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राज्य सरकार की संवेदनशील सोच का परिचायक है इंदिरा रसोई योजना: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

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Published : Aug 21, 2020, 2:20 AM IST

राजस्थान सरकार की ओर से गुरुवार को इंदिरा रसोई योजना की शुरुआत की गई. इस योजना के तहत हर वर्ष करीब 4.87 करोड़ लोगों को ताजा एवं पौष्टिक भोजन मिलेगा.

जयपुर समाचार, jaipur news
इंदिरा रसोई योजना की शुरुआत

जयपुर. गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को पूरे सम्मान और सेवाभाव के साथ मात्र 8 रुपए में भरपेट भोजन उपलब्ध करवाने के लिए गुरुवार को इंदिरा रसोई योजना का शुभारम्भ किया गया. सूचना क्रांति के प्रणेता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती सद्भावना दिवस के अवसर पर नारी सशक्तीकरण की प्रतीक पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर प्रारम्भ हुई. इस योजना के तहत हर वर्ष करीब 4.87 करोड़ लोगों को ताजा एवं पौष्टिक भोजन मिलेगा.

इंदिरा रसोई योजना की शुरुआत

सीएम अशोक गहलोत ने प्रदेशभर के 213 नगरीय निकायों में शुरू होने वाली 358 इंदिरा रसोई में से गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 325 रसोई का एक साथ शुभारम्भ किया. बाकी की शेष रसोइयां 31 अगस्त तक प्रारम्भ हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि महान नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने गरीबों, पिछड़ों, वंचितों एवं असहाय लोगों के कल्याण के लिए गरीबी हटाओ का नारा दिया और 20 सूत्रीय कार्यक्रम प्रारम्भ किया. साथ ही भारत को खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरित क्रांति जैसा सफल अभियान चलाया. उनकी स्मृति में राज्य सरकार ने इस योजना का शुभारम्भ किया है.

लाभार्थियों ने कहा बाजार में 10 रुपए की एक रोटी और इंदिरा रसोई में 8 रुपए में भरपेट भोजन

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जोधपुर, जयपुर, राजसमंद, गंगानगर, सिरोही, भरतपुर, कोटा, बांसवाड़ा सहित अन्य स्थानों पर प्रारम्भ हुई इंदिरा रसोई को संचालित करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों एवं लाभार्थियों से भी बात की. लाभार्थियाें ने इस योजना की शुरूआत पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि बाजार में जहां 10 रुपए में एक रोटी मिल पाती है. वहीं, इस योजना के माध्यम से गरीबों को मात्र 8 रुपए में भरपेट भोजन उपलब्ध कराना राज्य सरकार की जनकल्याणकारी भावना को दर्शाता है.

जनकल्याण की योजनाओं में स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण

मुख्यमंत्री ने इस योजना में सहयोग करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं को साधुवाद देते हुए कहा कि कोई भी भूखा न सोए के संकल्प को साकार करने की दिशा में इंदिरा रसोई एक बड़ा कदम है. उन्होंने कहा कि जनकल्याण की ऐसी योजनाओं में स्वयंसेवी संस्थाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण होती है. कोरोना के दौर में राज्य सरकार के प्रयासों के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाओं ने सेवा की भावना के साथ जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध करवाने में आगे बढ़कर जो सहयोग किया, वह सराहनीय है.

स्थानीय स्वाद के अनुसार मिलेगा भोजन

नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि इंदिरा रसोई योजना में लोगों को सम्मानपूर्वक बैठाकर ताजा एवं पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि भोजन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. साथ ही योजना में पूर्ण पारदर्शिता रखने के लिए ऑनलाइन मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित की जाएगी. भोजन का मेन्यू सभी स्थानों पर एक जैसा न होकर स्थानीय स्वाद के अनुसार होगा.

शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि पिछली सरकार में मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रदेश की महिलाओं, बुजुर्गों और जरूरमतंद परिवारों के सम्मान के लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन, निशुल्क दवा एवं जांच योजना जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं की शुरूआत की थी. अब इंदिरा गांधी के नाम पर गरीबों एवं जरूरतमंद लोगों के लिए ऐसी योजना की शुरुआत करना एक बेहतरीन पहल है.

शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग भवानी सिंह देथा ने योजना के संबंध में प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि इंदिरा रसोई योजना की शुरूआत रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड एवं अस्पताल जैसे भीड़ वाले स्थानों पर प्राथमिकता के साथ की जा रही है. जयपुर नगर निगम क्षेत्र में 20, कोटा एवं जोधपुर में 16-16, अजमेर, बीकानेर एवं उदयपुर में 10-10, भरतपुर नगर निगम क्षेत्र में पांच, 34 नगर परिषदों में तीन-तीन तथा 169 नगर पालिका क्षेत्रों में एक-एक रसोई प्रारम्भ की जाएगी. इस योजना पर प्रतिवर्ष राज्य सरकार 100 करोड़ रुपए व्यय करेगी.

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