जयपुर. गर्मियों में राजस्थान को पानी की किल्लत से जूझना पड़ता है. जलदाय विभाग की ओर से गर्मियों के लिए कई विशेष योजना बनाई जाती है, ताकि लोगों को पानी के लिए परेशान ना होना पड़े. इसी कड़ी में अब आगामी दिनों में तेज गर्मी को देखते हुए जलदाय विभाग की ओर से जयपुर सहित प्रदेश के लिए कई व्यवस्थाएं की गई हैं. देखें ये खास रिपोर्ट
जयपुर शहर में 39 लाख लोगों की आबादी निवास करती है. इनमें से 6 लाख की आबादी ऐसे हैं, जहां पानी सप्लाई नहीं की जा रही. गर्मियों में यह आबादी पानी के लिए तरसती है. बीसलपुर पानी से वंचित इन लाखों लोगों को ट्यूबवेल, बोरिंग और टैंकरों के जरिए पानी सप्लाई किया जा रहा है. गर्मियों को देखते हुए जलदाय विभाग टैंकरों के पैरों की संख्या बढ़ा देता है. फिलहाल, जयपुर शहर में 225 टैंकरों के जरिए 1400 फेरे लगाए जा रहे हैं और आगामी गर्मियों में इन टैंकरों की संख्या ढाई हजार तक बढ़ाई जाएगी. जयपुर शहर में 466 सोसाइटी के ट्यूबवेल बने हुए हैं. यह ट्यूबवेल जलदाय विभाग की ओर से बनाए जाते हैं और इसके बाद इन सोसायटीओं को दे दिए जाते हैं और सोसाइटी ही वर्ष की देखभाल करती है.
बीसलपुर से पानी सप्लाई की स्थिति...
जयपुर शहर के लिए बीसलपुर बांध से प्रतिदिन 440 एमएलडी पानी लिया जा रहा है. इसके अलावा ट्यूबवेल से 193 एमएलडी पानी जयपुर शहर में सप्लाई किया जा रहा है. जयपुर शहर में 633 एमएलडी पानी सप्लाई किया जा रहा है. जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जाएगी, वैसे-वैसे सप्लाई को बढ़ाया जाएगा. जयपुर शहर के टेल ऐंड के स्थानों पर गर्मियों में अधिक पानी सप्लाई किया जा रहा है. टेल एन्ड स्थानों पर नियमित पानी प्रेशर कम होने के कारण नहीं पहुंच पाता. ऐसे में इन स्थानों पर रहने वाले लोग गर्मियों में ज्यादा परेशान होते हैं. इसलिए जलदाय विभाग की ओर से ऐसे स्थानों पर टैंकरों से पानी सप्लाई किया जाता है, ताकि लोगों को कुछ राहत मिल सके.
पेयजल सप्लाई की मॉनिटरिंग...
राज्य सरकार ने प्रदेश में गर्मियों के सीजन के मद्देनजर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध रूप से स्वच्छ पेयजल आपूर्ति और सभी जिलों में चल रही विभिन्न पेयजल परियोजनाओं के समय पर पूरी करने के लिए उच्च स्तर से मॉनिटरिंग करने का निर्णय किया है. विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने आदेश जारी कर कई चीफ इंजीनियर और एडिशनल चीफ इंजीनियरों का अलग-अलग जिलों का प्रभारी भी नियुक्त किया है. यह प्रभारी रिपोर्ट तैयार कर जलदाय मंत्री और अतिरिक्त मुख्य सचिव को देंगे. अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांशु पंत ने सभी मुख्य अभियंता और अतरिक्त मुख्य अभियंताओं को अपने अपने प्रभार वाले जिलों को दौरा करने के निर्देश भी दिए हैं. सभी चीफ इंजीनियर्स एवं एडिशनल चीफ इंजीनियर्स को निर्देश दिए गए हैं कि वे हेड पंप रिपेयरिंग अभियान की प्रगति का जायजा लेने के लिए चुनिंदा साइट्स का दौरा करें.
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गर्मियों के लिए कंटीन्जेसी प्लान...
पिछले 2 वर्षों से लगातार गर्मियों के मौसम में कंटीन्जेसी प्लान बनता रहा है. इस बार भी गर्मियों के मौसम में कंटीन्जेसी प्लान बनाने का निर्देश जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने अधिकारियों को दिया है. सभी जिला कलेक्टर को 50-50 लाख रुपए की राशि कंटीन्जेसी प्लान के तहत मंजूर किये जा चुके हैं. गर्मियों में अतिरिक्त कार्य का देखते हुए विभाग में अतिरिक्त वाहनों और संविदा श्रमिकों की भी स्वीकृति दे दी गई है. जयपुर जिले में कंटीन्जेसी प्लान के तहत पंप, पाइप लाइन और ट्यूबवेल बनाने के लिए मंजूरी हो चुकी है और टेंडर भी निकाल दिए गए हैं.
69 करोड़ से अधिक की राशि मंजूर...
सरकार की ओर से प्रदेश में गर्मी के सीजन में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जल परिवहन की व्यवस्था के लिए अप्रैल से जुलाई की अवधि के लिए 69 करोड़ 56 लाख 95 हजार रुपये की प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है. शहरी क्षेत्र के लिए 27 करोड़ और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 41 करोड़ से अधिक की राशि मंजूर की गई है. जयपुर जिले के शहरी क्षेत्र के लिए 8 करोड़ 58 लाख 10 हजार और ग्रामीण क्षेत्र के लिए 95 लाख रुपए जल परिवहन के लिए मंजूर किये गये हैं.
24 घंटे सक्रिय रहेगा नियंत्रण कक्ष...
गर्मियों में पेयजल संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए जयपुर में अतिरिक्त मुख्य अभियंता जयपुर के गांधी नगर स्थित कार्यालय में 1 अप्रैल से नियंत्रण कक्ष भी स्थापित कर दिया गया है. यह नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्य करेगा. इस कंट्रोल रूम में उपभोक्ता अपने संबंधित शिकायतों और समस्या को दर्ज करा सकता है. शिकायत के लिए उपभोक्ता व्हाट्सएप नबर और दूरभाष पर संपर्क कर सकता है. इस नियंत्रण कक्ष के व्हाट्सएप नंबर 7340015000 है, दूरभाष नंबर 0141-2706624 है. व्हाट्सएप नंबर पर कॉल की सुविधा नहीं दी गई है, व्हाट्सएप नंबर पर मैसेज या फोटो शेयर कर अपनी समस्या उपभोक्ता बता सकता है.
विभाग की ओर से यह कार्य भी किए गए...
टैंकरों से जलापूर्ति करने के लिए 3 कूपन सिस्टम की सभी जिलों में पालना करने के निर्देश दिए गए हैं. इसकी मॉनिटरिंग जीपीएस और ओटीपी व्यवस्था से की जा रही है. प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 4937 हेडपंप और 2272 ट्यूबवेल की कमिशनिंग की गई है. गर्मी को देखते हुए 44 पर हैंडपंप मरम्मत अभियान के तहत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 2 लाख और शहरी क्षेत्र में 28 हजार से अधिक हैंडपंपों की मरम्मत की गई है. इसके अलावा 421 अतिरिक्त वाहनों और 2500 संविदा श्रमिकों की स्वीकृति जारी की गई है. पूरे प्रदेश में अवैध कनेक्शनों के खिलाफ एक अभियान शुरू किया गया है. यह अभियान 3 महीने चलेगा, ताकि वह वैध कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं को गर्मियों में पर्याप्त पेयजल उपलब्ध हो सके.
बिना अनुमति अवकाश नहीं लेंगे अधिकारी...
गर्मियों में पेयजल व्यवस्था के समुचित प्रबंधन के लिए जलदाय विभाग की ओर से एक आदेश जारी किया गया है. इस आदेश के तहत जलदाय विभाग के अधिकारी और कर्मचारी बिना पूर्व अनुमति के ना तो अवकाश ले सकेंगे और ना ही मुख्यालय छोड़ सकेंगे. यदि बिना अनुमति कोई भी अधिकारियों-कर्मचारी गैरहाजिर मिलता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. आवश्यक कार्य होने पर किसी अधिकारी व कर्मचारी को अवकाश लेना है, तो उसे अपने वरिष्ठ एवं सक्षम अधिकारी से पूर्व में अनुमति लेनी होगी.
गर्मियों में इन इलाकों में रहती है पानी की किल्लत...
जयपुर शहर के उन इलाकों में गर्मियों में ज्यादा पानी की किल्लत रहती है, जो इलाके बीसलपुर लाइन से जुड़े हुए नहीं है. इनमें दिल्ली रोड की स्थित जयसिंहपुरा ख़ोर, आमेर, जामडोली, ख़ो नागोरियान, पृथ्वीराज नगर, हरमाड़ा, आमेर ऐसे इलाके हैं, जहां बीसलपुर का पानी नहीं पहुंचा है. हालांकि, विभाग की ओर से यहां टैंकरों से पानी सप्लाई की व्यवस्था की जाती है, जो नाकाफी है. लोगों के पास 10 से 15 दिन में एक बार टैंकर का पहुंचता है और उसमें भी कई बार आपस में नोकझोंक देखने को मिलती है. लोग प्राइवेट टैंकर मंगाने को मजबूर हो जाते हैं, जिसकी कीमत 400 से 500 रुपये होती है.