल जारी नहीं किया जाता.
  • आवेदन ऑनलाइन जमा होंगे, हार्ड कॉपी की अनिवार्यता नहीं होगी. ऑनलाइन आवेदन जमा करने के लिए डिस्कॉम वेबपोर्टल और मोबाइल एप बनाएगा.
  • सभी सेवाओं के लिए एक ही फॉर्म होगा. आवेदन पत्र के लिए कम्पयूटराइज्ड ट्रेकिंग व्यवस्था होगी.
  • विद्युतीकृत क्षेत्रों में जहां लाइन, संयंत्रों को सवंर्धित नहीं किया जाना है, वहां एस्टीमेट बनाने की आवश्यकता नहीं होगी और केवल अनुसूची के अनुसार शुल्क जमा करना होगा.
  • जहां उपभोक्ता या डेवलपर की ओर से सर्विस लाइन उपलब्ध कराई गई है, ऐसे उपभोक्ता को कनेक्शन के लिए कम शुल्क देना होगा.
  • उपभोक्ता अब उच्च टैरिफ श्रेणी से निम्न टैरिफ श्रेणी में कनेक्शन का रूपांतरण कर सकेंगे.
  • कृषि उपभोक्ता राज्य सरकार की कृषि नीति के अंतर्गत ही आएंगे.
  • सुरक्षा राशि वापसी के लिए अलग से प्रमाण की आवश्यकता नहीं होगी. जारी किए गए अंतिम बिल पर इंगित राशि को पर्याप्त प्रमाण के रूप में माना जाएगा. उपभोक्ता के अनुरोध पर डिस्कॉम
    नो ड्यूज सर्टिफिकेट भी जारी करेंगे.
  • खंभे पर केबल से और अन्य संपत्तियों के उपयोग से डिस्कॉम को उचित राजस्व सुनिश्चित करना होगा, जिसके लिए सहायक अभियंता जिम्मेदार होगा.
  • मीटर जांच के समय उपभोक्ता से परीक्षा शुल्क नहीं लेंगे. बाद में बिल के माध्यम से उपभोक्ता से परीक्षण शुल्क लिया जाएगा.
  • वितरण निगम मीटर की टेस्टिंग के लिए आवेदन मिलने के 15 दिन के भीतर मीटर की परीक्षण की व्यवस्था करेगा.
  • उपभोक्क्ता को डिस्कॉम की प्रयोगशाला के अलावा किसी भी अन्य चिन्हित प्रयोगशाला में मीटर जांच कराने का विकल्प होगा. यदि प्रयोगशाला परीक्षण में मीटर सही पाया जाता है, तो उपभोक्ता द्वारा जमा किए गए परीक्षण शुल्क आगामी बिल के माध्यम से वापस किया जाएगा.
  • वितरण निगम बिल जारी करने, देय राशि और नियत तारीख की सूचना व भुगतान के लिए दो रिमांइडर एवं भुगतान प्राप्ति के लिए एसएमएस अलर्ट भेजेगा.
  • मल्टीपल कनेक्शन वाले उपभोक्क्ताओं के लिए केन्द्रीकृत भुगतान की सुविधा होगी.
  • नए कनेक्शन करने के बाद दो बिलिंग साइकिल के भीतर पहला बिल जारी करना जरूरी होगा.
  • स्थाई डिस्कनेक्शन पर विशेष पठन और नो-ड्यूज सर्टिफिकेट का प्रावधान किया गया है.
  • लोड में डीम्ड वृद्धि या कमी का प्रावधान.
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