जयपुर. राजस्थान में विधायकों को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट में आने के चलते बिना दर्जे और सरकारी सुविधाओं के राजनीतिक नियुक्तियां (Political appointments without government facilities) मिलने का क्रम जारी है. जयपुर के किशनपुर से कांग्रेस विधायक अमीन कादरी को हज कमेटी का सदस्य नियुक्त किया गया है. जिन्हें 15 फरवरी को हज कमेटी के सदस्यों की बैठक (Haj Committee meeting in Jaipur) में हज कमेटी का चेयरमैन चुन लिया जाएगा.
खास बात यह है की नियुक्ति पाने वाले अमीन कागजी 12 वें विधायक होंगे, जिन्हें सरकार ने राजनीतिक नियुक्ति दी है. लेकिन अमीन कागजी को हज कमेटी का सदस्य बनाएं जाने के साथ ही जारी किए गए आदेश में यह साफ लिखा गया है कि उन्हें किसी तरीके के वेतन भत्ते या आर्थिक परिणाम नहीं दिए जाएंगे. अमीन कागजी के साथ ही हज कमेटी में 13 सदस्यों की भी नियुक्ति कर दी गई है. हज कमेटी के सदस्य के तौर पर अमीन कागजी और बाकी सभी 13 सदस्यों का कार्यकाल 3 साल का होगा.
अमीन कागजी समेत 14 हज कमेटी सदस्यों के साथ ही राजस्थान अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमेन बनाए गए विधायक रफीक खान और राजस्थान वक्फ विकास परिषद के अध्यक्ष विधायक हाकम अली के भी आदेश जारी कर दिए गए हैं. इन दोनों विधायकों के आदेश में भी साफ लिखा गया है की इन्हें कोई वेतन भत्ते या आर्थिक परीलाभ नहीं मिलेंगे.
इन्हें बनाया गया है हज कमेटी में सदस्यः विधानसभा के मुस्लिम सदस्य के तौर पर विधायक अमीन कागजी, लोकल बॉडीज के चुने हुए प्रतिनिधि के तौर पर उपमहापौर कोटा सोनू कुरैशी और जयपुर हेरिटेज से पार्षद अफजल महमूद और जावेद परिहार पार्षद बीकानेर को हज कमेटी में सदस्य बनाया गया है.