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World Water Day: 'विश्व जल दिवस' पर बोले जलदाय मंत्री, 'जल की बचत ही जल का उत्पादन है'

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Published : Mar 22, 2022, 4:10 PM IST

'विश्व जल दिवस' के अवसर पर जलदाय मंत्री डॉ महेश जोशी ने एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि जल की बचत ही जल का उत्पादन (Mahesh Joshi on water conservation) है. उन्होंने कहा कि जीवन के लिए हवा के बाद पानी की सर्वाधिक आवश्यकता वाला तत्व है, लेकिन प्राकृतिक रूप से मिलने वाले इन तत्वों के उपयोग एवं प्रबंधन में मानव लापरवाही बरतता है.

Mahesh Joshi on water conservation
'विश्व जल दिवस' पर बोले जलदाय मंत्री, 'जल की बचत ही जल का उत्पादन है'

जयपुर. जल की बचत और संरक्षण हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है. सभी लोग अपने दैनिक जीवन में पानी को बचाने के संकल्प के साथ इसके अधिकतम सदुपयोग की आदत बनाएं, क्योंकि जल की बचत ही जल का उत्पादन है. यह बात विश्व जल दिवस पर जलदाय मंत्री डॉ महेश जोशी ने मंगलवार को कही.

डॉ जोशी मंगलवार को जयपुर में 'विश्व जल दिवस' के अवसर पर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) तथा जल एवं स्वच्छता सहयोग संगठन (डब्ल्यूएसएसओ) की ओर से आयोजित पोस्टर विमोचन कार्यक्रम (Poster unveiled on World Water day in Jaipur) को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे. जलदाय मंत्री ने कहा कि जीवन के लिए हवा के बाद पानी ही सर्वाधिक आवश्यकता वाला तत्व है, जो हमें प्रकृति से मिलता है. लेकिन यह मानवीय स्वभाव हो गया है कि जो चीजें हमें प्राकृतिक रूप से मिलती है, व्यक्ति उनके उपयोग और प्रबंधन के मामले में लापरवाह होता जा रहा है.

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उन्होंने कहा कि मानव की ओर से जब भी पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रहों पर जीवन की खोज की जाती है, तो वहां सबसे पहले पानी की तलाश की जाती है. पानी की खोज ही यह बताती है कि वहां कभी जीवन रहा होगा. इसलिए यह कहा जाता है कि जल है तो जीवन है. आज इसी परिप्रेक्ष्य में जल को सहेजते हुए उसके प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाने की जरूरत है.

डॉ. जोशी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा पूरी दुनिया में जल संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए आज के दिन को ‘विश्व जल दिवस‘ के रूप में मनाया जाता है. सभी को इस जिम्मेदारी के लिए सचेत करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2018 से 2028 के दशक को जल कार्यवाही दशक घोषित किया है.

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जलदाय राज्यमंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने कहा कि जल की उपलब्धता की स्थिति सभी को पता है. लगातार अत्यधिक दोहन के कारण भूजल की स्थिति खराब होती जा रही है. यह समय की मांग है कि हम भूजल के दोहन के साथ-साथ रिचार्ज के प्रति भी सजगता से ठोस प्रयास करें. इसी से आने वाला कल हमारे लिए सुरक्षित हो सकेगा. कार्यक्रम में जलदाय मंत्री डॉ. जोशी और जलदाय राज्य मंत्री बामनिया ने विश्व जल दिवस पर विशेष पोस्टर 'जल की हर बूंद है अनमोल, समझो इसका मोल' का विमोचन किया.

अ​लवर में जल के लिए विरोध प्रदर्शन: अलवर के वार्ड नंबर 34 विवेकानंद नगर के लोगों ने जलदाय विभाग के कार्यालय में विरोध प्रदर्शन किया. स्थानीय लोग जलदाय विभाग के कार्यालय के गेट पर बैठ गए व जमकर नारेबाजी की. महिलाओं ने जलदाय विभाग के अधिकारियों का घेराव किया और विरोध दर्ज कराया. महिलाओं ने कहा कि एक साल से पानी की दिक्कत है. लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिलता. कई बार इस समस्या से काला कुआं स्थित जलदाय विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ.

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महिलाओं ने मटके फोड़ कर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान मौजूद जलदाय विभाग के अधिकारियों ने जल्द क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि जो ट्यूबवेल खराब हैं, उनको ठीक कराया जाएगा. साथ ही क्षेत्र में नए ट्यूबवेल खोदकर लोगों को पानी सप्लाई किया जाएगा. वहीं स्थानीय लोगों ने कहा कि अगर जल्द ही जलदाय विभाग की तरफ से कोई समाधान नहीं किया गया, तो वो लोग जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. गर्मी में पानी की आवश्यकता होती है. सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है.

गौरतलब है कि अलवर में पानी के इंतजाम नहीं होने के कारण पूरा जिला ट्यूबवेल के भरोसे है. जिले की आबादी 40 लाख से ज्यादा है. गर्मी के मौसम में शहर में प्रतिदिन 90 एमएलडी पानी की आवश्यकता होती है. जलदाय विभाग 50 एमएलडी पानी सप्लाई कर पाता है. पानी की कमी के चलते लोग परेशान होते हैं.

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