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प्रशासन शहरों के संग अभियान से विकास कार्य न हो जाए बाधित, 6 माह तक बंटेगा पट्टा...अभियान सफल बनाने में जुटा जेडीए अमला

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Published : Oct 5, 2021, 10:45 PM IST

प्रशासन शहरों के संग अभियान की शुरुआत के साथ पूरा जयपुर विकास प्राधिकरण पट्टे वितरित करने के लक्ष्य को पूरा करने में जुटा हुआ है. ऐसे में शहर में विकास संबंधी अन्य कार्य लटक सकते हैं. कई प्रोजेक्ट फिलहाल पूर्ण होने की बाट जोह रहे हैं.

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प्रशासन शहरों के संग अभियान

जयपुर. जयपुर विकास प्राधिकरण के पास प्रशासन शहरों के संग अभियान में एक लाख पट्टे बांटने का लक्ष्य है. ऐसे में पूरा जेडीए अमला अभियान को सफल बनाने में जुटा हुआ है. यही वजह है कि अब सवाल जेडीए के डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को लेकर उठ रहे हैं क्योंकि अभियान 6 महीने तक चलना है. ऐसे में शहर में होने वाले विकास कार्य इस अभियान की भेंट न चढ़ जाएं.

प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएमएस में मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 300 करोड़ की लागत से 22 मंजिला आरपीडी टावर बनाया जाना है. शहर के सौंदर्यीकरण के नजरिये से जवाहर सर्किल, स्टेच्यू सर्किल, लक्ष्मी मंदिर तिराहा जबकि ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए B2 बाइपास, रामबाग सर्किल, ओटीएस तिराहा सहित नौ रनिंग प्रोजेक्ट हैं. शहर में बढ़ते यातायात दबाव के मद्देनजर नए प्रोजेक्ट लाए गये हैं. इनमें से दो प्रोजेक्ट की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी हो चुकी है. इसके अलावा शहर वासियों को दो प्रमुख सोडाला एलिवेटेड रोड और झोटवाड़ा एलिवेटेड रोड निर्माण का कार्य पूरा होने का भी इंतजार है.

प्रशासन शहरों के संग अभियान

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द्रव्यवती नदी भी अपने अंतिम स्वरूप की बाट जोह रही है. इसके अलावा बस्सी आरओबी का काम सितंबर तक पूरा होना था, लेकिन अक्टूबर शुरू हो गया है और कार्य अभी पूरे होने के आसार नहीं दिख रहे हैं. इन प्रोजेक्ट्स के इतर जेडीए प्रशासन शहरों के संग अभियान के लक्ष्य को प्राप्त करने में जुटा हुआ है. इससे कहीं ना कहीं अब इन प्रोजेक्ट के डिले होने जैसे सवाल उठने लगे हैं. हालांकि जेडीसी ने बताया कि जयपुर विकास प्राधिकरण के बड़े प्रोजेक्ट्स पर इंजीनियरिंग सेल पहले की तरह ही काम करती रहेगी.

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द्रव्यवती नदी

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कॉलोनियों का नियमन होगा और इंटरनल डेवलपमेंट (सड़क, स्ट्रीट लाइट सीवरेज) का काम करवाने के लिए कॉन्ट्रैक्ट कर रहे हैं. इसके अधिकतर जोन में टेंडर जारी हो चुके हैं. इससे योजना का नियमन शिविर लगने के साथ ही विकास कार्य भी कराए जा सकेंगे. इन नियमन शिविरों से जेडीए को बड़ा राजस्व मिलेगा जिससे ज्यादा विकास कार्य हाथ में लिए जा सकेंगे. उन्होंने कहा कि जहां तक लैंड रिलेटेड वर्क और डेवलपमेंट वर्क का सवाल है. जेडीए में दोनों काम डिवाइड किए हुए हैं, इंजीनियरिंग सेल का काम सिर्फ डेवलपमेंट वर्क पर फोकस करने का है.

बहरहाल, जेडीए के सामने रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के अलावा न्यू ट्रांसपोर्ट नगर, सेंट्रल स्पाइन, वेस्ट वे हाइट्स, लोहामंडी जैसे कई प्रोजेक्ट और हैं. इसके साथ ही कुछ जगह सेक्टर रोड का काम भी पेंडिंग है जिन्हें अभियान के दौरान गति देना जेडीए के लिए किसी चुनौती से कम नहीं.

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