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फिर सुलगने लगी है MBC आरक्षण की आग, इस बार नाराजगी कांग्रेस से नहीं मोदी सरकार से : विजय बैंसला

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Published : Jul 2, 2021, 1:53 PM IST

राजस्थान में एक बार फिर एमबीसी आरक्षण की आग सुलगने लगी है. हालांकि, इस बार एमबीसी आरक्षण (MBC Reservation) में शामिल गुर्जर सहित अन्य जातियों की नाराजगी राज्य की गहलोत सरकार से न होकर भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) से है. कारण साफ है कि राज्य में तो 5 फीसदी आरक्षण का लाभ इन समाजों को मिल रहा है, लेकिन मोदी सरकार ने इसे स्थाई सुरक्षा कवच देने के लिए अब तक संविधान की नौवीं अनुसूची में नहीं डाला. गुर्जर नेता विजय बैंसला (Gurjar Leader Vijay Bainsla) ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) सहित प्रदेश के सांसदों को पत्र लिखकर इस बारे में आगाह किया है...

vijay bainsla exclusive interview
विजय सिंह बैंसला, गुर्जर नेता

जयपुर. राजस्थान में गुर्जर आरक्षण आंदोलन की अगुवाई करने वाले गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला (Gurjar Leader Kirori Singh Bainsla) के पुत्र विजय बैंसला ने साफ कर दिया है कि इस बार लोकसभा के सत्र में यदि उनकी 2 साल पुरानी इस मांग की अनदेखी हुई तो समाज की नाराजगी का खामियाजा केंद्र सरकार को और भाजपा (BJP) को उठाना पड़ेगा. ईटीवी भारत (ETV Bharat) से खास बातचीत के दौरान बैंसला ने आरक्षण से जुड़े इस ज्वलंत मुद्दे पर बेबाक तरीके से अपनी बात रखी. आइए जानते हैं बैंसला ने क्या कुछ कहा...

केंद्र ने नहीं पूरी की मांग, इसलिए बढ़ी नाराजगी...

दरअसल, गुर्जर सहित एमबीसी (MBC Reservation) में शामिल जातियों ने पिछले दिनों राजस्थान में आंदोलन करके प्रदेश की गहलोत सरकार (Gehlot Governmenr) से तो अपना हक ले लिया और प्रदेश कांग्रेस सरकार ने 5 फीसदी एमबीसी आरक्षण के लिए गजट नोटिफिकेशन भी निकाल दिया और केंद्र की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को दो बार पत्र भी लिख दिया. लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर अब तक ध्यान नहीं दिया, जबकि गुर्जर नेता (Gurjar Leaders) समय-समय पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों को इस बारे में आग्रह करते रहे हैं.

विजय बैंसला Exclusive Interview, Part-1

इसलिए मुखर हुए गुर्जर नेता...

दरअसल, प्रदेश के गुर्जर नेताओं को इस बात का डर है कि जो रिजर्वेशन राजस्थान में उन्हें मिल रहा है, उस पर भविष्य में कोर्ट द्वारा रोक न लग जाए. क्योंकि मराठा रिजर्वेशन का उदाहरण खुद विजय बैंसला देते हैं. यही कारण है कि गुर्जर समाज केंद्र से इस आरक्षण को 9वीं अनुसूची में शामिल करके स्थाई सुरक्षा देने की मांग कर रहा है.

क्या भाजपा ने सिर्फ किया वोट बैंक का उपयोग...

पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला (Kirori Singh Bainsla) और उनके पुत्र विजय बैंसला (Vijay Bainsla) ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी. इसके बाद हुए चुनाव में कर्नल बैंसला भी भाजपा के पक्ष में चुनाव प्रचार में जुटे थे. उसका असर यह रहा कि राजस्थान में कांग्रेस को 25 में से एक भी सीट नहीं मिल पाई, लेकिन भाजपा में शामिल होने के बाद गुर्जर समाज खुद को अब ठगा सा महसूस कर रहा है. क्योंकि जो काम केंद्र सरकार का था वह अब तक अधूरा है, जबकि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने गुर्जर समाज की मांग पूरी करते हुए 5 फीसदी आरक्षण का गजट नोटिफिकेशन निकाल दिया और लाभ भी मिल रहा है.

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आरक्षण पर स्टे आया तो आंदोलन होगा और जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी : विजय बैंसला

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान गुर्जर नेता विजय बैंसला ने कहा कि राज्य ने अपना काम कर दिया, लेकिन केंद्र ने अब तक अटका रखा है, जिससे समाज में रोष है. उनके अनुसार यदि एमबीसी आरक्षण पर भविष्य में कोर्ट का स्टे आता है तो फिर उसकी पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की ही होगी और समाज की नाराजगी भी केंद्र और भाजपा को भुगतना होगी.

विजय बैंसला Exclusive Interview, Part-2

70 विधानसभा और 16 लोकसभा क्षेत्र एमबीसी में शामिल समाज का प्रभाव : बैंसला

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान विजय बैंसला ने कहा कि राजस्थान में 70 विधानसभा क्षेत्र और 16 लोकसभा क्षेत्रों में गुर्जर सहित एमबीसी में शामिल जातियों का बाहुल्य है. यही कारण है कि हमने 16 सांसदों को पत्र लिखकर आगाह किया है, लेकिन दुख की बात है कि लोकसभा के बीते 2 साल में कई सत्र निकल गए. बावजूद इसके, एमबीसी आरक्षण को नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए कोई पहल नहीं की गई. जबकि लोकसभा चुनाव में कर्नल बैंसला ने भाजपा के लिए कैंपेनिंग की थी और समाज में बीजेपी को छक कर वोट दिए थे. बैंसला ने कहा कि जब चुनाव में समाज ने सपोर्ट किया तो सरकार में आने के बाद केंद्र को भी समाज का सपोर्ट करना चाहिए था.

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राजस्थान में 36 कौम की राजनीति नहीं चलती, कोई गलतफहमी हो तो निकाल दें : बैंसला

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान गुर्जर नेता विजय बैंसला ने कहा कि राजस्थान की राजनीति कास्ट बेस पर चलती है. यदि कोई कहता है कि यहां 36 कौम की पॉलिटिक्स होती है तो यह गलत है. क्योंकि जातिगत समीकरण बनने के बाद ही जीत और हार होती है. यदि प्रदेश का कोई राजनेता यह गलतफहमी पाले हुए है तो निकाल दे. बैंसला ने कहा कि न केवल राजस्थान, बल्कि वेस्टर्न यूपी में भी हमारे समाज का अच्छा खासा प्रभाव है और यदि हम यहां पटरियों पर बैठे तो वहां के लोग भी इसमें शामिल होते हैं. साथ ही, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तरांचल और गुजरात में कई सीटों पर यह समाज प्रभाव डालता है. ऐसे में यदि आगामी लोकसभा सत्र के दौरान समाज की मांग पूरी नहीं हुई तो फिर उसका असर आगामी राज्यों के चुनाव में दिख सकता है, क्योंकि समाज नाराज है.

2 साल निकल गए केंद्रीय मंत्रियों ने कुछ नहीं किया : बैंसला

गुर्जर नेता विजय बैंसला ने प्रदेश के भाजपा सांसद और तीनों केंद्रीय मंत्रियों (Central Minister) पर भी अपनी नाराजगी जताई और कहा कि राजस्थान से तीन केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद अब तक एमबीसी समाज के आरक्षण को स्थाई कवच देने की मांग अधूरी है. आश्चर्य इस बात का है कि इन सांसदों और मंत्रियों ने भी अब तक इस मामले को नहीं उठाया, जिसके चलते इन्हें बार-बार पत्र लिखना पड़ रहा है. बैंसला ने कहा कि केवल आज ही नहीं, बल्कि बीते 2 साल से लगातार अवगत कराया जा रहा है, लेकिन अब पानी सर के ऊपर बहने लगा है और समाज इसे बर्दाश्त नहीं करेगा.

नाराजगी कांग्रेस से कम और भाजपा व मोदी सरकार से ज्यादा : बैंसला

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान गुर्जर नेता विजय बैंसला ने कहा कि इस मसले पर नाराजगी राज्य और केंद्र की मोदी सरकार दोनों से है, लेकिन राज्य सरकार से थोड़ी कम है. क्योंकि राज्य सरकार ने गजट नोटिफिकेशन निकाल कर केंद्र को पत्र लिख दिया है, लेकिन ऐसा करने से भी राज्य सरकार की जिम्मेदारी पूरी नहीं हो जाती. राज्य सरकार को चाहिए था कि लगातार इस मामले में केंद्र पर दबाव बनाते और आरक्षण को लेकर पत्र केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री के पास भेजा जाता, जो राज्य सरकार ने नहीं किया. वहीं, प्रदेश भाजपा नेतृत्व और प्रदेश से जुड़े सांसदों की जिम्मेदारी थी कि इस मामले में हस्तक्षेप कर केंद्र सरकार पर दबाव बनवाते और समाज को उसका हक दिलवाते, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. ऐसे में समाज की नाराजगी केंद्र सरकार और भाजपा से और ज्यादा है.

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