राजस्थान: सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को रोकना पुलिस के लिए चुनौती, हर वर्ष हजारों लोग गंवा रहे जान

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Published : Apr 1, 2022, 11:50 AM IST

accidents in rajasthan a major challenge
राजस्थान में सड़क दुर्घटना के बढ़ते मामले ()

राजस्थान में सड़क दुर्घटना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. दुर्घटना को रोकने के लिए प्रदेश (increasing number of road accidents in rajasthan) में कई प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं. चालान के नाम पर हर साल करोड़ों रुपए वसूले जा रहे हैं, फिर भी सड़क दुर्घटना के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे. ऐसे में राजस्थान पुलिस के लिए ये बड़ा चैलेंज बन गया है. देखिए ये रिपोर्ट...

जयपुर. राजस्थान में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकना राजस्थान पुलिस के लिए एक बड़ी (accidents in rajasthan a major challenge) चुनौती बन गया है. दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई तरह के प्रोग्राम भी चलाए जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी दुर्घटनाओं में कमी नहीं आ पा रही है. लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के साथ ही नियमों की अवहेलना करने वाले लोगों के विरुद्ध लगातार मोटर व्हीकल एक्ट की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत चालान भी काटे जा रहे हैं. इसके बावजूद भी लापरवाही बरतने वाले लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं.

ऐसे में लोग अपनी गलती से खुद दुर्घटना का शिकार होते हैं या उनकी दूसरे लोग इसकी चपेट (rajasthan people negligence leads to road accident) में आ जाते हैं. प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए तमिलनाडू मॉडल को लागू किए जाने के लिए रोड मैप तैयार किया गया है. आईआईटी मद्रास के सहयोग से इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटा बेस प्रोजेक्ट (Integrated Road Accident Data Base Project) को लागू किया जा रहा है. इसके साथ ही ऐसे स्थान जहां पर सर्वाधिक सड़क हादसे घटित हो रहे हैं, उन्हें चिन्हित कर दुर्घटनाओं के कारणों का अध्ययन किया जा रहा है. इसके साथ ही जो खामियां निकल कर सामने आ रही हैं, उन्हें दूर करने का भी काम किया जा रहा है. हालांकि प्रदेश में ट्रैफिक पुलिस में कुल 6712 पुलिसकर्मियों के पद स्वीकृत हैं लेकिन वर्तमान में 3810 पुलिसकर्मी ही कार्यरत हैं. 2902 पुलिसकर्मियों की नफरी की कमी राजस्थान ट्रैफिक पुलिस में चल रही है.

राजस्थान में सड़क दुर्घटना के बढ़ते मामले

ब्लैक स्पॉट किए जा रहे चिन्हित: एडिशनल पुलिस कमिश्नर हैदर अली जैदी ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं (increasing number of road accidents in rajasthan) को रोकने के लिए ऐसे ब्लैक स्पॉट चयनित किए जा रहे हैं जहां पर सर्वाधिक हादसे घटित होते हैं. ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने के बाद ये देखा जाता है कि उस स्थान पर किसी तरह की कोई इंजीनियरिंग डिफेक्ट तो नहीं है. रोड टूटी हुई है या फिर और क्या कारण है जिसके चलते उस स्थान पर सर्वाधिक हादसे घटित हो रहे हैं. इन तमाम बिंदुओं का अध्ययन करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की जाती है.

उस रिपोर्ट के आधार पर यदि इंजीनियरिंग डिफेक्ट या सड़क की टूट-फूट से संबंधित कोई तथ्य सामने आते हैं, तो संबंधित विभाग को इस बारे में अवगत करवाकर उन खामियों को जल्द से जल्द दूर करने के लिए कहा जाता है. इसके साथ ही यदि किसी स्थान पर ओवर स्पीडिंग की गुंजाइश होती है तो वहां पर वाहनों की स्पीड डिटेक्ट करने वाले ऑटोमेटिक कैमरे इंस्टॉल किए जाते हैं. ताकि ओवर स्पीडिंग करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध कार्रवाई की जा सके.

चालक की लापरवाही से होती है दुर्घटना: हैदर अली जैदी ने बताया कि जितनी भी सड़क दुर्घटनाएं घटित होती हैं उसके पीछे का सबसे बड़ा कारण चालक की लापरवाही होता है. चालक के ओवर स्पीडिंग करने, मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने या फिर शराब पीकर वाहन चलाने के चलते ज्यादातर सड़क दुर्घटनाएं घटित होती है. इसके साथ ही सड़क पर अचानक किसी ब्लाइंड स्पॉट के आ जाने और उस स्थान पर भी वाहन की गति को कम नहीं करने के चलते भी सड़क दुर्घटनाएं घटित होती है.

accidents in rajasthan a major challenge
प्रदेश में पिछले 3 वर्षों में हुई इतनी सड़क दुर्घटनाएं

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इसके साथ ही खराब रास्तों पर तेज गति से वाहन दौड़ाने के चलते वाहनों में उत्पन्न हुई समस्या के चलते भी सड़क दुर्घटनाएं घटित होती है. हर दुर्घटना की गहनता से जांच कर उसकी रिपोर्ट तैयार की जाती है. लेकिन पुलिस के पास अभी इतने संसाधन मौजूद नहीं है, जिसके चलते दुर्घटनाओं के वास्तविक कारणों को उजागर किया जा सके. चालक की ट्रेनिंग, उसकी लाइसेंसिंग की प्रक्रिया और यातायात नियमों के पालन पर बहुत कुछ निर्भर करता है. यदि चालक यातायात नियमों की अवहेलना करते हुए ओवरलोड वाहन को तेज गति में दौड़ाता है तो हादसे की संभावना बेहद प्रबल हो जाती है.

हर साल वसूला जा रहा करोड़ों रुपए का जुर्माना: यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध पूरे प्रदेश में हर साल ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए करोड़ों रुपए का जुर्माना राशि वसूली जा रही है. साथ ही मोटर व्हीकल एक्ट में हुए संशोधन के बाद जुर्माना राशि में भी काफी बढ़ोतरी हुई है. इसके बावजूद भी लोग यातायात नियमों की अवहेलना करने से बाज नहीं आ रहे हैं. यदि बात वर्ष 2019 की करें तो पूरे प्रदेश में कुल 31 लाख 7 हजार 858 लोगों के चालान काटे गए. जिनसे कुल 48 करोड़ 5 लाख 77 हजार 834 रुपए की जुर्माना राशि वसूली गई. इसी प्रकार से वर्ष 2020 में 25 लाख 94 हजार 118 लोगों के चालान काटे गए. जिससे 53 करोड़ 20 लाख 33 हजार 262 रुपए की जुर्माना राशि वसूली गई. वहीं वर्ष 2021 में 30 लाख 97 हजार 306 लोगों के चालान काटे गए. जिनसे 74 करोड़ 78 लाख 85 हजार 153 रुपए की जुर्माना राशि वसूली गई.

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