JDA ने नींदड़ के किसानों के आरोपों को किया खारिज, कहा- किसान खुद दो गुटों में बंटे हैं

author img

By

Published : Feb 11, 2020, 6:39 PM IST

नींदड़ किसान, जेडीए जयपुर, जयपुर लेटेस्ट खबर, jaipur latest news, jda jaipur, nindar kisan
जेडीए ने नींदड़ के किसानों के आरोपों को किया खारिज ()

जेडीए ने नींदड किसानों को बांटने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. जेडीए का कहना है कि उन्होंने कभी भी किसानों को गुटों में बांटने की बात नहीं कही है, किसानों ने स्वत: ही गुट बनाए हैं.

जयपुर. जेडीए कमेटी ने किसानों को अवाप्त की गई जमीन को वापस नहीं करने और दोबारा अवार्ड पारित नहीं करने का दो टूक जवाब दिया. जिस पर किसानों ने अब जेडीए से वार्ता करने से मना कर दिया है. वहीं, जेडीए प्रशासन अभी भी वार्ता का द्वार खुला होने की बात कहते हुए किसानों से मिले तीन प्रस्ताव पर मंथन कर रहा है.

जेडीए ने नींदड़ के किसानों के आरोपों को किया खारिज

दरअसल, जेडीए की नींदड़ आवासीय योजना को लेकर पहले किसान भूमि अवाप्ति कानून 2013 के तहत मुआवजे की मांग कर रहे थे, लेकिन जेडीए के साथ हुई तीसरे दौर की वार्ता में किसानों ने अपनी प्राथमिकता बदलते हुए विकसित भूखंड 25% से 35% करने की मांग की. जिसे जेडीए ने कानून सम्मत नहीं बताया. साथ ही किसानों को बांटने के आरोप को भी खारिज किया.

यह भी पढे़ं- भीलवाड़ाः बिजली की बढ़ी दरों को लेकर उद्योगपतियों का हल्ला बोल, जमकर किया विरोध-प्रदर्शन

हमने नहीं बांटा किसानों को- जेडीए

जोन उपायुक्त मनीष फौजदार ने बताया कि जेडीए ने कभी भी किसानों को बांटने का काम नहीं किया. प्रशासन के लिए सभी किसान बराबर हैं और जो भी यहां वार्ता के लिए आएंगे, उनके लिए द्वार हमेशा खुले हैं. उन्होंने बताया कि नींदड़ की 43 फीसदी जमीन किसानों ने समर्पित कर दी है और ये क्रम लगातार जारी है. उन्होंने जेडीसी की ओर से बनाई गई कमेटी की ओर से नींदड़ संघर्ष समिति के प्रस्तावों पर विधिक और वित्तीय स्तर पर मंथन किए जाने की बात कही.

नींदड़ के किसानों के पास मंगलवार पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता सवाई सिंह सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता भी पहुंचे. हालांकि अब बड़ी संख्या में किसानों ने अपनी जमीन समर्पित की है, लेकिन जब तक सभी किसानों की ओर से जमीन समर्पित नहीं कर दी जाती, तब तक इस योजना को डेवलप नहीं किया जा सकता. ऐसे में 10 साल से चल रहे नींदड़ आवासीय योजना का विवाद फिलहाल सुलझता नहीं दिख रहा.

Intro:जयपुर - जेडीए कमेटी ने किसानों को अवाप्त की गई जमीन को वापस नहीं करने और दोबारा अवार्ड पारित नहीं करने का दो टूक जवाब दिया। जिस पर किसानों ने अब जेडीए से वार्ता करने से मना किया है। वहीं जेडीए प्रशासन अभी भी वार्ता का द्वार है खुला होने की बात कहते हुए किसानों से मिले तीन प्रस्ताव पर मंथन कर रहा है।


Body:जेडीए की नींदड़ आवासीय योजना को लेकर पहले किसान भूमि अवाप्ति कानून 2013 के तहत मुआवजे की मांग कर रहे थे। लेकिन जेडीए के साथ हुई तीसरे दौर की वार्ता में किसानों ने अपनी प्राथमिकता बदलते हुए विकसित भूखंड 25% से 35% करने की मांग की। जिसे जेडीए ने कानून सम्मत नहीं बताया। साथ ही किसानों को बांटने के आरोप को भी खारिज किया। इस संबंध में जोन उपायुक्त मनीष फौजदार ने बताया कि जेडीए ने कभी भी किसानों को बांटने का काम नहीं किया। प्रशासन के लिए सभी किसान बराबर हैं। और जो भी यहां वार्ता के लिए आएंगे, उनके लिए द्वार हमेशा खुले हैं। उन्होंने बताया कि नींदड़ की 43 फ़ीसदी जमीन किसानों ने समर्पित कर दी है। और ये क्रम लगातार जारी है। उन्होंने जेडीसी द्वारा बनाई गई कमेटी की ओर से नींदड़ संघर्ष समिति के प्रस्तावों पर विधिक और वित्तीय स्तर पर मंथन किये जाने की बात कही।
बाईट - मनीष फौजदार, जोन उपायुक्त


Conclusion:उधर, नींदड़ के किसानों के पास आज पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता सवाई सिंह सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता भी पहुंचे। हालांकि अब बड़ी संख्या में किसानों ने अपनी जमीन समर्पित की है। लेकिन जब तक सभी किसानों की ओर से जमीन समर्पित नहीं कर दी जाती। तब तक इस योजना को डेवलप नहीं किया जा सकता। ऐसे में 10 साल से चल रहे नींदड़ आवासीय योजना का विवाद फिलहाल सुलझता नहीं दिख रहा।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.