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Udaipur Killing: पुलिस तंत्र पर चला सत्ता का चाबुक, राज्य का इंटेलिजेंस अब भी अछूता...आखिर क्यों?

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Published : Jul 1, 2022, 12:46 PM IST

Updated : Jul 2, 2022, 7:02 AM IST

उदयपुर हत्याकांड हमलावरों के तार किस से और कहां से जुड़े थे इसकी जांच जारी है. गुरुवार को 32 IPS के तबादले हुए. इनमें उदयपुर के आईजी और एसपी का नाम भी शामिल है. उन पर तो ट्रांसफर की गाज गिर गई, लेकिन सवाल राज्य खुफिया तंत्र की नाकामी (Intelligence Failure in Udaipur Murder Case) को लेकर खड़े किए जा रहे हैं.

Udaipur Killing
राज्य का इंटेलिजेंस अब भी अछूता, क्यों?

उदयपुर. कन्हैयालाल की बर्बर हत्या (Udaipur Tailor Murder) के बाद प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल उठाए जाने लगे हैं. कन्हैयालाल ने मौत से पहले पुलिस में शिकायत की थी. उस पर ध्यान नहीं दिया गया और वो अपनी दुकान पर मारा गया (Udaipur Murder case). उसकी Complaint को गंभीरता से न लिए जाने और लापरवाही बरतने पर SHO गोविंद सिंह और एसआई भंवरलाल को सरकार ने पहले ही सस्पेंड कर दिया. गुरुवार रात इस मामले की गाज उदयपुर आईजी हिंगलाज दान और एसपी मनोज कुमार पर भी पड़ गई. इनका तबादला कर दिया गया.

रियायत रही अखर: अंदरखाने सवाल कुलबुलाने लगे हैं कि इस लैप्स के लिए पुलिस ही क्यों? प्रदेश का खुफिया तंत्र जवाबदेह क्यों नहीं? Intelligence का फेल्युर ही है (Intelligence Failure in Udaipur Murder Case) कि ऐसे असमाजिक तत्वों की निशानदेही नहीं हो पाई जो उदयपुर में सक्रिय थे और किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते थे. हैरानी होती है ये जानकर कि जिस इंटेलिजेंस के पास हर अपराधी की 'कुंडली' होती है उस इंटेलिजेंस को ये पता नहीं चला कि उनके क्षेत्र में कोई ऐसा भी है जो पाकिस्तान में 45 दिन तक ट्रेनिंग लेकर आया है. प्रश्न उठ रहे हैं कि जब पुलिस महकमे में नीचे से ऊपर तक बदलाव कर दिया गया तो फिर बार-बार फेल हो रही पुलिस इंटेलिजेंस पर रियायत क्यों बरती जा रही है?

पुलिस तंत्र पर चला सत्ता का चाबुक

पढ़ें-उदयपुर हत्याकांड के बाद आईजी और एसपी पर गिरी गाज, देर रात सरकार ने दोनों बदले...32 IPS अधिकारियों का तबादला

मंत्रियों के बयान कन्फ्यूज कर रहे: जिस दिन से उदयपुर की घटना हुई है पुलिस से ज्यादा खुफिया तंत्र की नाकामी को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इस मामले में गृह राज्य मंत्री ने इसे अचानक हुई घटना बता पुलिस इंटेलिजेंस को क्लीन चिट देने का प्रयास किया. फिर कहा कि आतंकी गौस मोहम्मद साल 2014-15 में कराची में 45 दिन ट्रेनिंग ले चुका है और साल 2019 में अरब देशों की यात्रा पर था. मंत्री के मुताबिक पिछले साल गौस मोहम्मद दूसरे हमलावर रियाज के साथ नेपाल भी गया था. मंत्री जी की यही बातें मामले को उलझाती हैं. सवाल उठाती हैं कि, क्या राजस्थान का खुफिया तंत्र इतना कमजोर है कि वो घटना को भांप नहीं पाया लेकिन 1 दिन में ही सरकार तक जानकारी पहुंचाने में कामयाब रहा कि दोनों आतंकियों का कनेक्शन पाकिस्तान से है. दूसरी ओर, राजस्थान के खाद्य मंत्री और पूर्व में उदयपुर के प्रभारी रहे प्रताप सिंह खाचरियावास भी खुफिया तंत्र के फेलियर पर न केवल नाराज दिखाई दे रहे हैं बल्कि मुख्यमंत्री को इसकी शिकायत करने की भी बात कह रहे हैं.

सांप्रदायिक तनाव से लेकर अब तक IB की बेखबरी: पुलिस इंटेलिजेंस सवालों के घेरे में है. आईबी की बेखबरी साल रही है. पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर आए आतंकी खुले में उदयपुर घूमते और आईबी को कानों कान खबर भी नहीं लगी. परतें खोली जाने लगी हैं. फेहरिस्त में 24 अप्रैल को करौली के हटवाड़ा बाजार में हिंदू संगठनों की रैली पर पथराव, जोधपुर के जालोरी में सांप्रदायिक तनाव, भीलवाड़ा में तनाव सब शामिल है. इन सभी मामलों में आईबी की सुस्ती स्पष्ट दिखी. कहा जा रहा है कि किसी भी मामले में जिला पुलिस को आईबी की ओर कोई इनपुट नहीं मिला.

Last Updated : Jul 2, 2022, 7:02 AM IST
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