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सदन में सरकार को राहत : आगामी विधानसभा सत्र में पूनिया-राठौड़ सहित ये दिग्गज नहीं लगा सकेंगे सवाल

9 सितंबर से शुरू होने वाले राजस्थान विधानसभा के सत्र में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ के साथ ही कई दिग्गज विधायक प्रदेश सरकार पर सवालों की बौछार नहीं कर पाएंगे. विधानसभा के नियमों के तहत एक सत्र में प्रति विधायक 40 तारांकित व 60 अतारांकित सवाल लगा सकते हैं और सवालों का ये तय कोटा करीब 25 विधायक पूरा कर चुके हैं.

Rajasthan Legislative Assembly
सदन में सरकार को राहत
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Published : Aug 26, 2021, 5:41 PM IST

Updated : Aug 27, 2021, 7:07 AM IST

जयपुर. आगामी विधानसभा सत्र को लेकर गहलोत सरकार के लिए राहत की खबर है. ऐसा इसलिए, क्योंकि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ के साथ ही कई दिग्गज विधायक प्रदेश सरकार पर सवालों की बौछार नहीं कर पाएंगे.

इन नियमों ने रोके विधायकों के सवाल : दरअसल, 9 सितंबर से शुरू होने जा रहा यह सत्र छठे सत्र का ही अगला चरण है. मतलब सरकार ने पिछली बार सत्रावसान नहीं किया था, जबकि विपक्ष से जुड़े कई विधायकों ने जो प्रश्न लगाने का अपना कोटा इसी सत्र के पहले चरण में पूरा कर लिया था. अब जब सत्र का दूसरा चरण सरकार ने बुलाया है, तब विधायकों ने विधानसभा सचिवालय में प्रश्न लगा है तो उन्हें नियमों का हवाला देते हुए प्रश्न लगाने से इनकार कर दिया गया. इसमें करीब 25 विधायक हैं, जिनमें अधिकतर विपक्षी दल भाजपा के दिग्गज नेता शामिल हैं.

क्या कहते हैं राजेंद्र राठौड़...

ये विधायक नहीं लगा पाएंगे सदन में सवाल : 4 सितंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के सत्र में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़, भाजपा विधायक और प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रकांता मेघवाल, धर्म नारायण जोशी, नारायण सिंह देवल, प्रताप सिंह सिंघवी, फूल सिंह मीणा, बिहारीलाल बिश्नोई, वासुदेव देवनानी, शंकर सिंह रावत, हमीर सिंह भायल, अविनाश गहलोत, गोपीचंद मीणा, जोराराम कुमावत, अमृत लाल मीणा और सुमित गोदारा के नाम प्रमुख हैं. इसी तरह वरिष्ठ कांग्रेस विधायक भरत सिंह, मदन प्रजापत और शकुंतला रावत भी इस सूची में शामिल हैं. निर्दलीय विधायकों में बलजीत यादव, सुरेश टांक और लक्ष्मण मीणा भी मौजूदा सूची में शामिल हैं.

पढ़ें : Special : पायलट के फील्ड दौरों से बढ़ी राजस्थान की सियासी हलचल, विधायकों की दूरी लेकिन जनता का जबरदस्त समर्थन

रामलाल शर्मा 99 के फेर में उलझे, कहा- अब एक सवाल भी क्या लगाऊं : वहीं, चौमूं से विधायक और भाजपा प्रदेश मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने मौजूदा सत्र में 99 सवाल लगा दिए हैं. 9 सितंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के लिए जब उन्होंने विधानसभा सचिवालय में 10 तारांकित और 20 अतारांकित सवाल भेजे तो उन्हें भी नियमों का हवाला देते हुए निवेदन किया गया कि अब केवल एक ही सवाल वे लगा सकते हैं. ऐसे में शर्मा ने कहा कि अब एक सवाल लगा कर भी क्या करूंगा.

राजेंद्र राठौड़ ने कहा- ये है सदस्यों का विशेषाधिकार हनन, विस. सचिव को लिखा पत्र : इस बार सदन में सवाल लगाने से महरूम रहे प्रतिपक्ष के उपनेता राजन राठौड़ ने मौजूदा घटनाक्रम को विधानसभा सदस्यों का विशेषाधिकार हनन करार दिया है. इस संबंध में उन्होंने विधानसभा सचिव को एक पत्र भी लिखा है. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सरकार ने जानबूझकर पिछला विधानसभा सत्र का सत्रावसान नहीं किया. जिसके चलते इसी बजट सत्र में मानसून सत्र भी शामिल हो गया और सक्रिय विधायक सदन में सरकार से सवाल पूछने से भी महरूम रह जाएंगे. राठौड ने इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया है कि वे अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए सदस्यों को सवाल पूछने का मौका दें.

जयपुर. आगामी विधानसभा सत्र को लेकर गहलोत सरकार के लिए राहत की खबर है. ऐसा इसलिए, क्योंकि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ के साथ ही कई दिग्गज विधायक प्रदेश सरकार पर सवालों की बौछार नहीं कर पाएंगे.

इन नियमों ने रोके विधायकों के सवाल : दरअसल, 9 सितंबर से शुरू होने जा रहा यह सत्र छठे सत्र का ही अगला चरण है. मतलब सरकार ने पिछली बार सत्रावसान नहीं किया था, जबकि विपक्ष से जुड़े कई विधायकों ने जो प्रश्न लगाने का अपना कोटा इसी सत्र के पहले चरण में पूरा कर लिया था. अब जब सत्र का दूसरा चरण सरकार ने बुलाया है, तब विधायकों ने विधानसभा सचिवालय में प्रश्न लगा है तो उन्हें नियमों का हवाला देते हुए प्रश्न लगाने से इनकार कर दिया गया. इसमें करीब 25 विधायक हैं, जिनमें अधिकतर विपक्षी दल भाजपा के दिग्गज नेता शामिल हैं.

क्या कहते हैं राजेंद्र राठौड़...

ये विधायक नहीं लगा पाएंगे सदन में सवाल : 4 सितंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के सत्र में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़, भाजपा विधायक और प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रकांता मेघवाल, धर्म नारायण जोशी, नारायण सिंह देवल, प्रताप सिंह सिंघवी, फूल सिंह मीणा, बिहारीलाल बिश्नोई, वासुदेव देवनानी, शंकर सिंह रावत, हमीर सिंह भायल, अविनाश गहलोत, गोपीचंद मीणा, जोराराम कुमावत, अमृत लाल मीणा और सुमित गोदारा के नाम प्रमुख हैं. इसी तरह वरिष्ठ कांग्रेस विधायक भरत सिंह, मदन प्रजापत और शकुंतला रावत भी इस सूची में शामिल हैं. निर्दलीय विधायकों में बलजीत यादव, सुरेश टांक और लक्ष्मण मीणा भी मौजूदा सूची में शामिल हैं.

पढ़ें : Special : पायलट के फील्ड दौरों से बढ़ी राजस्थान की सियासी हलचल, विधायकों की दूरी लेकिन जनता का जबरदस्त समर्थन

रामलाल शर्मा 99 के फेर में उलझे, कहा- अब एक सवाल भी क्या लगाऊं : वहीं, चौमूं से विधायक और भाजपा प्रदेश मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने मौजूदा सत्र में 99 सवाल लगा दिए हैं. 9 सितंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के लिए जब उन्होंने विधानसभा सचिवालय में 10 तारांकित और 20 अतारांकित सवाल भेजे तो उन्हें भी नियमों का हवाला देते हुए निवेदन किया गया कि अब केवल एक ही सवाल वे लगा सकते हैं. ऐसे में शर्मा ने कहा कि अब एक सवाल लगा कर भी क्या करूंगा.

राजेंद्र राठौड़ ने कहा- ये है सदस्यों का विशेषाधिकार हनन, विस. सचिव को लिखा पत्र : इस बार सदन में सवाल लगाने से महरूम रहे प्रतिपक्ष के उपनेता राजन राठौड़ ने मौजूदा घटनाक्रम को विधानसभा सदस्यों का विशेषाधिकार हनन करार दिया है. इस संबंध में उन्होंने विधानसभा सचिव को एक पत्र भी लिखा है. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सरकार ने जानबूझकर पिछला विधानसभा सत्र का सत्रावसान नहीं किया. जिसके चलते इसी बजट सत्र में मानसून सत्र भी शामिल हो गया और सक्रिय विधायक सदन में सरकार से सवाल पूछने से भी महरूम रह जाएंगे. राठौड ने इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया है कि वे अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए सदस्यों को सवाल पूछने का मौका दें.

Last Updated : Aug 27, 2021, 7:07 AM IST
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