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राजस्थान सरकार की हरकतें सरकार जैसी कम और विपक्ष जैसी ज्यादा लगती है: राज्यवर्धन सिंह राठौड़

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Published : Apr 27, 2021, 10:54 PM IST

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राज्यवर्धन सिंह राठौड़

जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने एक बयान जारी कर गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सरकार हर मोर्चे पर विफल है. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार की हरकतें सरकार जैसी कम और विपक्ष जैसी ज्यादा लगती है.

जयपुर. जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने गहलोत सरकार को कोरोना काल में हर मोर्चे पर विफल बताया है. उन्होंने कहा कि देश कोरोना से जूझ रहा है और राजस्थान में त्राहिमाम मचा हुआ है. जनता आईसीयू, बेड, ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए दर-दर भटक रही है. ऐसे समय में प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है.

राजस्थान सरकार की हरकतें सरकार जैसी कम

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राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में कोरोना की भयावहता को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से 25 अप्रैल से 265 मीट्रिक टन ऑक्सीजन और 67,000 रेमडेसिविर इंजेक्शन राज्य सरकार को दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अच्छी लीडरशिप वही होती है जिसका कोई विजन हो. राठौड़ ने कहा कि यूके में कोरोना वायरस का जो स्ट्रेन पाया गया था, वह राजस्थान के श्रीगंगानगर में सबसे पहले 5 जनवरी 2021 को पाया गया था. यह राजस्थान सरकार के संभलने का समय था, लेकिन राज्य सरकार सोती रही.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी दूरदर्शिता का परिचय देते हुए इसी दिन पीएम केयर फंड से ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए 201 करोड़ रुपए सभी राज्यों को दिए. जिसमें राजस्थान में चार स्थानों पर ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने थे, लेकिन राजस्थान में इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ. सरकार इतनी संवेदनहीन हो चुकी है कि अब प्रदेश में कोरोना बेकाबू हो गया तब 15 से 24 अप्रैल तक प्रदेश की 30 प्राइवेट इंडस्ट्रीज में काम आने वाले ऑक्सीजन प्लांट अपने अधीन लिए हैं.

कोरोना से मजबूती से लड़ रही है केंद्र सरकार

राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि आज प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी है. अगर प्रदेश की सरकार दूरदर्शी होती तो वह हाल ही में पंजाब को 20 हजार इंजेक्शन नहीं देती. आने वाली आपदा को लेकर राज्य सरकार का कोई विजन नहीं था.

कोरोना से मजबूती से लड़ रही है केंद्र सरकार

कर्नल राज्यवर्धन ने कहा कि कोरोना से लड़ाई के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार मजबूती से काम कर रही है. सेना, वायु सेना और रेलवे पूरे देश में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम कर रहे हैं. रेलवे के लिए तो ग्रीन काॅरिडोर बना दिया गया है जो युद्ध की स्थिति में बनया जाता है. कोरोना काल में मोदी ने देश में हेल्थ के ढांचे की मजबूती पर ध्यान दिया.

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राठौड़ ने कहा कि पीपीई किट जो भारत में नहीं बनता था वह बनने लगा, वैक्सीन बनाई गई और पूरे देश में वैक्सीनेशन का अभियान चलाया गया. 9 मार्च को कोरोना वैक्सीन की लगभग 47 लाख डोज राज्य सरकार के पास थी, लेकिन सरकार उसमें से मात्र 24 लाख डोज का ही इस्तेमाल कर पाई. वैक्सीनेशन ही कोरोना से बचाव का मजबूत साधन है, जिसका मोदी सरकार लगातार प्रमोशन कर रहे हैं.

केंद्र सरकार के दबाव में लिया निशुल्क वैक्सीनेशन का निर्णय

राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में वैक्सीन की कमी नहीं है, व्यवस्थाओं की कमी है. सरकार की ओर से कोई पोर्टल नहीं बनाया गया है जिस करण वैक्सीनेशन सेंटर्स पर भीड़ लग रही है. राजस्थान सरकार का वैक्सीनेशन को लेकर अभी तक कोई कार्यक्रम नहीं है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री के ट्वीट से यह साबित होता है कि राज्य सरकार की ओर से 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगाने का जो निर्णय लिया गया है, वह पीएम मोद की ओर से देश में 45 और 60 वर्ष से उपर के आयु वर्ग के लिए चलाए गए निःशुल्क वैक्सीनेशन और अन्य राज्यों की ओर से 18 वर्ष से ऊपर के आयु वर्ग के लिए चलाए गए निःशुल्क वैक्सीनेशन कार्यक्रम के दबाव में आकर ही लिया गया है.

सरकार की हरकतें विपक्ष जैसी ज्यादा लगती है

कर्नल राज्यवर्धन ने कहा कि राजस्थान सरकार को जिस जनता ने सत्ता में बैठाया है वही जनता आज आईसीयू बैड और ऑक्सीजन के लिए दर-दर भटक रही है. वर्तमान में प्रदेश को आईसीयू बेड्स के साथ-साथ डाॅक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ की भी आवश्यकता है. प्रदेश में जो मेडिकल काॅलेज और नर्सिंग काॅलेज में अनेक डाॅक्टर्स, नर्सेज और पेरामैडिकल स्टाॅफ अपने अंतिम वर्ष की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, इन्हें करोना से लड़ाई में शामिल किया जा सकता है.

कोरोना की लहर को तोड़ने के लिए चेन तोड़नी पडे़गी, लेकिन राजस्थान सरकार ने जनता कर्फ्यू लगाने में भी कोई सख्ती नहीं दिखाई. राजस्थान सरकार की हरकतें सरकार जैसी कम और विपक्ष जैसी ज्यादा लगती है. जनता ने सत्ता दी है तो केन्द्र सरकार को दोष देना बंद कर प्रदेश की सरकार को अपना दायित्व निभाना चाहिए.

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