जयपुर. विश्व प्रसिद्ध जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का 15वां संस्करण (JLF 2022 In New Look) बीते 5 मार्च से शुरु हो चुका है, जो 14 मार्च तक इस साहित्य की महफिल में काव्य के विभिन्न रंगों की बारिश करेगा. 10 दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में आज से लाइव सेशन शुरू होंगे. इस बार खासकर पर्यावरण पर आधारित कई सत्र देखने को मिलेंगे, जिसमें जलवायु संकट में मानव की भूमिका पर चर्चा प्रमुख विषय है. इसके साथ ही यूक्रेन रूस विवाद, काव्य यात्रा, इतिहास के पन्नों से महाराणा प्रताप और उनके चेतक, देश में चल रहे हिजाब के ज्वलंत मुद्दे पर भी सेशन होंगे.
जिन लोगों को संगीत का शौक है, उनके लिए यह फेस्टिवल (Jaipur Literature Festival 2022) हर रोज बेहतरीन संगीत के साथ शुरू होगा. जिससे दिनभर के आगे के कार्यक्रम का जबरदस्त स्टेज सेट होगा. सुबह के संगीत के बाद लोकप्रिय जयपुर म्युजिक स्टेज 10 से 12 मार्च तक अपनी इस फेस्टिवल में प्रस्तुति देगा. इस दौरान कुछ बेहतरीन कलाकार अपने संगीत से लोगों का दिल जीतेंगे. जिसमें भारत के अलग अलग क्षेत्रों से संगीतज्ञ आएंगे. 13 मार्च को फेस्टिवल में दिल को छू लेने वाली शाम होगी जिसमें हमारी महान धरोहर को दर्शाया जाएगा.
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इस फेस्टिवल में तमाम पब्लिशर, लिटरेचर एजेंट, अनुवादकों, लेखकों को मंच मिलेगा. इस फेस्टिवल में आने वालों लोगों के पास भारत के बेहतरीन कामगारों के काम को देखने का भी मौका मिलेगा. होटल क्लार्क्स आमेर में पांच दिन तक सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक लोग लजीज व्यंजन और उत्पाद खरीद सकते हैं. इसमें बेहतरीन डिजाइन के कपड़े, स्टेशनरी, ज्वेलरी, जूते, घर की सज्जा के फर्नीचर भी मिलेंगे. रात में लगने वाले फेस्टिवल में सेशन के साथ बेहतरीन व्यंजनों का लुत्फ भी उठा सकेंगे. इस दौरान उन्होंने कहा कि लिटरेचर फेस्टिवल में होने वाले लाइव सेशन के सब्जेक्ट विवाद का नहीं, बल्कि यहां आने वाले साहित्य प्रेमियों को सोचने और समझने का मौका देगा.
होटल क्लार्क आमेर ग्रुप के एमडी अपूर्व कुमार ने बताया कि जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल से शुरुआत से जुड़े हुए हैं. उनकी तरफ से केसर क्यारी में ऑथर्स बॉल का आयोजन भी होता था और नाइट इवेंट भी होटल क्लार्क आमेर में ही होते आए हैं, लेकिन इस बार एक ही स्थान पर लाइव सेशन और सांस्कृतिक आयोजन होंगे. यहां कोविड प्रोटोकॉल के साथ-साथ सुरक्षा और पार्किंग की भी उचित व्यवस्था की गई है जिसमें प्रशासन का भी पूरा सहयोग मिला है.
आपको बता दें कि लंबे समय से डिग्गी पैलेस से जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल को शिफ्ट करने की कोशिश की जा रही थी, और इस बार ऐसा हो भी रहा है. इससे शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या, जेएलएफ को लेकर कन्जेस्टेड और पार्किंग की समस्या का भी समाधान हो जाएगा. हालांकि इस बार यहां पहुंचने वाले साहित्य प्रेमियों की संख्या को सीमित भी किया जा रहा है. बहरहाल, सालों पहले जयपुर की सरजमीं पर जिस जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का पौधा रखा गया था, वो आज वट वृक्ष का रूप लेते हुए इंटरनेशनल लेवल पर जाना जाने लगा है. कोरोना महामारी के बाद पहली बार ये बड़ा आयोजन हो रहा है. जिसको लेकर पांडाल सज चुका है, और अब कुछ घंटों बाद यहां साहित्य की गंगा बहती हुई नजर आएगी.